Last Updated on 16/07/2022 by Sarvan Kumar
यादव कौन है
यादव शब्द का प्रयोग परंपरागत रूप से किसान-चरवाहे समूह और जातियों के लिए किया जाता है. 19वीं और 20वीं शताब्दी के बाद एक सामाजिक और राजनीतिक पुनरुत्थान आंदोलन के तहत यह खुद को प्रतापी पौराणिक राजा यदु के वंशज होने का दावा करते हैं.
यादव की उत्पत्ति और इतिहास
राजा यदु का उल्लेख हिंदू ग्रंथों जैसे महाभारत, हरिवंश, पुराणों जैसे विष्णु पुराण, भागवत पुराण और गरुड़ पुराण आदि में मिलता है. इन ग्रंथों में राजा यदु को राजा ययाति और रानी देवयानी का जेष्ठ पुत्र के रूप में वर्णन किया गया है. ऐसी मान्यता है कि राजा यदु ने आदेश दिया था कि उनकी आने वाली पीढ़ियों को यादवों के रूम में जाना जाएगा और उनके वंश को यदुवंश के रूप में जाना जाएगा. इसीलिए राजा यदु के वंशज यादव या अहीर के रूप में जाने जाते हैं.
यादव किस वर्ण में आते हैं? क्या यादव क्षत्रिय हैं?
परंपरागत रूप से यादवों को पशुपालन से जोड़ा जाता था और इस कारण ये औपचारिक जाति व्यवस्था से बाहर थे. 19वीं और 20वीं सदी के अंत में इन्होंने यादव आंदोलन के माध्यम से अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा सुधारने का काम शुरू किया जिसमें भारतीय और ब्रिटिश सशस्त्र बलों में सक्रिय भागीदारी, अधिक प्रतिष्ठित पेशा या व्यवसाय में शामिल होना तथा राजनीति में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना शामिल है. यादव समाज के नेता और बुद्धिजीवी महाराजा यदु और गोपालक योद्धा भगवान कृष्ण के वंशज होने का दावा करते हैं जो कि क्षत्रिय थे. इन्हीं तर्कों के आधार पर यादव समुदाय के अधिकांश सदस्य खुद को क्षत्रिय होने का दावा करते हैं.
19वीं शताब्दी के अंत में विट्ठल कृष्णजी सचिन खेडकर नाम के एक एक स्कूली शिक्षक हुए, जिन्होंने यादवों के इतिहास के बारे में दावा किया है कि यादव अभीर जनजाति के वंशज थे और आधुनिक यादव वही समुदाय है जिन्हें महाभारत और पुराणों में राजवंशों के रूप में जाना जाता है.
अंतिम अभीर राजवंश के वंशज राव बहादुर बलवीर सिंह के नेतृत्व में 1910 में अहीर यादव क्षत्रिय महासभा की स्थापना की थी. अहीर यादव क्षत्रिय महासभा ने दावा किया था कि महाराज यदु और और भगवान कृष्ण के वंशज होने होने के नाते यादव वर्ण व्यवस्था में क्षत्रीय हैं.
यादवों की उपजातियां
यादव एक व्यापक शब्द है जिसमें कई उपजातियां शामिल हैं जो विभिन्न प्रदेशों में अलग -अलग नाम से जानी जाती है, जिनका सामान्य पारंपरिक कार्य चरवाहे, गोपालक और दुग्ध विक्रेता का था.
पंजाब और गुजरात में अहीर, गोवा और महाराष्ट्र में गवली, दक्षिण भारत की बात करें तो कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में गल्ला, तमिलनाडु में कोनर और केरल में मनियार के नाम से जाने जाते हैं.
एक बात यहां बताना जरूरी है कि यादवों को पारंपरिक रूप से चरवाहा, गोपालक और दुग्ध विक्रेता माना जाता है लेकिन बदलते दौर में आज कोई भी जाति अपने परंपरागत पेशे तक ही सीमित नहीं है. यादव समुदाय के लोग आज सभी क्षेत्रों जैसे शिक्षा, कला, प्रशासनिक सेवा, फिल्म और टेलीविजन, खेल, साहित्य, राजनीति, आदि में सक्रिय हैं तथा सफलता की कहानी लिख रहे हैं.
यादव किस श्रेणी में आता है?
यादवों को भारत के राज्यों जैसे बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अति पिछड़ा वर्ग यानी कि other backward class OBCs श्रेणी में शामिल किया गया है.
यादवों की आबादी
ज्यादातर यादव उत्तर भारत विशेष रुप से उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में रहते हैं. अन्य देशों की बात करें तो नेपाल और मॉरीशस में भी यादवों की आबादी है. पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, झारखंड, दिल्ली हिमाचल प्रदेश आदि में भी यादवों की ठीक-ठाक आबादी है.
2011 के जनगणना के अनुसार बिहार में यादवों का आबादी 12% है. उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी 40% है. 40% हिस्सेदारी के साथ यादव ओबीसी वर्ग का सबसे बड़ा समूह बनाते हैं. उत्तर प्रदेश में यादव राज्य की आबादी का 15% हैं.
प्रसिद्ध यादव
फिल्म और टेलीविजन: राजकुमार यादव, रघुवीर यादव, राजपाल यादव, दिनेश लाल यादव निरहुआ और खेसारी लाल यादव.
सेना
योगेंद्र सिंह यादव-कारगिल युद्ध में वीरता का परिचय देने वाले योगेंद्र सिंह यादव को मात्र 19 साल की उम्र में परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. वह सबसे कम उम्र के सैनिक हैं जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है.
राजनीति
राजनीति की दुनिया में यादवों का बड़ा नाम है. मुलायम सिंह यादव (भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री), लालू प्रसाद यादव (भारत के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री), अखिलेश यादव (उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री) और तेजस्वी यादव (बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री).
कुछ अन्य प्रसिध्द यादव
रामबरन यादव: 2008 में नेपाल में गणतंत्र की घोषणा के बाद नेपाल के पहले राष्ट्रपति.
संतोष यादव: संतोष यादव माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढ़ने वाली दुनिया की पहली महिला हैं.
सुरेखा यादव: सुरेखा यादव भारतीय रेलवे की पहली महिला लोको पायलट हैं.
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