Last Updated on 07/09/2020 by Sarvan Kumar
देवरिया भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक जिला है. उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में आने वाला यह जिला बिहार राज्य के सीमा पर स्थित है. यह जिला गोरखपुर प्रमंडल के अंतर्गत आता है. देवरिया शहर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है. इस जिले में एक महान संंत पैदा हुुए जिनका नाम था देेेेवराहा बाबा.कहते हैं की ये बाबा 250 साल तक जिंदा रहे थे. देवरिया जिला में कितने तहसील है? कितनी जनसंख्या है?आईये जानते हैं देवरिया जिला की पूरी जानकारी.
देवरिया जिला का इतिहास
जिले का नाम इसके मुख्यालय ‘देवरिया’ पर पड़ा है. ऐसा माना जाता है कि ‘देवरिया’ शब्द की उत्पत्ति ‘देवारण्य’ या ‘देवपुरिया’ से हुआ है, जिसका अर्थ होता है ऐसा स्थान जहां ढेर सारे मंदिर हों. कहा जाता है कि प्राचीन काल में इस स्थान पर घने जंगल हुआ करते थे जिनमें देवताओं का वास था. इस कारण इसे प्राचीन काल में ‘देवारण्य’ कहा जाता था. ऐसा कहा जाता है कि देवरिया नाम की उत्पत्ति कुर्ना नदी के किनारे मिले भगवान शिव के मंदिर के जीवाश्म के आधार पर हुआ.
देवरिया जिला कब बना
एक स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आने से पहले ये जिला गोरखपुर जिले का हिस्सा हुआ करता था. 16 मार्च 1946 को इसे गोरखपुर जिले से अलग कर एक स्वतंत्र जिला बनाया गया.
देवरिया जिले की भौगोलिक स्थिति
बाउंड्री (चौहद्दी)
उत्तर में – कुशीनगर जिला
दक्षिण में – मऊ और बलिया जिला
पूरब में- बिहार का गोपालगंज और सिवान जिला
पश्चिम में – गोरखपुर जिला
समुद्र तल से ऊंचाई :
ये जिला शहर समुद्र तल से लगभग 68 मीटर (223 फीट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है.
क्षेत्रफल
इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 2540 वर्ग किलोमीटर है.
प्रमुख नदियां : घाघरा (सरयू), राप्ती, छोटी गंडक, कुर्ना, गोर्रा और बथुआ.
अर्थव्यवस्था- कृषि, उद्योग और उत्पाद
इस जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, वन, खनिज और उद्योग पर आधारित है.
कृषि
जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान, गेंहू, मक्का, जौ, बाजरा, दलहन (मसूर, चना और मटर), तिलहन (सरसों, मूंगफली और तिल), मसाले (हल्दी और मिर्च), गन्ना, आलू और सब्जियां.
जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फल हैं: आम, अमरूद और केला.
पशुपालन
पशुपालन जिले के लोगों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया है. जिले के प्रमुख पशु धन हैं: गाय, भैंस, बैल, भेड़, बकरी और मुर्गी.
वन
देवरिया जिला में पाए जाने वाले प्रमुख वन उत्पाद हैं: यूकेलिप्टस, शीशम, टीक , खैर , शहतूत, चीड़ और अर्जुन.
खनिज
ये जिला खनिज संपदा से समृद्ध नहीं है. जिले में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं: मिट्टी और बालू ( जिसका उपयोग बिल्डिंग मटेरियल के रूप में किया जाता है).
उद्योग
जिले में स्थित प्रमुख उद्योग हैं: चीनी मिल, राइस मिल, आटा मिल, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, इत्यादि.
देवरिया जिला का प्रशासनिक सेटअप
प्रमंडल: गोरखपुर
प्रशासनिक सहूलियत के लिए इस जिले को 5 तहसीलों (अनुमंडल) और 16 विकासखंडो (प्रखंड/ ब्लॉक) में बांटा गया है.
तहसील (अनुमंडल):
जिले के अंतर्गत कुल 5 तहसील आते हैं– देवरिया सदर, रुद्रपुर, बरहज, सलेमपुर और भाटपर रानी.
विकासखंड (प्रखंड):
इस जिले को 16 विकासखंडों (प्रखंडों) में बांटा गया है- देवरिया सदर, पथरदेवा, रामपुर कारखाना, तरकुलवा, देसही देवरिया, बैतालपुर, गौरी बाजार, रुद्रपुर, भलुआनी, बरहज, भागलपुर, सलेमपुर, भटनी, भाटपार रानी, बनकटा और लार.
पुलिस थानों की संख्या : 18
शहरी निकायों की संख्या : 11
न्याय पंचायतों की संख्या : 176
ग्राम पंचायतों की संख्या: 1189
गांवों की संख्या: 2162
निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
ये जिला 3 लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आता है: देवरिया, सलेमपुर और बांसगांव.
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र :
इस जिले के अंतर्गत स्कूल 7 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं: देवरिया शहर, रामपुर कारखाना, बरहज, रुद्रपुर, भाटपर रानी, सलेमपुर और पथरदेवा.
देवरिया जिले की डेमोग्राफीक्स (जनसांख्यिकी)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार इस जिले की जनसांख्यिकी इस प्रकार है-
कुल जनसंख्या : 31.01 लाख
पुरुष : 15.37 लाख
महिला: 15.63 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 14.31%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 1221
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में अनुपात: 1.55%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) : 1017
औसत साक्षरता: 71.13%
पुरुष साक्षरता : 83.27%
महिला साक्षरता: 59.38%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 10.22%
ग्रामीण जनसंख्या: 89.78%
देवरिया जिले में कितने हिन्दू है?
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, ये एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 88.07% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 11.56% है. अन्य धर्मों की बात करें तो जिले में ईसाई 0.12%, सिख 0.03%, बौद्ध 0.04%, और जैन 0.01% हैं.
भाषाएं
इस जिले में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएं हैं: हिंदी, भोजपुरी और उर्दू.
देवरिया जिले में आकर्षक स्थल
श्री तिरुपति बालाजी मंदिर
दक्षिण भारतीय शैली में बना भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित यह मंदिर कसया रोड पर स्थित है.
हनुमान मंदिर
हनुमान जी को समर्पित जिले के राघव नगर में स्थित यह मंदिर हिंदू धर्मावलंबियों के लिए एक पवित्र स्थल है. सिद्ध स्थानों में गिनती होने के कारण इस मंदिर का विशेष महत्व है.
दूग्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर
लगभग 20 एकड़ में फैला भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर रुद्रपुर तहसील में स्थित है.
देवराहा बाबा आश्रम
बरहज तहसील के मईल गांव में सरयू नदी के किनारे स्थित यह आश्रम हिंदुओं के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है. देवराहा बाबा एक महान संत और सिद्ध योगी थे.
देवरही मंदिर
माता दुर्गा को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर कसया रोड पर स्थित है. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां सच्चे मन माता से आशीर्वाद मांगने पर भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.
देवरिया कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग: इस जिले का अपना हवाई अड्डा है. यहां के लिए डायरेक्ट हवाई सेवा उपलब्ध है.
निकटतम हवाई अड्डा : महायोगी गोरखनाथ एयरपोर्ट, गोरखपुर (Code: GOP).
यह हवाई अड्डा देवरिया से लगभग 47 किलोमीटर की दूरी पर गोरखपुर में स्थित है.
रेल मार्ग
ये जिला रेल मार्ग से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा देश के विभिन्न भागों से अच्छे से जुड़ा हुआ है.
निकटतम रेलवे स्टेशन : देवरिया सदर रेलवे स्टेशन. (Station Code : DEOS).
सड़क मार्ग
ये जिला सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. यहां के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध है. आप यहां अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी आ सकते हैं.
देवरिया जिले की कुछ रोचक बातें:
1. जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में 32वां स्थान है.
2. लिंगानुपात के मामले में उत्तर प्रदेश में तीसरा स्थान है.
3. साक्षरता के मामले में उत्तर प्रदेश में 24वां स्थान है.
4. सबसे ज्यादा बसे गांव वाला तहसील : देवरिया (686).
5. सबसे कम बसे गांव वाला तहसील : बरहज (265).
6. बिना आबादी वाले गांव की संख्या : 143.