Ranjeet Bhartiya

Ranjeet Bhartiya 18/06/2023

वंशावली एक परंपरागत जीवनवृत्तांत होती है जो किसी व्यक्ति या परिवार के इतिहास, उनके पूर्वजों और वंशजों के बारे में जानकारी प्रदान करती है. इसके माध्यम से परिवार/जाति या समुदाय के सदस्य अपने मूल्यों, संस्कृति, धार्मिक और आध्यात्मिक पहलुओं को समझते हैं और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाते हैं. इसके अलावा, हिंदू धर्म में […]

Ranjeet Bhartiya 18/06/2023

हिंदू धर्म में “गुरु” का बहुत महत्व है और गुरु को पूजनीय माना जाता है. “गुरु” शब्द संस्कृत के दो शब्दों से बना है: “गु” का अर्थ है अंधकार या अज्ञान, और “रु” का अर्थ है दूर करने वाला. इस प्रकार, गुरु वह है जो अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है और अपने शिष्य […]

Ranjeet Bhartiya 18/06/2023

ब्राह्मण पारंपरिक भारतीय जाति व्यवस्था में सर्वोच्च जाति से संबंधित हैं. ब्राह्मणों का आचरण सरल, संयमित और अनुशासित जीवन शैली का पालन करने पर आधारित है. वे सत्य, अहिंसा, शांति, तपस्या, दान, त्याग और शुद्धि जैसे नैतिक गुणों को बहुत महत्व देते हैं. किसी भी व्यक्ति को शांत करने के लिए, उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार […]

Ranjeet Bhartiya 17/06/2023

ब्राह्मण भारतीय सामाजिक संरचना में विशेष रूप से धार्मिक, शिक्षा और यज्ञादि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं, इसीलिए प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में ब्राह्मणों का महत्व रहा है. ब्राह्मण समुदाय की धर्म, शिक्षा और संस्कृति के रक्षक के रूप में प्रतिष्ठा है. हिन्दू धर्म ग्रंथों जैसे वेद, पुराण आदि में […]

Ranjeet Bhartiya 17/06/2023

हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है और उन्हें विभिन्न गुणों, शक्तियों और प्रकृतियों का प्रतीक माना जाता है. भगवान गणेश हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं. भगवान गणेश को विद्या, ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सफलता का प्रतीक माना जाता है, और उन्हें अनेक नामों से पुकारा जाता है जैसे कि […]

Ranjeet Bhartiya 17/06/2023

भगवान शिव हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और उन्हें त्रिमूर्ति में से एक माना जाता है, जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और शिव शामिल हैं. इसमें भगवान ब्रह्मा को सृष्टि का रचयिता, भगवान विष्णु को जगत का पालक और रक्षक माना गया है, जबकि भगवान शिव को संहारक माना गया है. इन तीन भगवानों […]

Ranjeet Bhartiya 17/06/2023

वर्ण व्यवस्था प्राचीन काल में भारतीय सामाजिक व्यवस्था का एक हिस्सा थी, जिसमें 4 मुख्य वर्ण शामिल थे: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र. इसमें ब्राह्मणों का मुख्य कर्तव्य पठन- पाठन और धार्मिक अनुष्ठान करना था. क्षत्रिय का मुख्य कर्तव्य बाहरी आक्रमण से समाज और देश की रक्षा करना, वैश्य का कृषि और व्यापार करना और […]

Ranjeet Bhartiya 17/06/2023

ब्राह्मण क्षेत्रीय, भाषाई और सांस्कृतिक स्तरों पर व्यापक विविधताओं वाला एक विविध समुदाय है. ब्राह्मण, किसी भी अन्य समुदाय की तरह, भारत के विभिन्न हिस्सों और विभिन्न पृष्ठभूमि से आते हैं. ब्राह्मणों की शारीरिक बनावट और रंग-रूप में भी कई प्रकार की विविधताएं देखी जाती हैं. ब्राह्मणों के रंग को लेकर आम लोगों की यह […]

Ranjeet Bhartiya 16/06/2023

कुलदेवी की पूजा अपने धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण भारतीय समाज में व्यापक रूप से प्रचलित है. कुलदेवी का अर्थ है “कुल की देवी” या “परिवार की देवी”. ऐसी मान्यता है कि कुलदेवी परिवार के लिए एक माँ की तरह है जो परिवार की सुरक्षा, संरक्षण और तरक्की में मदद करती है. भारतीय […]

Ranjeet Bhartiya 14/06/2023

भारत में विभिन्न समुदायों के लोग निवास करते हैं, जैसे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन आदि. इन समुदायों की अपनी विशेषताओं, परंपराओं और अनूठी संस्कृति के आधार पर अपनी एक अलग पहचान है. इनमें से कई समुदायों के बीच कई समानताएं भी हैं. सिख एक धार्मिक समुदाय हैं और सिख धर्म के अनुयायी […]

Ranjeet Bhartiya 14/06/2023

वर्ण व्यवस्था एक प्राचीन सामाजिक व्यवस्था है जिसके तहत समाज को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है. इस प्रणाली के तहत, ब्राह्मणों को सर्वोच्च वर्ण का माना जाता है और उनका कर्तव्य ज्ञान, पुरोहिती और शिक्षा से संबंधित कर्तव्यों का पालन करना है. हिंदू धर्म के धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि ब्राह्मण वर्ण […]

Ranjeet Bhartiya 14/06/2023

वर्ण व्यवस्था सामाजिक वर्गीकरण की एक प्राचीन प्रणाली है जिसके तहत समाज को चार प्रमुख वर्णों में विभाजित किया जाता है: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र. इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्येक वर्ण के अपने-अपने कर्तव्य होते हैं. आइए इसी क्रम में जानते हैं कि क्या ब्राह्मण राजा बन सकते हैं. क्या ब्राह्मण राजा बन सकते […]

Ranjeet Bhartiya 14/06/2023

मुगल और ब्राह्मण दो अलग-अलग समूह हैं जिन्होंने विभिन्न कालों में भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मध्यकाल में मुगलों ने भारतीय इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जबकि प्राचीन काल से ही भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक ताने-बाने में ब्राह्मणों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. आइए इसी क्रम में […]

Ranjeet Bhartiya 13/06/2023

ब्राह्मण, एक जाति समूह के रूप में, पूरे भारत में पाए जाते हैं. भारत कई भाषाई, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधताओं वाला एक विविध देश है, इसलिए हम भारत के विभिन्न राज्यों में ब्राह्मणों के वितरण में भिन्नता पाते हैं. यह समुदाय विभिन्न उप-जातियों, उप-समूहों, भाषाओं, परंपराओं, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विशेषताओं के अनुसार विभाजित है. आइए […]

Ranjeet Bhartiya 13/06/2023

सनातन हिन्दू धर्म में ब्राह्मणों का महत्वपूर्ण स्थान है और उन्हें सर्वोच्च जाति माना गया है. ब्राह्मणों के मुख्य कर्तव्यों में देवी-देवताओं की पूजा करना और धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाना शामिल है.  ब्राह्मण कर्मकांड और पूजा-अर्चना के माध्यम से विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. आइए इसी क्रम में जानते हैं कि क्या […]