
Last Updated on 25/08/2019 by Sarvan Kumar
श्रावस्ती भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक जिला है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित यह जिला उत्तर प्रदेश राज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में देवीपाटन प्रमंडल के अंतर्गत आता है. भिनगा शहर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है. बौद्ध और जैन धर्मावलंबियों के लिए पवित्र तीर्थ स्थल होने के कारण श्रावस्ती विश्व भर में प्रसिद्ध है. बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध ने अपने जीवन का सर्वाधिक उपदेश यही दिया था. जिले में कितने तहसील है? कितनी जनसंख्या है? आईये जानते हैं श्रावस्ती जिले की पूरी जानकारी.
नामकरण
जिले के नामकरण के बारे में मान्यता है कि इस नगर की स्थापना पौराणिक राजा श्रावस्त सरस्वती ने किया था. उन्हीं के नाम पर जिले का नाम श्रावस्ती पड़ा.
श्रावस्ती जिला कब बना
एक स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आने से पहले यह जिला बहराइच जिले का हिस्सा हुआ करता था. 22 मई 1997 को इसे बहराइच जिले से अलग करके एक स्वतंत्र जिला बनाया गया.
श्रावस्ती जिले की भौगोलिक स्थिति
बाउंड्री (चौहद्दी)
श्रावस्ती जिले की सीमा नेपाल से लगती है.
उत्तर में-नेपाल
दक्षिण में–गोंडा जिला और बहराइच जिला
पूरब में-बलरामपुर जिला
पश्चिम में-बहराइच जिला
समुद्र तल से ऊंचाई
श्रावस्ती जिला मुख्यालय भिनगा समुद्र तल से लगभग 120 मीटर (394 फीट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है.
क्षेत्रफल
श्रावस्ती जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 1640 वर्ग किलोमीटर है.
प्रमुख नदियां:
श्रावस्ती राप्ती नदी के तट पर स्थित है.
जिले की प्रमुख नदियां हैं-राप्ती और कुआनो.
अर्थव्यवस्था-कृषि, उद्योग और उत्पाद
श्रावस्ती जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, मछली पालन, वन, खनिज, उद्योग और व्यवसाय पर आधारित है.
कृषि
जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. यहाँ उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान, मक्का, गेहूं, ज्वार, दलहन (मसूर और मटर), तिलहन गन्ना और सब्जियां. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फल हैं: आम, अमरूद, नींबू, कटहल, पपीता और केला.
पशुपालन
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन जिले के लोगों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण जरिया है. जिले के प्रमुख पशु धन हैं: गाय, बैल, भैंस, सूअर, भेड़, बकरी और पोल्ट्री.
मछली पालन
जिले के नदियों, नहरों, तालाबों, टैंको और जलाशयों से विभिन्न प्रकार के मछली का उत्पादन किया जाता है.
वन
जिले में पाए जाने वाले प्रमुख वन उत्पाद हैं: साल, शीशम, जामुन, हल्दु, सेमल, महुआ, खैर, बेल, टीक, जड़ी-बूटी, बास, गोंद, शहद, फूल और फल.
उद्योग
श्रावस्ती जिले में बड़े उद्योग का अभाव है. जिले में कृषि आधारित लघु औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं. जिले के प्रमुख औद्योगिक उत्पाद हैं: वनस्पति तेल, आटा, मैदा, बेसन, प्लाईवुड, फर्नीचर और फुटवेयर.
व्यवसाय
श्रावस्ती जिला वन उत्पादों, कृषि उत्पादों और अनाज का व्यापार केंद्र है.
प्रशासनिक सेटअप
प्रमंडल: देवीपाटन
प्रशासनिक सहूलियत के लिए इस जिले को 3 तहसीलों (अनुमंडल) और 5 विकासखंडो (प्रखंड/ ब्लॉक) में बांटा गया है.
तहसील (अनुमंडल):
जिले को कुल 3 तहसीलों में बांटा गया है:
जमुनहा, भिनगा और इकौना.
विकासखंड (प्रखंड):
श्रावस्ती जिले को 5 विकासखंडों (प्रखंडों) में बांटा गया है-
सिरसिया, हरिहरपुर रानी, जमुनहा, गिलौला और इकौना.
पुलिस थानों की संख्या: 7
नगर पंचायतों की संख्या: 2
ग्राम पंचायतों की संख्या: 400
गांवों की संख्या: 541
निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र: 1, श्रावस्ती
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र: 2
श्रावस्ती जिले के अंतर्गत कुल 2 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं: भिनगा और श्रावस्ती.
श्रावस्ती जिले की डेमोग्राफीक्स (जनसांख्यिकी)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, श्रावस्ती जिले की जनसांख्यिकी इस प्रकार है-
कुल जनसंख्या: 11.17 लाख
पुरुष: 5.93 लाख
महिला: 5.23 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): –5.02%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 681
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में अनुपात: 0.56%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष): 881
औसत साक्षरता: 46.74%
पुरुष साक्षरता: 57.16%
महिला साक्षरता: 34.78%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या: 3.46%
ग्रामीण जनसंख्या: 96.54%
धार्मिक जनसंख्या
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, श्रावस्ती एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 68.79% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 30.79% है. अन्य धर्मों की बात करें तो जिले में ईसाई 0.13%, सिख 0.04%, बौद्ध 0.03%, जैन 0.01% और अन्य 0.01% हैं.
भाषाएं
जिले में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएं हैं: हिंदी और उर्दू.
श्रावस्ती जिला भारत आकर्षक स्थल
इस जिले में पौराणिक, धार्मिक, पुरातात्विक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कई दर्शनीय स्थल हैं. जिले में स्थित प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में संक्षिप्त विवरण:
सहेट-महेट
श्रावस्ती जिले के मध्य में बौद्ध धर्म से संबंधित धार्मिक स्थलों ( मठ, मंदिर और स्तूप) के अवशेष मिले हैं जिन्हें सहेट-महेट के नाम से जाना जाता है. इनमें से अधिकांश स्तूप कुषाण काल के हैं, जबकि मंदिरों की शैली गुप्त काल की है.
पक्की कुटी
पक्की कुटी महेट क्षेत्र में पाए जाने वाले सबसे बड़े टीलों में से एक है. इसकी पहचान अंगुलिमाल के स्तूप के अवशेष के रूप में की गई है. ऐसी मान्यता है कि इस स्तूप को अंगुलिमाल ने भगवान गौतम बुद्ध के लिए बनवाया था. अंगुलिमाल एक खूंखार डाकू था जिसे भगवान बुद्ध ने ज्ञान देकर अपना शिष्य बना लिया था. भगवान बुध से ज्ञान प्राप्ति के बाद अंगुलिमाल डाकू ने बुराई के रास्ते को छोड़ कर अपना जीवन समाज सेवा में समर्पित कर दिया था.
कच्ची कुटी
कच्ची कुटी महेट क्षेत्र में खुदाई के दौरान मिले महत्वपूर्ण पुरातात्विक टीलों में से एक है.
विपश्यना ध्यान केंद्र
यह प्रसिद्ध ध्यान केंद्र जेतवन पुरातत्व पार्क के नजदीक बुद्ध इंटर कॉलेज के सामने स्टेट हाईवे 26 पर स्थित है.
विभूतिनाथ मंदिर
भगवान शिव को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर जिला मुख्यालय के उत्तर में सिरसिया विकासखंड में स्थित है.
सुहेलदेव वन्यजीव अभयारण्य
लगभग 452 वर्ग किलोमीटर में फैला यह वन्यजीव अभयारण्य बलरामपुर और श्रावस्ती जिले में भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है.
यहां आप बाघ, लकड़बग्घा, चीता, भालू, जंगली सूअर, अजगर, बंदर, लंगूर और विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देख सकते हैं
श्रावस्ती कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
इस जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है. यहां के लिए डायरेक्ट हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है. निकटतम हवाई अड्डा: चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लखनऊ (Code: LKO).
यह हवाई अड्डा श्रावस्ती से लगभग 172 किलोमीटर की दूरी पर लखनऊ में स्थित है.
रेल मार्ग
निकटतम रेलवे स्टेशन: बलरामपुर रेलवे स्टेशन (Code: BLP) और गोंडा जंक्शन रेलवे स्टेशन (Code: GD).
सड़क मार्ग
यह जिला सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. यहां के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध है. आप यहां अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी आ सकते हैं.
श्रावस्ती जिले की कुछ रोचक बातें:
2011 के जनगणना के अनुसार,
1. जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में 68वां स्थान है.
2. लिंगानुपात के मामले में उत्तर प्रदेश में 47वां स्थान है.
3. साक्षरता के मामले में उत्तर प्रदेश में 71वां स्थान है.
4. सबसे ज्यादा बसे गांव वाला तहसील: भिनगा (283).
5. सबसे कम बसे गांव वाला तहसील: इकौना (226)
6. जिले में कुल निर्जन गांवों की संख्या: 32.

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