Sarvan Kumar 27/09/2019

Last Updated on 07/09/2020 by Sarvan Kumar

आज 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का माहौल बना हुआ है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद घाटी का माहौल बदला हुआ है। पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीयकरण करने का पूरा प्रयास किया लेकिन विश्व बिरादरी ने उसका कोई साथ नहीं दिया। अमेरिका में हुऐ Howdy Modi इवेंट ने विश्व को भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध का एहसास कराया। आज पाकिस्तान की स्थिति खिसयानि बिल्ली खंबा नोचें जैसी है। पाकिस्तान भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है। ऐसा नहीं है की वो पहली बार युद्ध के फिराक में है वो इससे पहले भी भारत पर हमला कर चुका है। 1965, 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो चुका है। 1999 में कारगिल वार के रुप में युद्ध देखने को मिला। ये अलग बात है कि उसे हर बार करारी शिकशत मिली। एक दुखद बात यह रही की 1965 भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के शिकार हो गए थे गुजरात के मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता।

बलवंत राय मेहता कैसे मारे गये?

ये 19 सितम्बर, साल 1965 की बात है एक बीचक्राफ्ट प्लेन कच्छ के रण के ऊपर उड़ रहा था। उसमें सवार थे गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता, उनकी पत्नी सरोजबेन मेहता, तीन स्टाफ मेंबर, एक पत्रकार(गुजरात समाचार) और दो क्रू मेंबर्स। इस प्लेन के पायलट थे जहांगीर जंगू।

अलर्ट हुए पाकिस्तानी सेना

बॉर्डर के इतने नजदीक एक भारतीय विमान को उड़ते देख पाकिस्तानी एयर फोर्स चौकन्नी हो गई। पाकिस्तानी एयर फोर्स ने एक युवा पायलट को इस विमान का टोह लेने के लिए रवाना किया। इस पाकिस्तानी पायलट का नाम था कैस मजहर हुसैन। जिस विमान में उन्होंने उड़ान भरी उसका नाम था एफ़ 86 सेबर विमान। यह विमान अमेरिका से लिया गया था। इस पायलट ने अपने आलाकमान के आदेश पर हवा में ही प्लेन को उड़ा दिया और इस तरह विमान के सभी यात्री मारे गए।

पायलट कैस हुसैन ने माफी मांगी

पाकिस्तानी पायलट मजहर हुसैन ने 46 साल बाद 2011 मे 1965 के इस घटना के लिए माफी मांगी। उन्होंनें पायलट जहांगीर इंजीनियर की बेटी फरीदा सिंह को ई-मेल भेजकर अपने इस भूल के लिए माफी मांगी। उनके अनुसार उन्हें अपने ऊपर के अधिकारियों के द्वारा निर्देश पालन करने के सिवाय कोई चारा नहीं था।

बलवंत राय मेहता कौन थे

बलवंत राय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। वह इस पद पर 19 सितंबर 1963 से मरणोपरांत तक रहे। वह एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे । स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वे कई बार जेल भी गए। उन्हें गुजरात में पंचायती राज का जनक माना जाता है। 19 फरवरी 1900 में जन्मे बलवंत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राजनितिक दल से थे।

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