
Last Updated on 30/08/2019 by Sarvan Kumar
लखीमपुर खीरी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक जिला है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित यह जिला उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित है. लखनऊ प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले इस जिले का प्रशासनिक मुख्यालय लखीमपुर शहर है. यह जिला दुधवा नेशनल पार्क के लिए प्रसिद्ध है. जिले में कितने तहसील है? कितनी जनसंख्या है? आईये जानते हैं लखीमपुर खीरी जिले की पूूरी जानकारी.
नामकरण और संक्षिप्त इतिहास
ऐसी मान्यता है कि शहर का नामाकरण इस क्षेत्र में चावल और दूध के अधिकता के कारण पड़ा, जिसका उपयोग खीर बनाने के लिए होता है. इस जिले का इतिहास अत्यंत ही प्राचीन है जिसका संबंध पुराण, रामायण और महाभारत काल से है.
लखीमपुर खीरी जिले की भौगोलिक स्थिति
बाउंड्री (चौहद्दी)
इस जिले की सीमा नेपाल से लगती है.
उत्तर में-नेपाल
दक्षिण में-सीतापुर जिला और हरदोई जिला
पूरब में-बहराइच जिला
पश्चिम में-पीलीभीत जिला और शाहजहांपुर जिला
समुद्र तल से ऊंचाई
लखीमपुर खीरी जिले का ढलान उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व दिशा में है. यह जिला समुद्र तल से लगभग 182-114 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. जिला मुख्यालय समुद्र तल से लगभग 147 मीटर (482 फीट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है.
क्षेत्रफल

इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 7680 वर्ग किलोमीटर है. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है.
प्रमुख नदियां:
गोमती, घाघरा, शारदा सुखेता, उले, कठना और मोहन
अर्थव्यवस्था-कृषि, उद्योग और उत्पाद
जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, मछली पालन, वन, खनिज, उद्योग और व्यवसाय पर आधारित है.
कृषि
इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान, मक्का, गेहूं, ज्वार, बाजरा, दलहन (मसूर, चना, मूंग उरद, अरहर और मटर), तिलहन (मूंगफली, सरसों, राई और तिल), गन्ना, हल्दी आलू, और सब्जियां. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फल हैं: आम, अमरूद, नींबू, कटहल, पपीता और केला.
पशुपालन
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन जिले के लोगों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण जरिया है. जिले के प्रमुख पशु धन हैं: गाय, बैल, भैंस, सूअर, भेड़, बकरी और पोल्ट्री.
मछली पालन
जिले के नदियों, नहरों, तालाबों, टैंको और जलाशयों से विभिन्न प्रकार के मछली का उत्पादन किया जाता है.
वन
इस जिले का एक बड़ा भूभाग (लगभग 21%) वनों से आच्छादित है. जिले में पाए जाने वाले प्रमुख वन उत्पाद हैं: साल, असना, हलदु, फलदु, तेंदू, महुआ, जामुन, शीशम, सेमल, नीम, अमलतास, इमली और ठीक.
खनिज
यह जिला खनिज से समृद्ध नहीं है. जिले में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं: कंकर और पत्थर.
उद्योग
इस जिले में बड़े उद्योग का अभाव है. जिले में कृषि आधारित लघु औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं. जिले में स्थित प्रमुख उद्योग हैं: चीनी मिल, राइस मिल, तेल मिल, दाल मिल, फर्नीचर उद्योग, मेटल वर्क, बेकरी और तंबाकू आधारित उद्योग.
व्यवसाय
जिले से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख पदार्थ हैं: चावल, चीनी, वन उत्पाद और लकड़ी.
प्रशासनिक सेटअप
प्रमंडल: लखनऊ
प्रशासनिक सहूलियत के लिए इस जिले को 7 तहसीलों (अनुमंडल) और 15 विकासखंडो (प्रखंड/ ब्लॉक) में बांटा गया है.
तहसील (अनुमंडल):
जिले को कुल 7 तहसीलों में बांटा गया है:
पलिया, निघासन, धौरहरा, लखीमपुर, गोला गोकर्णनाथ,
मितौली और मोहम्मदी.
विकासखंड (प्रखंड):
इस जिले को 15 विकासखंडों (प्रखंडों) में बांटा गया है-पलिया, निघासन, रमियाबेहड़, धौरहरा, ईसानगर, नकहा, लखीमपुर, फूलबेहड़, बिजुआ, बांकेगंज, कुंभी गोला, बेहजम, मितौली, मोहम्मदी और पसगवां.
पुलिस थानों की संख्या: 23
नगर पालिका परिषदों की संख्या: 4
नगर पंचायतों की संख्या: 6
न्याय पंचायतों की संख्या: 156
ग्राम पंचायतों की संख्या: 995
गांवों की संख्या: 1797
निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र: 2, खीरी और धौरहरा (पार्ट)
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: 8
लखीमपुर खीरी जिले के अंतर्गत कुल 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं: गोला गोकर्णनाथ, लखीमपुर, निघासन, पलिया, श्रीनगर, धौरहरा, कास्ता और मोहम्मदी
लखीमपुर खीरी जिले को डेमोग्राफीक्स (जनसांख्यिकी)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, इस जिले की जनसांख्यिकी इस प्रकार है-
कुल जनसंख्या: 40.21 लाख
पुरुष: 21.23 लाख
महिला: 18.98 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 25.38%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 524
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में अनुपात: 2.01%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष): 894
औसत साक्षरता: 60.56%
पुरुष साक्षरता: 69.57%
महिला साक्षरता: 50.42%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या: 11.46%
ग्रामीण जनसंख्या: 88.54%
धार्मिक जनसंख्या
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, यह एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 76.55% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 20.08% है. अन्य धर्मों की बात करें तो जिले में ईसाई 0.19%, सिख 2.35%, बौद्ध 0.46%, जैन 0.01% और अन्य 0.01% हैं.
भाषाएं
इस जिले में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएं हैं: हिंदी, अवधि और उर्दू.
लखीमपुर खीरी जिला आकर्षक स्थल
जिले में पौराणिक, धार्मिक, पुरातात्विक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कई दर्शनीय स्थल हैं. जिले में स्थित प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में संक्षिप्त विवरण:
दुधवा नेशनल पार्क
प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवों की प्रचुरता से भरपूर 490 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह नेशनल पार्क मैलानी से 30 किलोमीटर और पलिया से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां आप विभिन्न प्रजातियों के पेड़, पौधे और पशुओं के प्रजातियों को देख सकते हैं. यहां पाए जाने वाले प्रमुख वन्य जीव हैं: शेर, बाघ, सांभर, चीता, काकर, हाथी, पैंथर, लकड़बग्घा, हिप्पोपोटामस, गैंडा, घड़ियाल, मगरमच्छ, सांप और विभिन्न प्रकार के पक्षी.
मेंढक मंदिर
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर लखीमपुर खीरी जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर ओयल कस्बे में स्थित है. यहां भगवान शिव मेंढक की पीठ पर विराजमान है इसीलिए इस मंदिर को मेंढक मंदिर कहा जाता है.
शिव मंदिर गोला गोकर्णनाथ
भगवान शिव को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध गोला गोकर्णनाथ में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का पौराणिक महत्व है और यहां स्थापित शिवलिंग लंका के राजा रावण ने द्वारा लाया गया था.
शिव मंदिर, देवकली
भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का संबंध का द्वापर काल बताया जाता है.
लखीमपुर खीरी कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
लखीमपुर खीरी जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है. यहां के लिए डायरेक्ट हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है.
निकटतम हवाई अड्डा: चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लखनऊ (Code: LKO).
यह हवाई अड्डा लखीमपुर से लगभग 146 किलोमीटर की दूरी पर लखनऊ में स्थित है.
रेल मार्ग
लखीमपुर खीरी रेल मार्ग से लखनऊ और देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा हुआ है.
निकटतम रेलवे स्टेशन: लखीमपुर रेलवे स्टेशन (Code: LMP).
सड़क मार्ग
लखीमपुर खीरी सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. यहां के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध है. आप यहां अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी आ सकते हैं.
लखीमपुर खीरी जिले की कुछ रोचक बातें:
2011 के जनगणना के अनुसार,
1. जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में 14वां स्थान है.
2. लिंगानुपात के मामले में उत्तर प्रदेश में 38वां स्थान है.
3. साक्षरता के मामले में उत्तर प्रदेश में 61वां स्थान है.
4. सबसे ज्यादा बसे गांव वाला तहसील: मोहम्मदी (510).
5. सबसे कम बसे गांव वाला तहसील: निघासन (108)
6. जिले में कुल निर्जन गांवों की संख्या: 88.

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