
Last Updated on 05/09/2020 by Sarvan Kumar
15 जनवरी 2019 : बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो कुमारी मायावती के 63 वें जन्मदिन पर बीएसपी के कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा गया. सोशल मीडिया पर मायावती के जन्मदिन की तस्वीरें वायरल हो गई. वायरल तस्वीर में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव मायावती को गुलदस्ता देकर बधाई देते दिखे. तस्वीर में बसपा के राज्यसभा सांसद सतीश मिश्रा भी थे. लेकिन मायावती के दायीं तरफ खड़े नीला सूट पहने एक स्मार्ट दिखने वाले लड़के ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. उनका नाम है आकाश आनंद और वो मायावती के भतीजे हैं. आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार हैं. आइए जानते हैं, आकाश आनंद कौन है? बीएसपी और मायावती से उनका क्या संबंध है?
कौन है आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार?
आनंद कुमार मायावती के छोटे भाई हैं. एक ज़माने में आनंद कुमार नोएडा में क्लर्क के पद पर काम किया करते थे. लेकिन जैसे-जैसे मायावती राजनीति में चमकती गयीं उनके भाई आनंद कुमार की किस्मत भी चमकता चला गया. जब मायावती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनीं तब उनके कार्यकाल के दौरान आनंद कुमार ने काफी पैसे बना लिए. आनंद कुमार का नेताओं, उनके रिश्तेदारों और बिल्डरों के साथ अच्छा नेटवर्क है. उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कई कंपनियां भी खोली. जब मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थी तब ये कम्पनियाँ काफी तेजी से बढ़ी और ज़बरदस्त मुनाफा कमाया.
2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद आनंद कुमार ने 49 + कंपनियां खोली. बड़े-बड़े रियल एस्टेट कंपनियों के साथ लगभग 760 करोड़ का बिजनेस किया. इसमें से कई कंपनियां फर्जी थी.
परिवारवाद की हमेशा खिलाफ रहीं मायावती
मायावती राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ बोलती रही हैं. जिन पार्टियों में परिवारवाद है उस पर निशाना भी साधती रहती हैं. जब मायावती राजनीति में आई तो उन्होंने अपने परिवार वालों से दूरी बना लिया. लेकिन वह हमेशा अपने भाई आनंद के करीब रहीं. उन्होंने अपने भाई आनंद को बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया. साथ में यह भी कहा कि वह कभी विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बनेगा. आपको याद दिला दें ,बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने भी मायावती को सबसे पहले पार्टी का उपाध्यक्ष हीं बनाया था. 2007 में जब उत्तरप्रदेश में बहुमत की सरकार बनी तो मायावती ने एक घोषणा की थी. उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी उनकी जाति से नहीं होगा और उनसे करीब 15 साल छोटा होगा. साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा था कि उनका उत्तराधिकारी उनके परिवार से नहीं होगा.
बीएसपी में आकाश की क्या है हैसियत?
मायावती ने पार्टी नेताओं से आकाश का परिचय करवाते हुए कहा यह आकाश है, इसने लंदन से एमबीए किया है, और ये पार्टी के काम दिखेगा. आकाश के बारे में भी मायावती ने स्पष्ट कहा है:
“आकाश को केवल पार्टी का सदस्य रहना पड़ेगा. उन्हें भी कोई पद नहीं दिया जाएगा” मायावती ने आकाश पर बयान देते हुए कहा कि वह आकाश को बहुजन आंदोलन से जोड़ेंगी.
आकाश आनंद कौन है ?
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि आकाश मायावती के साथ दिखाई दिए हों.
- 2019 में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जब बसपा प्रमुख से मिले थे तब भी आकाश वहां मौजूद थे.
- समाजवादी पार्टी और बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी आकाश सक्रिय दिखाई दिए थे.
- 18 सितंबर 2017 को बीएसपी के मेरठ रैली में मंच पर दो लोग दिखाई दिए: मायावती के भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश. यह पहला मौका था जब आकाश किसी सार्वजनिक सभा का हिस्सा बने थे.
क्या आकाश आनंद होंगे मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी
आकाश आनंद को मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि मायावती आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती हैं. सही समय आने पर पार्टी का कमान भी सौंप सकती हैं.आकाश आनंद मायावती के भतीजे हैं. वो मायावती के भाई आनंद कुमार के बड़े बेटे हैं. अभी आकाश की उम्र 24 -25 साल है. आकाश ने दिल्ली से स्कूलिंग करने के बाद लंदन से एमबीए किया है. आकाश मॉडर्न और हाई-फाई हैं. उन्हें महंगे कपड़ों का शौक है. 4 साल पहले भारत आने के बाद वो फिलहाल अपने पिता के बिजनेस को संभाल रहे हैं. उनका अखिलेश यादव से भी अच्छा रिश्ता है. अपने बुआ मायावती के साथ रहकर अभी वो राजनीति के गुड़ सीख रहे हैं.
आकाश को आगे लाने का कारण?
जानकारों का मानना है कि मायावती अपने भतीजे आकाश को एक युवा चेहरे के रूप में स्थापित करना चाहती हैं. इसके 4 मुख्य कारण हो सकते हैं-
- 2019 की लोकसभा चुनाव में 10 करोड़ ऐसे युवा मतदाता होंगे जो पहली बार वोट करेंगे. इस बात को कोई भी राजनीतिक पार्टी नजरअंदाज नहीं करना चाहती. युवा मतदाताओं को ध्यान में रखकर सभी पार्टियां राजनीति में युवा चेहरे पर दाव लगाना चाहती हैं. यही वजह है कि मायावती भी आकाश को आगे करके युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है.
- मायावती को पॉलिटिक्स का मिरेकल कहा जाता है. बहुजन समाज पार्टी ने 1984 से लेकर अबतक राजनीती में अपना एक अलग स्थान बनाया है. इसका प्रभाव उत्तरप्रदेश के साथ-साथ दिल्ली के राजनीति में भी देखा जा सकता है. ऐसे में मायावती को अपनी राजनितिक विरासत को सँभालने के लिए कोई ऐसा चाहिए जिस पर वो भरोसा कर सकें. इसीलिए मायावती बाहरी लोगों पर भरोसा करने के बजाय इस विरासत को अपने परिवार के किसी सदस्य को सौपना चाहती हैं.
- आकाश को पार्टी में लाने की सबसे बड़ी वजह यह हो सकती है कि कई चुनावों में बसपा की हार की का मुख्य कारण युवा रहे हैं. ऐसे में आकाश को सामने लाने से मायावती को दलित युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में आसानी हो सकती है.
- कई मौकों पर जिग्नेश मेवानी और चंद शेखावास रावण ने मायावती के साथ आने की अइच्छा जाहिर की है. यह भी माना जा रहा है आकाश को आगे लाकर मायावती दलित राजनीति में उभड़ते नए चेहरों जैसे गुजरात के जिग्नेश मेवानी और भीम आर्मी के चंद्रशेखर आज़ाद रावण के उदय को प्रभावहीन करना चाहती हैं.

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