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Ranjeet Bhartiya 30/07/2023

यह कथन कि “जीवन बीमा बीमा के साथ-साथ एक निवेश भी है” जीवन बीमा पॉलिसियों की दोहरी प्रकृति को संदर्भित करता है. जीवन बीमा एक अद्वितीय वित्तीय उत्पाद है जो बीमा सुरक्षा और निवेश अवसर दोनों के रूप में कार्य करता है। यह एक बीमा के रूप में समय से पहले मृत्यु के वित्तीय जोखिमों […]

Ranjeet Bhartiya 30/07/2023

सत्य और अहिंसा मौलिक सिद्धांत हैं जो समाज में सद्भाव और प्रगति को बढ़ावा देते हैं। सत्य विश्वास, पारदर्शिता और विश्वसनीयता का पोषण करता है, वास्तविक रिश्तों को बढ़ावा देता है। अहिंसा सहानुभूति और करुणा का प्रतीक है, संघर्षों को शांतिपूर्वक हल करने से स्थायी समाधान निकलता है। इन मूल्यों को अपनाने से समझ, सम्मान […]

Ranjeet Bhartiya 25/07/2023

राम विलास पासवान का शानदार राजनीतिक करियर हाशिए पर पड़े और वंचितों के हितों की वकालत करने के लिए समर्पित था। उन्होंने जीवन भर निडर होकर उनके कल्याण के लिए आवाज उठाई और राजनीति के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनका राजनीतिक सफर कई उपलब्धियों से भरा रहा, लेकिन एक खास उपलब्धि के लिए […]

Ranjeet Bhartiya 14/07/2023

भारत में विभिन्न जातियों की वंशावली देश की सामाजिक संरचना और जाति व्यवस्था को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वंशावली जातियों के बीच ऐतिहासिक उत्पत्ति और पदानुक्रमित संबंधों का पता लगाने, उनकी सामाजिक स्थिति और विशेषाधिकारों के बारे में जानकारी देने में मदद करती है. वंशावली का अध्ययन से हम सामाजिक रिश्तों के जटिल […]

Sarvan Kumar 11/07/2023

कुछ ऐतिहासिक वृत्तांतों के अनुसार, खत्री समुदाय की उत्पति क्षत्रियों के एक समूह द्वारा हुआ जो प्राचीन भारत में योद्धा वर्ग थे. समय के साथ, कई क्षत्रियों ने विभिन्न कारणों से युद्ध छोड़कर व्यापार – वाणिज्य अपना लिया. इससे खत्री समुदाय का उदय हुआ. एक अन्य सिद्धांत से पता चलता है कि खत्री समुदाय की […]

Ranjeet Bhartiya 30/05/2023

सनातन हिंदू धर्म में ब्राह्मणों का हमेशा से ही महत्व रहा है. ब्राह्मणों को चारों वर्णों में सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक सम्मानित माना गया है. ” ब्राह्मण कौन हैं?” इस विषय पर विभिन्न ग्रंथों में विस्तार से चर्चा की गई है. विभिन्न महापुरुषों ने भी ब्राह्मण की अपने-अपने ढंग से परिभाषित किया है. आइए इसी क्रम […]

Ranjeet Bhartiya 23/04/2023

हम तरक्की के कितने ही दावे करें, बढ़ती हुई जीडीपी का कितना भी ढिंढोरा पीट लें, लेकिन आर्थिक असमानता भारत की हकीकत है. आर्थिक असमानता किसी देश के नागरिकों के बीच धन और आय के असमान वितरण को संदर्भित करती है. भारत में आर्थिक असमानता के कई कारण हैं जिसमें जाति व्यवस्था और अस्पृश्यता जैसी […]

Ranjeet Bhartiya 01/02/2023

राजभर भारत में पायी जाने वाली एक ऐसी जाति है, जिसके स्वर्णिम इतिहास के बारे में अधिकांश लोगों को पता नहीं है. राजभर समाज के लोग भी अपने महान इतिहास को भूल चुके हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि इनके इतिहास को अन्य शासकों विशेषकर आक्रमणकारी शासकों द्वारा या तो नष्ट कर दिया गया […]

Ranjeet Bhartiya 31/01/2023

भारत का इतिहास कई हजार वर्ष पुराना है. इन हजारों वर्षों के इतिहास में भारत की भूमि पर अनेक साम्राज्यों का उदय हुआ. इनमें से कई साम्राज्य बहुत विशाल और प्रसिद्ध थे, जिनके बारे में आमतौर पर लोग जानते हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी साम्राज्य हुए जिसके बारे में अधिकांश लोगों को नहीं पता है. […]

Sarvan Kumar 09/09/2022

मद्धेशिया (Madheshiya/Madhesiya) भारत में पाया जाने वाला एक समुदाय है. इन्हें मद्धेशिया वैश्य, मधेशिया बनिया, मध्यदेशीय वैश्य और मद्धेशिया कांदू समुदाय के नाम से भी जाना जाता है. इनका पारंपरिक व्यवसाय मिठाई बनाना और बेचना, व्यापार तथा मुख्य रसोईया (शेफ) के रूप में काम करना रहा है. इनमें से कुछ कृषि भी करते हैं. इस […]

Ranjeet Bhartiya 07/08/2022

कुर्मी समुदाय भारत में निवास करने वाला एक प्राचीन समुदाय है. वर्तमान में मुख्य रूप से कुशल कृषक के रूप में जाने जाने वाली इस जाति को पौराणिक मान्यताओं के आधार पर वैदिक क्षत्रिय माना जाता है. भारत के विभिन्न भागों में व्यापक रूप से वितरित यह समुदाय कई उपजातियों में बटा हुआ है. आइए […]

Ranjeet Bhartiya 27/07/2022

कुर्मी भारत में निवास करने वाली एक महत्वपूर्ण कृषक-योद्धा जाति है. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में तथा आजादी के पश्चात देश के विकास में इस समुदाय के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. भारत के कई राज्यों में इनकी उल्लेखनीय आबादी है. वर्तमान में इन्हें भारत के अधिकांश राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप […]

Ranjeet Bhartiya 26/07/2022

पटेल-पाटीदार समाज के लोग खुद को भगवान विष्णु के अवतार अयोध्या के राजा श्री राम के वंशज होने का दावा करते हैं. यह समुदाय कई उप जातियों में विभाजित है, जिनमें प्रमुख हैं-लेउवा पटेल, कदवा/कड़वा पटेल, सतपंथी और चौधरी पटेल. इन सभी उप जातियों में संख्या, डिस्ट्रीब्यूशन पैटर्न, उत्पत्ति, रिती-रिवाज, कुलदेवी, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक […]

Ranjeet Bhartiya 25/07/2022

पाटीदार-पटेल (Patidar-Patel) भारत में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण समुदाय है. गुजरात में यह समुदाय सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से अत्यंत ही प्रभावशाली है. गुजरात में पाटीदार-पटेल समुदाय दो वर्गों में विभाजित है- कड़वा पाटीदार पटेल और लेउवा पाटीदार पटेल. आइए जानते हैं लेवा पाटीदार पटेल का इतिहास, लेवा पाटीदार की उत्पत्ति कैसे हुई […]

Ranjeet Bhartiya 24/07/2022

पटेल या पाटीदार समुदाय मुख्य रूप से दो वर्गों या उप जातियों में विभाजित है- कड़वा पाटीदार पटेल और लेउवा पाटीदार पटेल. आइए जानते हैं कड़वा पाटीदार पटेल का इतिहास, कड़वा पाटीदार पटेल की उत्पति कैसे हुई? कड़वा पाटीदार पटेल का इतिहास कड़वा पाटीदार/कदवा पाटीदार (Kadava Patidar, Kadwa, Kadva) गुजरात में पाटीदारों की एक उप-जाति […]