आखिर कब से मनाई जाती है दिवाली? हर साल हिंदू दीयों का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। हम सभी यह जानते हैं कि दिवाली क्यों मनाई जाती है।भगवान राम जब रावण का वध करके अपने राज्य लौटे थे तो उनके स्वागत में पूरे अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था । तभी से हर साल, कार्तिक महीने में, देश के हर हिस्से में दिवाली मनाई जाती है।

कब से मनाई जाती है दिवाली?
दिवाली मनाने की शुरुआत भगवान राम के अयोध्या आने से ही शुरू हुई थी।इसका जिक्र पुराणों में मिलता है।वेद और पुराण के रचयिता रचयिता महर्षि वेदव्यास थे। रामायण काल लगभग 5112 BC माना जाता है।महर्षि वेदव्यास महाभारत काल के थे। इस आधार पर देखें तो दिवाली हजारों साल से मनाई जा रही है।
कितने दिन का होता है दिवाली
बहुत लोगों को लगता है कि दिवाली एक दिन का होता है पर दिवाली पूरे पांच दिनों का होता है ।
पहला दिन धनतेरस उत्सव मनाया जाता है। दुसरे दिन छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी तिसरे दिन मुख्य दिवाली चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भैया दूज मनाया जाता है।
मुगल शासनकाल में भी दिवाली मनाई जाती थी!
लाल किला के दिल्ली के रंग महल में मुगल बादशाह खुद मनाते थे दिवाली। दिवाली को वो जश्न-ए-चिराग के नाम से मनाते थे।इतिहासकारों के अनुसार दिवाली मनाने की शुरुआत अकबर ने आगरा से की थी। जिसे बाद के मुगल बादशाहों भी फॉलो करते रहे।शाहजहां ने आकाश दीया के नाम से एक विशाल दीया जलाना शुरू किया था। यह दिया 40 गज ऊंचे पोल पर लगी होती थी। यह न केवल लाल किले को चमकाती थी, इसके रोशनी से पूरे चांदनी चौक जगमगा जाती थी।
क्या है दिवाली का महत्व
हिंदुओं के लिए दिवाली मनाने के अलग धार्मिक मतलब हो सकता है, पर दूसरे धर्मों के लोग भी इसके अच्छाइयों को नहीं नकार सकते। दिवाली प्रकाश का त्यौहार है जो कि लोगों के मन में आनंद का संचार करता है. लोगों को पूरा शहर साफ करने का तथा गिले-शिकवे दूर करके एक होने का मौका देता है.।