
Last Updated on 29/08/2020 by Sarvan Kumar
रेखा बायोग्राफी
रेखा का असली नाम भानुरेखा गणेशन है. रेखा का जन्म 10 अक्टूबर, 1954 में मद्रास में हुआ था. रेखा की माता का नाम पुष्पावली था. रेखा के पिता का नाम जेमिनी गणेशन था जोकि तमिल फिल्मों के अभिनेता थे. जेमिनी गणेशन ने तीन शादियां कीं. रेखा की मां पुष्पावली गणेशन की दूसरी पत्नी थीं. गणेशन की पुष्पावली के साथ दो बेटियां हुई रेखा और राधा. गणेशन ने बचपन से हीं रेखा की काफी उपेक्षा की और रेखा को अपनी पुत्री तक नहीं मानते थे.
रेखा की शुरुआती शिक्षा चेन्नई के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट,चर्च पार्क में हुई. उन्होंने 13 वर्ष की आयु में एक्टिंग में करियर बनाने के लिए पढ़ाई छोड़ दिया.
लेकिन फिल्मों में आना रेखा के लिए करियर से ज्यादा मजबूरी थी. उन्हें शुरुआती दौर में अभिनय में में कोई रुचि नहीं थी. घर की माली हालत अच्छी नहीं थी और परिवार के भरण-पोषण के लिए उन्हें मुश्किल वक्त में एक्टिंग में आना पड़ा.
फिल्मी कैरियर की शुरुआत
रेखा ने बाल कलाकार के रूप में अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत किया. रेखा की पहली फिल्म थी- तेलुगू फिल्म रंगुला रत्नम जो 1966 में बनी थी.
हीरोइन के रूप में रेखा की पहली फिल्म थी 1969 की फिल्म ऑपरेशन जैकपोट नल्ली CID 999 . इस फिल्म में उनके हीरो थे राजकुमार.
1969 में ही रेखा ने हिंदी फिल्मों की ओर रूख किया और मुंबई आ गईं. मुंबई का जीवन रेखा के लिए आसान नहीं था. यहां का माहौल अलग था. रेखा अभी भी किशोरावस्था में ही थी, उम्र 14 साल रही होगी. उनके लिए मुंबई के माहौल में खुद को ढालना सहज नहीं था. वह हिंदी बोलना नहीं जानती थीं. वो साथी कलाकारों से भी बात नहीं कर पाती थी. लेकिन सबसे बड़ी बात थी वह अपनी मां को मिस किया करती थीं जो काफी बीमार थी.
14 साल की उमर, नया अनजान शहर , बीमार मां और काम करने की मजबूरी!
रेखा अपने मुंबई के अनुभवों के बारे में बताती हैं-“वह मेरे जीवन का सबसे डरावना दौड़ था. मुंबई एक जंगल की तरह था. मैं खुद को बेबस महसूस करती थी. मैं यहाँ के तौर तरीकों को नहीं जानती थी. हर कोई मेरा फायदा उठाना चाहता था. मैं सोचती थी मैं क्या कर रही हूं? मुझे स्कूल में होना चाहिए था? मुझे आइसक्रीम खाना चाहिए था? मुझे अपने दोस्तों के साथ मजे करने चाहिए था? मुझे काम करने के लिए मजबूर क्यों होना पड़ रहा है? मेरे जिंदगी में कुछ भी नॉर्मल नहीं था. मेरी जिंदगी में ऐसी कोई बात नहीं थी जो एक नॉर्मल बच्चे के जिंदगी में होती है. “
रेखा आगे बताती हैं-
“मैं हर दिन रोती थी. मुझे वह खाना पड़ता था जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं था. अजीब से कपड़े पहनने होते थे जो मेरे शरीर में चुभते थे. कॉस्टयूम और ज्वेलरी से मुझे भीषण एलर्जी हो जाता था. हेयर स्प्रे का दुर्गंध कई कई दिनों तक नहीं जाता था. मुझे लगभग खींचकर एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो ले जाया जाता था. यह एक 13 साल बच्ची बच्ची के लिए यहां डरावना अनुभव था.”
रेखा की पहली हिंदी फिल्म का नाम था –अनजाना सफर. लेकिन फिल्म विवादों में घिर गई. डायरेक्टर ने धोखे से एक किसिंग सीन डाल दिया जिसके चलते फिल्म सेंसरशिप के चक्कर में फस गई. यह फिल्म अगले 10 सालों तक रिलीज नहीं हो पाई. यह फिल्म दस साल बाद 1979 में रिलीज हुई. फिल्म का नाम बदलकर दो शिकारी कर दिया गया.
रेखा की पहली रिलीज होने वाली हिंदी फिल्म 1970 में आई, नाम था-सावन भादो. इस फिम्ल में उनके हीरो थे नवीन निश्चल.
इसके बाद रेखा का फिल्मी करियर चल निकला. उनकी कुछ प्रमुख प्रमुख हिट फिल्मों के नाम हैं- रामपुर का लक्ष्मण (1972), कहानी किस्मत की (1973), प्राण जाये पर वचन ना जाये (1974), दो अंजाने (1976) , मुकद्दर का सिकंदर (1978), इत्यादि.
रेखा के करियर का टर्निंग प्वाइंट था 1978 में आई फिल्म –घर. इस फिल्म में उन्होंने एक शादीशुदा महिला का किरदार निभाया था जिसका सामूहिक बलात्कार हो जाता है. एक रेप पीड़िता के संघर्ष को रेखा ने परदे पर अपनी एक्टिंग से जीवंत कर दिया. इस फिल्म में रेखा की एक्टिंग लाजवाब थी जिससे उन्हें आलोचकों और दर्शकों की काफी प्रशंसा मिली
अवार्ड्स और नोमिनशन
रेखा को 3 फिल्म फेयर अवार्ड मिलें, दो बेस्ट एक्ट्रेस के और एक बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के.
खूबसूरत (1980) और खून भरी मांग (1988) के लिए रेखा को बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्म फेयर अवार्ड मिला जबकि 1996 की फिल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड मिला.
1981 की फिल्म उमराव जान उनके फिल्मी कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई. इस फिल्म में शानदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का नैशनल अवार्ड मिला.
रेखा को 2010 में पदम श्री सम्मान से सम्मानित किया गया.
रेखा के बारे में कुछ अनसुनी अनकही बातें
1.रेखा दक्षिण भारत से आती हैं. रेखा थोड़ी मोटी और सांवली शक्ल सूरत की थी जोकि बॉलीवुड के हिसाब से फिट नहीं बैठता था. सांवली होने के कारण उनका मजाक उड़ाया जाता था और उन्हें अग्ली डकलिंग (UGLY DUCKING) कहकर मजाक उड़ाया जाता था.
2.रेखा की पर्सनल लाइफ हमेशा सुर्खियों में रही. उनका नाम महानायक अमिताभ बच्चन से जोड़ा गया हालांकि दोनों ने कभी किसी रिश्ते को खुलकर स्वीकार नहीं किया.
3.1973 में रेखा और अभिनेता विनोद मेहरा के शादी कि अफवाह भी उड़ी. लेकिन रेखा ने इस बात का खंडन किया और विनोद मेहरा को अपना शुभचिंतक बताया.
4.1990 में रेखा ने दिल्ली के उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से शादी कर लिया. लेकिन शादी के 1 साल बाद ही मुकेश अग्रवाल ने लंदन में आत्महत्या कर लिया और मीडिया में रेखा के बारे में कई तरह तरह की खबरें आने लगी.
अपने पहले ही हिंदी फिल्म में रेखा को को करना पड़ा था यौन उत्पीड़न का सामना.
फिल्म अनजाना सफर की शूटिंग मुंबई के महबूब स्टूडियो में हो रही थी. फिल्म के हीरो थे बिश्वजीत. एक रोमांटिक सीन की शूटिंग होनी थी जिसे रेखा और बिश्वजीत पर फिल्माया जाना था. डायरेक्टर राजा नवाथे ने एक्शन कहा तो बिश्वजीत ने रेखा को अपनी बाहों में ले लिया. बिश्वजीत अपने होठों से रेखा के होठों को चूमने लगे. रेखा सन्न रह गई. किसिंग सीन कि बात रेखा को पहले से नहीं बताई गई थी ना ही इसके लिए उनसे अनुमति ली गयी थी. कैमरा रोल होता रहा, ना डायरेक्टर ने कट कहा, ना ही बिश्वजीत रेखा को छोड़ रहे थे. ये सिलसिला 5 मिनट तक चलता रहा और 5 मिनट तक बिश्वजीत रेखा को चूमते रहे. जब कैमरा बंद हुआ यूनिट मेंबर सिटी और तालियां बजा रहे थे. लेकिन 15 साल की रेखा की आँखे बंद थीं और उनकी आंखों में आंसू थे.

Disclosure: Some of the links below are affiliate links, meaning that at no additional cost to you, I will receive a commission if you click through and make a purchase. For more information, read our full affiliate disclosure here. |