
Last Updated on 25/09/2019 by Sarvan Kumar
पलामू भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक जिला है. झारखंड के उत्तर-पश्चिमी भाग में आने वाला यह जिला पलामू प्रमंडल के अंतर्गत आता है. मेदिनीनगर, पलामू जिला तथा पलामू प्रमंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है. पलामू जिले का आकर्षण का केंद्र है भीम चूल्हा.महाभारत काल में महाबली भीम अज्ञातवास के दौरान इसी चूल्हे से खाना बनाया करते थे.पलामू जिले में कितने अनुमंडल है? कितनी जनसंख्या है? आईये जानते हैंं पलामू जिले की पूरी जानकारी.
नामकरण
कर्नल एडवर्ड डाल्टन अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान छोटा नागपुर के कमिश्नर हुआ करते थे. ब्रिटिश शासन काल के दौरान उन्हीं के नाम पर इस शहर को डाल्टेनगंज के नाम से जाना जाता था. 14 वीं शताब्दी के आसपास इस क्षेत्र पर चेरो वंश के शासक राजा मेदिनी राय का शासन था. उन्हीं के नाम पर वर्ष 2018 में नगर निगम बनने के बाद इसका नाम बदलकर के मेदिनीनगर कर दिया गया.
पलामू जिले की भौगोलिक स्थिति
बाउंड्री (चौहद्दी)
उत्तर में – बिहार का औरंगाबाद और रोहतास जिला
दक्षिण में – लातेहार
पूरब में- चतरा जिला और बिहार का गया जिला
पश्चिम में – गढ़वा जिला
समुद्र तल से ऊंचाई :
पलामू जिला समुद्र तल से लगभग 222 मीटर की औसत ऊंचाई पर स्थित है.
क्षेत्रफल
इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 4393 वर्ग किलोमीटर है.
प्रमुख नदियां : कोयल, औरंगा , अमानत और सोन
अर्थव्यवस्था- कृषि , वन , खनिज, उद्योग और उत्पाद
पलामू जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, वन ,खनिज, उद्योग और व्यवसाय परपर आधारित है.
कृषि
इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान, मक्का, गेहूं, गन्ना, तिलहन, दलहन और सब्जियां.
वन
ये जिला वनों से समृद्ध है. पलामू जिला के प्रमुख वन उत्पाद हैं: साल, महुआ, सेमल, लाह, केंदू, इत्यादि.
खनिज
पलामू जिला में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं: कोयला, बॉक्साइट, लाइमस्टोन, मैग्नेटाइट, डोलोमाइट, इत्यादि.
उद्योग
खनिज से समृद्ध होने के बावजूद यहाँ कोई बड़ा उद्योग नहीं है. यहां लाइमस्टोन और बॉक्साइट का खनन होता है.
जिले में स्थित प्रमुख उद्योग हैं: खनिज खनन उद्योग, बीड़ी उद्योग, सीमेंट फैक्ट्री, कास्टिक और केमिकल उद्योग, स्टोन चिप्स उद्योग तथा फर्नीचर उद्योग.
व्यवसाय
झारखंड के पलामू जिले से बिहार और छत्तीसगढ़ की सीमाएं लगती है. पलामू जिला से कोयला, सीमेंट , लाह , लकड़ी, बांस , केंदू इत्यादि का निर्यात किया जाता है. चावल, चना, गेहूं, तंबाकू, मसाले, चीनी इत्यादि का जिले में आयात होता है.
पलामू जिले की प्रशासनिक सेटअप
प्रमंडल: पलामू
प्रशासनिक सहूलियत के लिए जिले को 3 अनुमंडलों और 21 प्रखंडों में बांटा गया है.
अनुमंडल:
जिले को कुल 3 अनुमंडलों में बांटा गया है: मेदिनीनगर सदर, छतरपुर और हुसैनाबाद.
प्रखंड:
मेदिनीनगर सदर अनुमंडल के अंतर्गत कॉल 14 प्रखंड आते हैं: मेदिनीनगर (डाल्टनगंज), चैनपुर, लेस्लीगंज, सतबरवा, पांकी, तरहसी, मनातू, पाटन, रामगढ़ , पड़वा, नावा बाजार, बिश्रामपुर, पांडू और उंटारी रोड.
छतरपुर अनुमंडल के अंतर्गत कुल 4 प्रखंड आते हैं: छतरपुर, पिपरा, हरिहरगंज और नावाडीहा बाजार.
हुसैनाबाद अनुमंडल के अंतर्गत कुल 3 प्रखंड आते हैं: हुसैनाबाद, हैदरनगर और मोहम्मदगंज.
ग्राम पंचायतों की संख्या: 283
कुल गांवों की संख्या: 1882
निर्वाचन क्षेत्र
इस जिले के अंतर्गत 1 लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र और 5 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं.
लोक सभा
इस जिले के अंतर्गत केवल एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है: पलामू.
विधानसभा
जिले के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं: डाल्टनगंज (मेदिनीनगर), पांकी, छतरपुर, बिश्रामपुर और हुसैनाबाद.
पलामू जिले की डेमोग्राफीक्स( जनसांख्यिकी)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार जिले की जनसांख्यिकी इस प्रकार है-
कुल जनसंख्या : 19.40 लाख
पुरुष : 10.06 लाख
महिला: 9.33 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 26.17%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 442
झारखंड की जनसंख्या में अनुपात: 5.88%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) : 928
औसत साक्षरता: 63.63%
पुरुष साक्षरता : 74.30%
महिला साक्षरता: 52.09%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 11.65%
ग्रामीण जनसंख्या: 88.35%
पलामू जिला रिलिजन (धर्म)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, ये एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 86.77% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 12.28% है. दूसरे धर्मो की बात करें तो जिले में ईसाई 0.32%, सिख 0.04%, बौद्ध 0.01%, जैन 0.01% और अन्य 0.29 % हैं.
पलामू टूरिज्म
भीम चूल्हा
भीम चूल्हा पलामू जिले के मोहम्मदगंज प्रखंड में स्थित एक महत्वपूर्ण पौराणिक स्थल है. यह मोहम्मदगंज रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर और हुसैनाबाद बस स्टैंड से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां समय बिताया था. यहां 5000 साल पुराना शिलाखंडो से निर्मित एक चूल्हा है. कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने यहां समय बिताया था और इसी चूल्हे पर वो भोजन बनाया करते थे.
पलामू किला
ये इस जिले का एक दर्शनीय ऐतिहासिक स्थल है. पलामू किला अब खंडहर में तब्दील हो चुका है. यह मेदिनीनगर से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर और बेतला नेशनल पार्क से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस किले का इतिहास लगभग 300 वर्ष पुराना है. किले का निर्माण चेरो राजवंश के राजा प्रताप राय ने करवाया था.
पलामू कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
इस जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है. यहाँ के लिए डायरेक्ट हवाई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है.
निकटतम हवाई अड्डा:बिरसा मुंडा एयरपोर्ट ,रांची (Code: IXR) .
यह हवाई अड्डा जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से लगभग 177 किलोमीटर की दूरी पर झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है.
रेल मार्ग
रेल मार्ग से आप आसानी से यहाँ आ सकते हैं. पलामू, रेल मार्ग से झारखंड के शहरों के साथ-साथ देश के अन्य भागों से जुड़ा हुआ है. देश के अन्य प्रमुख शहरों से पलामू के लिए नियमित ट्रेन चलती है.
नजदीकी रेलवे स्टेशन: डाल्टेनगंज रेलवे स्टेशन (Code: DTO).
सड़क मार्ग
सड़कों के नेटवर्क के माध्यम से ये जिला राज्य और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. आप यहां अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी आ सकते हैं.
पलामू जिले की कुछ रोचक बातें:
1. जनसंख्या की दृष्टि से झारखंड का छठा बड़ा जिला है.
2. क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखंड का 5वां बड़ा जिला है.
3. जनसंख्या घनत्व के मामले में झारखंड में 12वां स्थान है.
4. लैंगिक अनुपात के मामले में झारखंड में 20वां स्थान है.
5. हैदरनगर प्रखंड के अंतर्गत आने वाला हैदरनगर गांव पलामू जिले का सबसे बड़ी आबादी वाला गांव है.
6. सबसे ज्यादा गांव वाला प्रखंड: पांकी (200)
7. सबसे कम गांव वाला प्रखंड : उंटारी रोड (27)
8. क्षेत्रफल की दृष्टि से जिले का सबसे बड़ा गांव:
पांकी प्रखंड के अंतर्गत आने वाला गांव कनुवाई कलान (क्षेत्रफल -लगभग 2114 हेक्टेयर).
9. क्षेत्रफल की दृष्टि से जिले का सबसे छोटा गांव:
मनातू प्रखंड के अंतर्गत आने वाला गांव लोहराया (क्षेत्रफल- 2.01 हेक्टेयर)

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