
Last Updated on 25/09/2019 by Sarvan Kumar
मिर्जापुर (मीरजापुर) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक जिला है. उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भाग में आने वाला यह जिला मिर्जापुर प्रमंडल के अंतर्गत आता है. इस प्रमंडल के अंतर्गत कुल 3 जिले आते हैं: सोनभद्र, मिर्जापुर और संत रविदास नगर. मिर्जापुर शहर, इस जिले तथा प्रमंडल का प्रशासनिक मुख्यालय है.ये जिला हिंदू धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्रतम स्थलों में से एक है. विंध्यवासिनी धाम मंदिर, खूबसूरत घाट, सुंदर जलप्रपात और ऐतिहासिक स्थल यहां देखने के लिए काफी कुछ हैं. मिर्जापुर प्रसिद्ध है चुनार किला के लिए. ये किला काफी प्राचीन और रहस्यमई है. देवकी नंद खत्री के प्रसिद्ध उपन्यास चंद्रकांता में इस किले का जिक्र मिलता है। चुनार किले को किसने बनाया था? इस जिले की कितनी जनसंख्या है आइए जानते हैं मिर्जापुर जिले की पूरी जानकारी.
नामकरण
जिले के नामकरण के बारे में कई मान्यताएं हैं. पहली मान्यता यह है कि इसका नाम देवी लक्ष्मी के नाम पर पड़ा है जो समुद्र से निकली थीं. मिर्जापुर 3 शब्दों से बना है – “मीर+ जा+ पुर”. “मीर” का अर्थ होता है “समुद्र”, “जा” का अर्थ होता है “उत्पत्ति या परिणाम” और “पुर” का होता है “शहर”. दूसरी मान्यता है कि इस शहर की स्थापना राजा नानेर ने किया था. पहले इसे गिरिजापुर के नाम से जाना जाता था जो बाद में मिर्जापुर हो गया.
गठन/संक्षिप्त इतिहास
मिर्जापुर शहर के ज्यादातर हिस्से को अंग्रेजों ने बसाया था. उन्होंने इस स्थान का नाम मिर्जापुर रखा, जिसका अर्थ होता है “राजा का स्थान”.
मिर्जापुर जिले की भौगोलिक स्थिति
बाउंड्री (चौहद्दी)
उत्तर में-संत रविदास नगर जिला और वाराणसी जिला
दक्षिण में-सोनभद्र जिला और मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला
पूरब में-चंदौली जिला
पश्चिम में-प्रयागराज जिला (इलाहाबाद) और मध्य प्रदेश का रीवा जिला
समुद्र तल से ऊंचाई
मिर्जापुर शहर समुद्र तल से लगभग 80 मीटर (260 फीट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है.
क्षेत्रफल
इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 4405 वर्ग किलोमीटर है.
प्रमुख नदियां:
ये जिला पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है.
जिले की प्रमुख नदियां है: गंगा और बेलन.
अर्थव्यवस्था-कृषि, उद्योग और उत्पाद
जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, मछली पालन, वन, खनिज, उद्योग, व्यवसाय और पर्यटन पर आधारित है.
कृषि
इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं : गेहूं, धान, चना, बाजरा, अरहर, मूंगफली, आलू, प्याज और सब्जियां. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फल हैं: आम, अमरूद और बेर.
पशुपालन
पशुपालन जिले के लोगों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया है. जिले के प्रमुख पशु धन हैं: गाय, भैंस, सूअर, भेड़ और बकरी.
मछली पालन
यहां के नदियों और जलाशयों से मछली का उत्पादन होता है.
वन
इस जिले का एक बड़ा हिस्सा (लगभग 24%) वनों से आच्छादित है.
जिले में पाए जाने वाले प्रमुख वन उत्पाद हैं: महुआ, तेंदू, आम, अमरूद, नीम, साल और टीक वुड
खनिज
ये जिला खनिज संपदा से संपन्न नहीं है. यहां पाए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं : बालू और पत्थर
उद्योग
मिर्जापुर, कारपेट, ब्रास और चांदी के बर्तन निर्माण के लिए जाना जाता है. यहां पर ऊनी और सिंथेटिक कपड़े बनाने इकाइयां कार्यरत है. यहां प्लास्टर ऑफ पेरिस के मूर्ति और खिलौने बनाए जाते हैं. जिले में स्थित प्रमुख उद्योग हैं : जूट आधारित उद्योग, फर्नीचर उद्योग, पेपर प्रोडक्ट्स और कारपेट उद्योग, इत्यादि.
व्यवसाय
इस जिले से ब्रास और जर्मन सिल्वर के बर्तन, ऊनी कारपेट और दरी, प्लास्टर ऑफ पेरिस के बने मूर्तियां और खिलौने निर्यात किए जाते हैं.
पर्यटन
खूबसूरत डैम, जलप्रपात, मंदिरों और वन्य जीवन से भरपूर यह जिला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है.
प्रशासनिक सेटअप
प्रमंडल: मिर्जापुर
प्रशासनिक सहूलियत के लिए इस जिले को 4 तहसीलों (अनुमंडल) और 12 विकासखंडो (प्रखंड/ ब्लॉक) में बांटा गया है.
तहसील (अनुमंडल):
जिले को कुल 4 तहसीलों में बांटा गया है : मिर्जापुर सदर, मड़िहान, लालगंज और चुनार.
विकासखंड (प्रखंड):
इस जिले को 12 विकासखंडों (प्रखंडों) में बांटा गया है.
मिर्जापुर सदर तहसील के अंतर्गत कुल 5 विकासखंड हैं: छानबे, कोन, मझांवा, मिर्जापुर शहर और मिर्जापुर पहाड़ी.
मड़िहान तहसील के अंतर्गत पुल 1 विकासखंड है: पटेहरा.
लालगंज तहसील के अंतर्गत कुल 2 विकासखंड हैं: हलिया और लालगंज.
चुनार तहसील के अंतर्गत कुल 4 विकासखंड आते हैं: जमालपुर, नारायणपुर, राजगढ़ और शिखड.
पुलिस थानों की संख्या: 16
नगर निकायों की संख्या: 4
ग्राम पंचायतों की संख्या: 806
गांवों की संख्या: 2079
निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र: 1, मिर्जापुर
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र:
मिर्जापुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं- छानबे, मिर्जापुर, मझवां, चुनार और मड़िहान.
मिर्जापुर जिले की डेमोग्राफीक्स (जनसांख्यिकी)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार इस जिले की जनसांख्यिकी इस प्रकार है-
कुल जनसंख्या : 24.97 लाख
पुरुष : 13.12 लाख
महिला: 11.84 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 18.00%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 567
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में अनुपात: 1.25%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) : 903
औसत साक्षरता: 68.48%
पुरुष साक्षरता : 78.97%
महिला साक्षरता: 56.86%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 13.92%
ग्रामीण जनसंख्या: 86.08%
मिर्जापुर जिले में कितने हिन्दू है?
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, ये एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 91.81% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 7.84% है. अन्य धर्मों की बात करें तो जिले में ईसाई 0.10%, सिख 0.05%, बौद्ध 0.01% और जैन 0.03% हैं.
भाषाएं
जिले में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएं हैं: हिंदी और उर्दू.
मिर्जापुर जिला भारत आकर्षक स्थल
इस जिले में पौराणिक, धार्मिक, पुरातात्विक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कई दर्शनीय स्थल हैं. जिले में स्थित प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में संक्षिप्त विवरण:
विंध्यवासिनी धाम मंदिर
मां विंध्यवासिनी देवी को समर्पित यह प्रसिद्ध शक्तिपीठ हिंदू धर्मावलंबियों के पवित्रतम तीर्थ स्थलों में से एक है. यह शक्तिपीठ मिर्जापुर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर तथा विंध्यांचल रेलवे स्टेशन से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है. हर साल चैत्र और आश्विन नवरात्र के पावन अवसर पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु गए यहाँ माता की पूजा अर्चना और दर्शन करने आते हैं.
सीता कुंड
यहाँ स्थित कुंड के बारे में मान्यता है कि इस कुंड को माता सीता ने खुदवाया था. यहां पर माता सीता ने शिवलिंग को स्थापित किया था, इसलिए यह स्थान सीतेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है.
लाल भैरव मंदिर
काल भैरव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर विद्यांचल शहर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में मिर्जापुर विद्यांचल मार्ग पर स्थित है.
टांडा जलप्रपात
यह सुंदर जलप्रपात मिर्जापुर शहर से अलग हुआ 14 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण दिशा में स्थित है. मिर्जापुर जिले का एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण तथा लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है.
विन्ध्याम झरना
यह खूबसूरत झरना मिर्जापुर शहर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
तारकेश्वर महादेव मंदिर
पुराण में वर्णित भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर विंध्यांचल के पूर्व में मिर्जापुर शहर में स्थित है.
चुनार का किला

गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित यह ऐतिहासिक किला मिर्जापुर से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
चुनार का किला किसने बनवाया था?
ये किला किसने बनाया था इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है. किंवदंतियों के अनुसार इसका निर्माण राजा विक्रमादित्य ने कराया था. राजा भतृहरि भोग विलास त्याग कर इसी जगह पर तपस्या करने आए थे. उस समय यहां घना जंगल हुआ करता था. भतृहरि के सुरक्षा के लिए ही उनके भाई विक्रमादित्यय ने इस किले का निर्मााण कराया था। कालांंतर में यहां पृथ्वीराज चौहान , शेरशाह सूरी और हुमायूं जैसे राजाओं का भी आधिपत्य रहा और उन्होंने भी किले के निर्माण मेंं अपना योगदान दिया.
रामेश्वरम महादेव मंदिर
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर मिर्जापुर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर विंध्यांचल में स्थित है. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग की स्थापना भगवान राम ने किया था.
मिर्जापुर कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
मिर्जापुर जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है. यहां के लिए डायरेक्ट हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है.
निकटतम हवाई अड्डा: लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट (Code: VNS).
यह हवाई अड्डा मिर्जापुर से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर बाबतपुर में स्थित है.
दूसरा नजदीकी एयरपोर्ट: इलाहाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Code: IXD).
यह हवाई अड्डा मिर्जापुर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर इलाहाबाद के बमरौली में स्थित है.
रेल मार्ग
मिर्जापुर रेल मार्ग से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा देश के विभिन्न भागों से अच्छे से जुड़ा हुआ है.
निकटतम रेलवे स्टेशन: मिर्जापुर रेलवे स्टेशन (Code : MZP) और विंध्यांचल रेलवे स्टेशन (Code: BDL)
सड़क मार्ग
मिर्जापुर, सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. यहां के लिए नियमित सरकारी और प्राइवेट बस सेवाएं उपलब्ध है. आप यहां अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी आ सकते हैं.
मिर्जापुर जिले की कुछ रोचक बातें
2011 के जनगणना के अनुसार,
1. जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में 39वां स्थान है.
2. लिंगानुपात के मामले में उत्तर प्रदेश में 33वां स्थान है.
3. साक्षरता के मामले में उत्तर प्रदेश में 39वां स्थान है.
4. सबसे ज्यादा बसे गांव वाला तहसील: मिर्जापुर (611).
5. सबसे कम बसे गांव वाला तहसील: मड़िहान (211)
6. जिले में कुल निर्जन गांवों की संख्या: 216.

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