
Last Updated on 28/06/2022 by Sarvan Kumar
कोइरी (कुशवाहा) समाज का इतिहास अत्यंत ही गौरवशाली रहा है. इस जाति में अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया है. महापुरुष का अर्थ एक ऐसे चरित्रवान व्यक्ति से है जो अपने निजी स्वार्थ और निजी सुख से ऊपर उठकर देश, समाज और मानवता के कल्याण के लिए महान कार्यों को संपादित करता है, जो समाज में फैली कुरीतियों और विकृतियों समाप्त करने का प्रयास करता है और समाज को धर्म के रास्ते चलने की प्रेरणा देता है. जिस प्रकार से ऊंचे-ऊंचे प्रकाश स्तंभ (lighthouse) समुद्र में नाविकों के लिए पथ प्रदर्शक का काम करते हैं ताकि वह अपना मार्ग ना भटकें और किसी दुर्घटना का शिकार नहीं हो जाएं. ठीक उसी प्रकार से, महापुरुष समाज के लिए ज्योति स्तंभ की तरह होते हैं जो अपने कार्यों, विचारों और व्यवहार से समाज के लिए पथ प्रदर्शक का काम करते हैं और समाज को सही राह दिखाते हैं.आइए जानते हैं कुछ ऐसे महापुरुषों के बारे में जिसमें कुशवाहा (कोइरी) समाज के लोगों की गहरी आस्था है और जिन्हें इस समाज के लोग अपना आदर्श मानते हैं-
कोइरी जाति के महापुरुष
भगवान राम

वैसे तो सनातन हिंदू धर्म में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसे भगवान राम में आस्था ना हो. कुशवाहा समाज के लोग श्री राम के वंशज होने का दावा करते हैं, इसीलिए श्री राम के प्रति इनकी विशेष आस्था है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मर्यादा पुरुषोत्तम राम श्री विष्णु के अवतार थे. राक्षसों के विनाश के लिए श्री विष्णु ने अवतार राम त्रेतायुग में पृथ्वी पर आए और अयोध्या के सूर्यवंशी राजा दशरथ के पुत्र के रूप में जन्म लिया.
माता सीता
“जानकी” के रूप में प्रसिद्ध सीता माता श्री राम की पत्नी थीं. इन्हें सौभाग्य और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है.
लव-कुश

लव और कुश भगवान राम और माता सीता के जुड़वा संतान थे. लव- कुश बहुत पराक्रमी और वीर थे. कुशवाहा (कोइरी) कुश के वंशज होने का दावा करते हैं. कुर्मी कुश के जुड़वां भाई लव से अपने वंश का दावा किया है. कुशवाहा समाज के लोग बड़े धूमधाम से लव-कुश जयंती मनाते हैं.
गौतम बुध

कुशवाहा समाज का एक छोटा वर्ग मुनि गौतम बुद्ध के वंशज होने का दावा करता है. तथागत गौतम बुद्ध का जन्म उस समय हुआ था, जब समाज में ऊंच-नीच, विषमता, रुढ़िवादिता, अंधविश्वास, सामाजिक कुरीतियां चरम पर थीं. महात्मा बुद्ध ने अपने उपदेशों से से संपूर्ण मानव समाज को एक सूत्र में पिरोने का काम किया.
चंद्रगुप्त मौर्य

कुशवाहा समाज का एक वर्ग खुद को चंद्रगुप्त मौर्य से जोड़ता है और उन्हें आदर्श के रूप में देखता है. चंद्रगुप्त मौर्य एक महान सम्राट थे जिन्होंने मौर्य वंश की स्थापना की थी. मौर्य वंशज ने 139 वर्षों तक शासन शासन किया था. यहां यह स्पष्ट कर देना जरूरी है कि कई इतिहासकारों ने चंद्रगुप्त मौर्य को कुशवाहा समुदाय के सदस्य के रूप में पेश करने के प्रयासों पर सवाल भी उठाया है, इसीलिए हर एक शोध का विषय है.
सम्राट अशोक

Image Wikimedia Commons
कहा जाता है कि सम्राट अशोक का संबंध कुशवाहा जाति से था. चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट् अशोक के दादा थे. सम्राट अशोक को मौर्य वंश का महानतम शासक कहा जाता है. अपने शासनकाल ( 298-272 ईसा पूर्व) के आरंभ में उन्होंने पहले विस्तारवादी नीति को अपनाया. 261 ईसा पूर्व के कलिंग युद्ध का भीषण नरसंहार देखकर उन्होंने शस्त्र त्याग दिया और बौद्ध धर्म अपना लिया.
Refrences
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/vidisha-vidisha-news-7009504
https://www.telegraphindia.com/india/chandragupta-now-a-kushwaha/cid/1577756
https://www.bbc.com/hindi/india-61046537

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