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कड़वा (Kadava) पाटीदार पटेल का इतिहास, कड़वा पाटीदार पटेल की उत्पति कैसे हुई?

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पटेल या पाटीदार समुदाय मुख्य रूप से दो वर्गों या उप जातियों में विभाजित है- कड़वा पाटीदार पटेल और लेउवा पाटीदार पटेल. आइए जानते हैं कड़वा पाटीदार पटेल का इतिहास, कड़वा पाटीदार पटेल की उत्पति कैसे हुई?

कड़वा पाटीदार पटेल का इतिहास

कड़वा पाटीदार/कदवा पाटीदार (Kadava Patidar, Kadwa, Kadva) गुजरात में पाटीदारों की एक उप-जाति हैं. यह मुख्य रूप से उत्तरी गुजरात (North Gujarat) में पाए जाते हैं. उत्तर गुजरात के मेहसाणा, अहमदाबाद, कड़ी-कलोल, विसनगर इलाके में इनकी बहुतायत आबादी है. अनुपात की बात करें तो गुजरात में कड़वा पटेल 60% और लेउवा पटेल 40% हैं. पारंपरिक रूप से यह एक कृषक जाति है. लेकिन वर्तमान में इस समुदाय के लोग विभिन्न प्रकार के आर्थिक गतिविधियों में शामिल हैं. बिजनेस, राजनीति समेत अन्य क्षेत्रों में इनकी मजबूत उपस्थिति है. हाल के गुजरात के शासन में सत्तारुढ़ पटेल-पाटीदार नेताओं में कड़वा पटेल नेताओं की संख्या ज़्यादा है. इससे यह पता चलता है कि यह समुदाय राजनीतिक रूप से अत्यंत ही प्रभावशाली हैं. इनकी सामाजिक स्थिति और इतिहास की बात करें तो कांता मुरली (Kanta Murali) की किताब “Caste, Class, and Capital: The Social and Political Origins of Economic Policy in India” के अनुसार, कड़वा पाटीदार पटेल नकदी-फसल कृषि (cash-crop agriculture) पर निर्भर थे. अमीर और अधिक विविध लेवा पाटीदारों (Leva Patidars) की तुलना में इनका एक उच्च सामाजिक स्थिति पर‌ इनका कब्जा था. कई लेखकों ने यह आरोप लगाया है कि विद्वानों द्वारा कड़वा पाटीदारों पर बहुत कम ध्यान दिया गया है और आमतौर पर इनकी उपेक्षा की गई है. “Division and Hierarchy: An Overview of Caste in Gujarat” नामक पुस्तक के लेखक A.M. Shah के अनुसार, लेवा पाटीदारों की तुलना में कड़वा पाटीदारों पर विद्वानों का बहुत कम ध्यान गया है. यह मूल रूप से विद्वानों के बीच उत्तरी गुजरात की उपेक्षा करने वाले एक व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा था.

कड़वा पाटीदार पटेल किस धर्म को मानते हैं?

कड़वा पाटीदार पटेल समुदाय के लोग हिंदू धर्म को मानते हैं. भगवान राम, दुर्गा माता, महादेव आदि हिंदू देवी देवताओं में इनकी गहरी आस्था है. इनकी कुलदेवी उमिया माता हैं. यह हिंदू त्यौहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं.

कड़वा पाटीदार पटेल की उत्पत्ति

शिवानंदमंदिरम नारायणन सदाशिवन (S. N. Sadasivan) की किताब “A social history of India” के अनुसार, “कडवा” नाम “कडी” से आया है. कडी एक पूर्व जिला है जो बड़ौदा राज्य (Baroda State) के दौरान अस्तित्व में था. बता दें कि बड़ोदा राज्य (1721–1949) स्वतन्त्रता पूर्व भारत की एक रियासत थी. गायकवाड़ो ने बड़ौदा को जीतकर बड़ौदा राज्य की स्थापना की थी. बड़ोदा राज्य पर 1721 से लेकर 1949 तक गायकवाड़ वंश के शासकों ने किया. भौगोलिक रूप से इसमें 1000 वर्ग मील क्षेत्र में फैले इस भूतपूर्व रियासत को चार प्रांतों में विभाजित किया गया था- कडी, बड़ौदा, नवसारी और अमरेली. वर्तमान में में कडी गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित एक कस्बा और एक नगर पालिका है. इस समुदाय के बीच एक लोकप्रिय धारणा के अनुसार, कड़वा पाटीदार पटेल हिंदू महाकाव्य रामायण में वर्णित भगवान श्री राम के पुत्र कुश के वंशज हैं.

कड़वा पाटीदार के उल्लेखनीय व्यक्ति

भूपेंद्रभाई पटेल (गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री)
हार्दिक पटेल (युवा नेता और सोशल एक्टिविस्ट)


References;

•Trivedi, Jayprakash M. (1 January 1992). The Social structure of Patidar caste in India. Kanishka Pub. House. p. 20. ISBN 9788185475196.

•Murali, Kanta (2017). Caste, Class, and Capital: The Social and Political Origins of Economic Policy in India. Cambridge University Press. p. 109.

•Sadasivan, S. N. (2000). A social history of India. APH Publishing Corporation. p. 257.

•Shah, A.M. (1982). “Division and hierarchy: an overview of caste in Gujarat”. Contributions to Indian Sociology. 16: 22.

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