India

Ranjeet Bhartiya 28/01/2023

भारत की जनसंख्या कई धार्मिक समूहों और हजारों जातियों में बंटी हुई है. सामान्यतः यह समझा जाता है कि जाति व्यवस्था केवल हिन्दू समाज में पाई जाती है लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि मुसलमानों में भी सैकड़ों जातियां पाई जाती हैं. जातियों के उत्पत्ति और विकास के पीछे आमतौर पर एक दिलचस्प कहानी होती है. […]

Sarvan Kumar 22/01/2023

हमें मुख्य रूप से तीन स्रोतों – जनगणना, सर्वेक्षण और प्रशासनिक रिकॉर्ड- से जनसांख्यिकीय और सामाजिक आंकड़ो के बारे में पता चलता है. ये आंकड़े नीति निर्माण, विकास योजनाएं बनाने, अनुसंधान सहित कई प्रशासनिक उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं. गजेटियर भी सूचनाओं का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जिससे हमें कई प्रकार की सूचनाएं प्राप्त होती […]

Ranjeet Bhartiya 18/01/2023

व्यवसाय से तात्पर्य व्यक्ति के उस कार्य से है जिससे वह धन कमाता है, अपना जीवन यापन करता है तथा अपनी आवश्यकताओं एवं इच्छाओं की पूर्ति करता है. भारत की सामाजिक संरचना वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था पर आधारित है, जिसका प्रभाव आज भी व्यक्ति के व्यवसाय के निर्धारण और व्यवसाय के चयन में देखा […]

Ranjeet Bhartiya 18/01/2023

अक्सर आपने देखा होगा कि भारत में सड़कों, इमारतों, हवाई अड्डों, स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और विश्वविद्यालयों के नाम किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम पर रखे जाते हैं. ये नामकरण यूं ही नहीं किये जाते है. महापुरुषों के नाम पर किए जाने वाले इन नामकरणों के पीछे आमतौर पर एक दिलचस्प और महत्वपूर्ण कहानी होती है. […]

Ranjeet Bhartiya 17/01/2023

जातियाँ भारत की सामाजिक संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. जाति व्यवस्था भारत में एक महत्वपूर्ण सामाजिक व्यवस्था है जो भारतीय समाज को हजारों जातियों में विभाजित करती है और सामाजिक पदानुक्रम को निर्धारित करती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय सामाजिक संरचना में इतना महत्वपूर्ण होते हुए भी जातियों की सही आबादी […]

Ranjeet Bhartiya 15/01/2023

भारतीय सामाजिक जीवन का हर पहलू अद्भुत विविधताओं से भरा है. यह विविधता जातीय, भाषाई, क्षेत्रीय, आर्थिक, धार्मिक, वर्ग और जाति समूहों के रूप में परिलक्षित होती है. भारत में विभिन्न धार्मिक समुदायों के लोग निवास करते हैं. भारत में सामाजिक स्तरीकरण की एक प्रमुख विशेषता जाति व्यवस्था है, जो जातियों को एक विशेष पदानुक्रम […]

Ranjeet Bhartiya 12/01/2023

राजभर एक महत्वपूर्ण समुदाय है जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में पाया जाता है. इस जाति की भारत के कई राज्यों में उपस्थिति है. सामुदायिक विकास के मापदंड पर देखा जाए तो अलग-अलग राज्यों में इस समुदाय की स्थिति अलग-अलग है. आजादी के इतने सालों बाद भी यह समुदाय पिछड़ेपन का […]

Ranjeet Bhartiya 11/01/2023

राजभर भारत में पाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण जाति है. इस समुदाय के अधिकांश लोग उत्तरी और पूर्वी भारत के राज्यों में फैले हुए हैं. अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में इन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है. उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यों जैसे बिहार, झारखंड हरियाणा, उत्तराखंड राजस्थान आदि में भी इनकी उपस्थिति है. इसी क्रम […]

Ranjeet Bhartiya 10/01/2023

भारत में हजारों जातियाँ निवास करती हैं जो भारत की जनसंख्या का निर्माण करती हैं. ये सभी जातियाँ विकास के मापदंडों के आधार पर एक दूसरे से भिन्न हैं. इनमें से कुछ जातियां विकास के मामले में अन्य जातियों से काफी आगे निकल गई हैं तो कुछ विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए संघर्ष […]

Ranjeet Bhartiya 09/01/2023

लगभग 25 करोड़ की आबादी के साथ उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है. यह प्रदेश क्षेत्र जातीय रूप से विविध है, यहां बड़ी संख्या में विभिन्न जातीय समूह और जातियां निवास करती हैं. राज्य की जनसंख्या एक जटिल विषय है जो गतिशील परिवर्तन के अधीन है. उत्तर प्रदेश की जनसंख्या विभिन्न […]

Ranjeet Bhartiya 08/01/2023

सैनी राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित कई उत्तर भारतीय राज्यों में पाई जाने वाली एक प्रमुख जाति है. यह पारंपरिक किसानों और जमींदारों का समुदाय है. इस समुदाय के लोगों ने मानव कल्याण, स्वतंत्रता आंदोलन, देश के विकास और समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान दिया है. समय के साथ यह समाज कई समूहों, उपसमूहों […]

Sarvan Kumar 03/01/2023

सैनी मुख्य रूप से उत्तर भारत में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण समुदाय है. इस समाज का इतिहास जितना प्राचीन है उतना ही गौरवशाली और महान है. देश के स्वतंत्रता आंदोलन में और आजादी के बाद देश के विकास में इस समाज का योगदान सराहनीय रहा है. इस समुदाय में कई प्रकार के विभाजन देखे जाते […]

Ranjeet Bhartiya 02/01/2023

भारतीय समाज में विवाह को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. भारत में शादियों को उत्सव के रूप में देखा जाता है. ज्यादातर मामलों में शादियों को दूल्हा और दुल्हन के समुदाय, क्षेत्र और धर्म के साथ-साथ उनकी प्राथमिकताओं के आधार पर व्यापक सजावट, रंग, पोशाक, संगीत, नृत्य, वेशभूषा और अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है. […]

Ranjeet Bhartiya 01/01/2023

सैनी मुख्य रूप से उत्तर भारत में रहने वाली एक प्रमुख जाति है जो परंपरागत रूप से जमींदार और किसान रहे हैं. इस जाति की उत्पत्ति के संबंध में पौराणिक साहित्य में अनेक कथाओं का उल्लेख मिलता है, जिससे इनके गौरवशाली इतिहास का पता चलता है. इस समुदाय के लोग राजा भगीरथ, भगवान श्री कृष्ण […]

Sarvan Kumar 31/12/2022

प्रभु श्री राम की जय हो ! पिता कुश की जय हो. कुशवाहा माता – पिता की जय हो. हमारे कुशवाहा पूर्वजों की जय हो जिन्होंने अपने खून – पसीने से सींच कर हमें इतना काबिल बनाया कि आज हम सफ़लता की नई -नई कहानियां लिख रहे हैं.  कुशवाहा एक योद्धा कृषक जाति मानी जाती […]