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Last Updated on 09/04/2020 by Sarvan Kumar

पिछले कुछ महीनों से हम सभी देख रहे हैं कि देश में अशांति का माहौल चल रहा है।अब सोचने वाली बात यह है कि इसमेें कितनी सच्चाई है। क्या यह विपक्षियों की सुनियोजित साजिश है? यह समझने के लिए कुछ तथ्यों पर ध्यान देना जरूरी है:

1.गुजरात चुनाव से पहले वहां हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पटेल आरक्षण चल रहा था। धीरे-धीरे अल्पेश ठाकोर को OBC का चेहरा बनाकर आंदोलन चलाया गया, फिर जिग्नेश मेवानी दलित के नाम पर आंदोलन चलाते हुए पाए गये। जैसे -जैसे चुनाव नजदीक आते गए, तीनो कांग्रेस के समर्थन मेंं उतर गए।

लोगों के सामने सच्चाई तब आई जब हार्दिक पटेल का होटल में एक लड़की के साथ विडियो वायरल हो गया. पता चला शेर की खाल में एक सियार बैठा है। हार्दिक और राहुल की एक गुप्त बैठक भी उजागर हो गया। गुजरात को इतना अशांत करने के बाद भी यह  विपक्ष के खाते में नही गया.

2. 2 अप्रैल को दलितों ने SC/ST एक्ट में हुए संशोधन को लेकर भारत बंद का ऐलान किया और भारत में जगह-जगह आगजनी किया , इसको भी विपक्ष ने बेवजह बढावा दिया। SC/ST एक्ट में हुआ संशोधन कोई गंभीर मुद्दा नही था। पिछले रिकाॅर्ड को देखा जाए तो SC/ST एक्ट का दुरूपयोग किया जा रहा था। बहुत से लोगों पर झूठा SC/ST एक्ट लगाया गया था। SC/ST एक्ट का दुरूपयोग ना हो इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया कि आरोप सिद्ध होने के बाद ही आरोपित को हिरासत में लिया जाए।

3.दलितों द्वारा भारत बंद में गैर दलित और दूसरे धर्मों के लोग, दलितों की तरफ से आगजनी कर रहे थे। इस तरह का फोटों और विडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। इससे साफ हो गया कि देश को अशांत करने का यह सुनियोजित साजिश थी।

4..कोरे गांव हिंसा फैलने से पहले दलितों को जिगनेश मेवानी और उमर खालिद जैसे लोगों ने संबोधित किया था। देश को कभी जाट,  दलित , पटेल तो कभी गुर्जर आंदोलन के नाम पर अशांत किया जा रहा है। इस तरह के आंदोलनो को विपक्षी समर्थन करते पाए गए हैं।
विपक्ष बौखलाया हुआ है यह साफ नजर आ रहा है। विपक्षियों को इस तरह बयानबाजी और बौखलाने की जरूरत ही क्यों है? मोदी सरकार भारत के पिछली सरकारों से अच्छा काम कर रही है। भारत के रिश्ते दूसरे राष्ट्रों सेे अच्छे बन रहे हैं। अमेरीका, ईजरायल, सऊदी अरब जैसा देश भारत के अच्छे मित्र राष्ट्र के रूप में  उभरे हैं।

5. विपक्ष ने बार-बार यह आरोप लगाया कि नोटबंदी और G.S.T जैसे फैसले लेकर मोदीजी ने देश को बर्बाद कर दिया है।अब यह देश अच्छी अर्थव्यवस्था के रूप में कभी खड़ा नहीं हो पाएगा।
नोटबंदी और G.S.T के ऊपर इतना हो हल्ला करने के बावजूद,भारत का G.D.P कुछ महीनों में पुन: पटरी पर लौट आया।

6. विपक्ष का बौखलाहट अब साफ है कि वह किसी भी तरीके से सत्ता में आना चाहती है। यह तभी हो सकता हे, जब मोदी जी को सही से कोई काम करने नही दिया जाए। यह देखने को भी मिल रहा है। विपक्ष के द्वारा, सुचारू रूप से संसद को नही चलने दिया जा रहा है। बेवजह कभी लोकसभा में तो कभी राज्यसभा में विपक्ष शोरगुल करते हुए पायेे जाते हैं। संसद में उचित ढ़ंग से किसी मुद्दे पर विचार नही हो पा रहा है। इससे किसी बिल पर फैसला लने में कठिनाई आ रही है। इस वजह से प्रधानमंत्री मोदी  बहुत चिंतित हैं।

7. पिछले 9 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष देश में बढ़ते दलित उत्पीड़न का मुद्दा ऊठाते हुए कुछ घंटो का उपवास रखने का घोषणा किया।
इस गंभीर समस्या पर कांग्रेस के दो व्यंगात्मक पहलू देश के जनता के सामने आया।
हमने आज तक अनशन का एक दिवसिय, दो दिवसिय या आमरण अनशन देखा है।  इस बार कांग्रेसियों ने तो कुछ घंटो का अनशन करने का ही घोषणा कर दिया।

अनशन 10 बजे से रखने का फैसला लिया गया था मगर उस दिन के करीब 8 बजे का एक फोटो वायरल हो गया। इसमें  दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली और दूसरे  बड़े कांग्रेसी नेता छोले-भटूरे खाते हुए पाए गये।

कांग्रेस की अनैतिकता और ओछपन यहीं पर नही रूका। कांग्रेसी नेता अरविंदर सिंह लवली यहां तक कह गये कि अनशन तो 10 बजे से चालू था, इसका मतलब यह तो नही कि हम उससे पहले नही खा सकते।

इस बयान से तो साबित ही हो गया कि कांग्रेसियों ने अनशन शूरू  करने के ठीक पहले खाना खाया था। विपक्ष के इस तरह अनैतिक रवैयों से क्षुब्ध होकर देश की जनता तक अपनी बात सकारात्मक तरीके से पहुंचाने के लिए मोदी भी दिनांक 12/04/2018 को एकदिवसिय अनशन कर रहे हैं। भाजपा के सभी बड़े नेता भी एकदिवसिय अनशन रख रहे हैं।

 

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