Ranjeet Bhartiya 12/08/2019
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Last Updated on 12/08/2019 by Sarvan Kumar

बाराबंकी भारत के उत्तरप्रदेश राज्य में मध्य भाग में स्थित एक जिला है. उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ के पूरब में स्थित यह जिला अयोध्या (फैजाबाद) प्रमंडल के अंतर्गत आता है. बाराबंकी शहर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है. बाराबंकी जिले में पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कई तीर्थ स्थल हैं जिनका संबंध महाभारत काल से बताया जाता है. यह जिला पारिजात वृक्ष, कुंतेश्वर महादेव मंदिर, लोधेश्वर महादेव मंदिर (महादेवा) और देवा शरीफ दरगाह के लिए प्रसिद्ध है.बाराबंकी जिले में कितने थाने हैं? कितनी जनसंख्या है?आईये जानते हैं बाराबंकी जिले की पूूरी जानकारी।

बाराबंकी का इतिहास

मुस्लिमों के आगमन से पहले (1000 ईस्वी से पहले) इस स्थान का नाम राजा जस के नाम पर जसवंत (जसनाउल) था जिन्होंने इसकी स्थापना की थी. बाद में मुस्लिम शासकों ने इसे 12 हिस्सों में बांट दिया. ये मुस्लिम शासक आपस में लड़ते-झगड़ते रहते थे. एक मान्यता के अनुसार बाराबंकी का नाम “बारह+बांके” पर पड़ा है. अवधी भाषा में बांका (बांके) का अर्थ होता है-लड़ाकू या बहादुर. जिले के नामकरण के बारे में दूसरी मान्यता यह है कि पहले इस स्थान पर 12 वन हुआ करते थे. जिसके आधार (बारह+वन) पर इस स्थान का नाम बाराबंकी पड़ा.

बाराबंकी जिला कब बना

पहले यह जिला दरियाबाद के रूप में जाना जाता था. दरियाबाद शहर, जिले का मुख्यालय था जिसकी स्थापना मोहम्मद शाह सेना के अधिकारी दरैब खान ने किया था.1859 में जिले के मुख्यालय को नवाबगंज स्थानांतरित कर दिया गया, जिसे अब बाराबंकी के नाम से जाना जाता है.

बाराबंकी जिले की भौगोलिक स्थिति

बाउंड्री (चौहद्दी)
यह जिला कुल 7 जिलों से घिरा हुआ है.
उत्तर में-बहराइच जिला और सीतापुर जिला
दक्षिण में-अमेठी जिला और रायबरेली जिला
पूरब में-गोंडा जिला और अयोध्या जिला
पश्चिम में-लखनऊ जिला

समुद्र तल से ऊंचाई
बाराबंकी शहर, समुद्र तल से लगभग 125 मीटर (410 फीट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है.

क्षेत्रफल
इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 4402वर्ग किलोमीटर है.

प्रमुख नदियां:
घाघरा नदी जिले के उत्तर-पूर्वी सीमा का निर्माण करती है. गोमती नदी जिले के दक्षिणी दक्षिण पश्चिमी सीमा बनाती है.जिले की प्रमुख नदियां हैं: घाघरा, गोमती, सती, रेठ, जमुरिया और कल्याणी.

अर्थव्यवस्था-कृषि, उद्योग और उत्पाद

बाराबंकी जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, मछली पालन, वन, खनिज, उद्योग और व्यवसाय पर आधारित है.

कृषि

इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, गन्ना, दलहन (अरहर, उड़द, मसूर, मूंग, चना और मटर), तिलहन (सरसों), मसाले, टमाटर आलू और सब्जियां. यहाँ उगाए जाने वाले प्रमुख फल हैं: आम, अमरूद और केला.

पशुपालन

पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण जरिया है. जिले के प्रमुख पशुधन हैं: गाय, बैल, भैंस, सूअर, भेड़, बकरी और पोल्ट्री.

मछली पालन

जिले के नदियों, नहरों, तालाबों, टैंको और जलाशयों से प्रचुर मात्रा में विभिन्न प्रकार के मछलियों का उत्पादन किया जाता है.

वन

जिले में पाए जाने वाले प्रमुख वन उत्पाद हैं: शीशम, यूकेलिप्टस, अर्जुन, गुलमोहर, अमलतास बबूल, जामुन, आम, बांस और नीम.

खनिज

यह जिला खनिज से समृद्ध नहीं है.जिले में पाए जाने वाला प्रमुख खनिज है: बालू.

उद्योग

जिले में स्थित प्रमुख बड़े उद्योग हैं:
हथकरघा उद्योग, हैंडलूम उद्योग, कढ़ाई उद्योग, एग्रो पार्क, पॉली फाइबर उद्योग, स्पिनिंग मिल, चीनी उद्योग, तेल मिल, रबर उद्योग और सोलर प्लांट.

व्यवसाय

अनाज, कृषि उत्पादों और पिपरमिंट ऑयल का आसपास के जिलों में निर्यात किया जाता है.

प्रशासनिक सेटअप

प्रमंडल: अयोध्या (फैजाबाद)
प्रशासनिक सहूलियत के लिए इस जिले को 6 तहसीलों (अनुमंडल) और 16 विकासखंडो (प्रखंड/ ब्लॉक) में बांटा गया है.

तहसील (अनुमंडल):
जिले को कुल 5 तहसीलों में बांटा गया है: फतेहपुर, रामनगर, नवाबगंज, सिरौली गौसपुर, राम सनेही घाट और हैदरगढ़

विकासखंड (प्रखंड):
इस जिले को कुल 16 विकास खंडों में बांटा गया है-निंदूरा, फतेहपुर, सूरतगंज, रामनगर, सिरौली गौसपुर, मसौली, देवा, बंकी, हरख, दरियाबाद, मवई, पूरे डलई, सिद्धौर, बनीकोडर, हैदरगढ़ और त्रिवेणीगंज.

पुलिस थानों की संख्या: 23
नगर पालिका परिषद की संख्या: 1
नगर पंचायतों की संख्या: 11

न्याय पंचायतों की संख्या: 136
ग्राम सभाओं की संख्या: 1002
ग्राम पंचायतों की संख्या: 1169
गांवों की संख्या: 1845

निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र: 1, बाराबंकी

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: 6
जिले के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं: कुर्सी, रामनगर, बाराबंकी, जैदपुर, हैदरगढ़ और दरियाबाद.

बाराबंकी जिले की  डेमोग्राफीक्स (जनसांख्यिकी)

2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार इस जिले की जनसांख्यिकी इस प्रकार है-
कुल जनसंख्या: 32.61 लाख
पुरुष: 17.07 लाख
महिला: 15.53 लाख

जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 21.96%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 741
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में अनुपात: 1.63%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष): 910

औसत साक्षरता: 61.75%
पुरुष साक्षरता: 70.27%
महिला साक्षरता: 52.34%

शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या: 10.15%
ग्रामीण जनसंख्या: 89.85%

धार्मिक जनसंख्या

2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, यह एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 76.84% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 22.61% है.अन्य धर्मों की बात करें तो जिले में ईसाई 0.15%, सिख 0.06%, बौद्ध 0.05%, जैन 0.09% और अन्य 0.01 हैं.

भाषाएं
इस जिले में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएं हैं: हिंदी, अवधी और उर्दू.

बाराबंकी के धार्मिक स्थल

जिले में पौराणिक, धार्मिक, पुरातात्विक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कई दर्शनीय स्थल हैं. जिले में स्थित प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में संक्षिप्त विवरण:

परिजात वृक्ष

पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह महाभारतकालीन दिव्य वृक्ष बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर किंतूर गांव में स्थित है.

देवा शरीफ

सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक सूफी संत हाजी वारिस अली शाह का यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक मजार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर तथा बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर देवा में स्थित है.

सिद्धेश्वर महादेव मंदिर

भगवान शिव को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर बाराबंकी जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर सिद्धौर कस्बे में स्थित है.

लोधेश्वर महादेवा मंदिर

भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर बाराबंकी जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर, रामनगर तहसील में बाराबंकी-गोंडा मार्ग से लगभग 4 किलोमीटर दूरी पर उत्तर में स्थित है.ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग को अज्ञातवास के दौरान धर्मराज युधिष्ठिर ने स्थापित किया था.

कोटवा धाम मंदिर

सतनामी पंथ के संस्थापक संत जगजीवन दास को समर्पित यह धाम जिले के बदोसराय में स्थित है

कुंतेश्वर शिव मंदिर

भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर बाराबंकी जिले के किंतूर गांव में स्थित है. इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से बताया जाता है. ऐसी मान्यता है कि पांडवों की माता कुंती ने यहां शिवलिंग को स्थापित किया था, उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम कुंतेश्वर महादेव मंदिर पड़ा.

बाराबंकी कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग
बाराबंकी जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है. यहां के लिए डायरेक्ट हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है. निकटतम हवाई अड्डा: चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट/ अमौसी एयरपोर्ट, लखनऊ (Code: LKO). यह हवाई अड्डा बाराबंकी से लगभग 42 किलोमीटर की दूरी पर लखनऊ मैं स्थित है स्थित है.

दूसरा नज़दीकी हवाई अड्डा: कानपुर एयरपोर्ट, कानपुर.
यह हवाई अड्डा बाराबंकी से लगभग 112 किलोमीटर की दूरी पर कानपुर में स्थित है.

रेल मार्ग
बाराबंकी रेल मार्ग से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा देश के विभिन्न भागों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. निकटतम रेलवे स्टेशन: बाराबंकी जंक्शन रेलवे स्टेशन (Code: BBK).

सड़क मार्ग
बाराबंकी सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. यहां के लिए नियमित सरकारी और प्राइवेट बस सेवाएं उपलब्ध है. आप यहां अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी आ सकते हैं.

बाराबंकी जिले की कुछ रोचक बातें:

2011 के जनगणना के अनुसार,
1. जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में 28वां स्थान है.
2. लिंगानुपात के मामले में उत्तर प्रदेश में 26वां स्थान है.
3. साक्षरता के मामले में उत्तर प्रदेश में 56वां स्थान है.
4. सबसे ज्यादा बसे गांव वाला तहसील: फतेहपुर (400).
5. सबसे कम बसे गांव वाला तहसील: सिरौली गौसपुर (181)
6. जिले में कुल निर्जन गांवों की संख्या: 22.

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