India

Ranjeet Bhartiya 27/03/2023

महिलाएं भारत की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं. नारी के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती. महिलाएं परिवार बनाती हैं, परिवार से घर बनता है, घर से समाज बनता है और समाज से राष्ट्र बनता है. इसका सीधा मतलब है कि सामाजिक संरचना के हर स्तर पर महिलाओं का महत्वपूर्ण भूमिका है. […]

Ranjeet Bhartiya 26/03/2023

नाई (Nai) एक सामान्य शब्द (generic term) है जो उन सभी व्यावसायिक जातियों को संदर्भित करता है जो पारंपरिक रूप से बाल काटने के व्यवसाय में शामिल रही हैं. हिंदू नाई जाति का इतिहास बहुत प्राचीन है. बाद में भारत में अन्य धर्मों के लोग भी बाल काटने के व्यवसाय में शामिल होने लगे. उदाहरण […]

Ranjeet Bhartiya 20/03/2023

बाल काटने की परंपरा बहुत प्राचीन है. भारत में बाल काटने का काम नाई नामक पेशेवर जाति द्वारा किया जाता है. लेकिन भारत में ऐतिहासिक तौर पर इस समुदाय का काम सिर्फ बाल काटने तक ही सीमित नहीं है. इन्हें शुरुआती सर्जन माना जाता है. इसके अलावा प्राचीन भारत में इनका उपयोग संदेशवाहक और मध्यस्थ […]

Ranjeet Bhartiya 17/03/2023

उनका स्पर्श अपवित्र होता था. उन्हें गांव के कुएं से पानी भरने की इजाजत नहीं थी. उन्हें गांवों के बाहरी इलाकों में रहने के लिए बाध्य किया जाता था. गाँव का नाई उनकी हजामत नहीं बनाता था. गांव का धोबी उनके कपड़े नहीं धोते थे उन्हें मान्यता प्राप्त हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति […]

Ranjeet Bhartiya 16/03/2023

भारत में 6000 से अधिक हिंदू जातियां निवास करती हैं. इन जातियों को उनके पेशे के अनुसार कई समूहों में वर्गीकृत किया गया है, जैसे कृषक जातियां, पशुपालक जातियां, चर्मकार जातियां, बढ़ई जातियां आदि. भारत में कुछ ऐसी जातियाँ हैं जिनका पारंपरिक व्यवसाय बाल काटना रहा है, उनमें से एक नाई है. यहाँ हम भारत […]