
Last Updated on 06/09/2020 by Sarvan Kumar
औरंगाबाद जिला भारत के बिहार राज्य में स्थित एक जिला है. बिहार के दक्षिणी भाग में आने वाला यह जिला मगध प्रमंडल के अंतर्गत आता है.
औरंगाबाद जिला का इतिहास
इस जिले के मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में राजस्थान से आने वाले प्रवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. पवर, माली और चंदनगढ़ कुछ ऐसे स्थान है जहां पुराने किलों के अवशेष देखे जा सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ये किले राजस्थान से आए राजकुमारों के हैं. यहां आने पर आपको रोमांच का अनुभव होगा.
गठन
पहले ये जिला , गया जिले का हिस्सा हुआ करता था. 26 जनवरी 1973 को इसे गया जिले से अलग करके एक स्वतंत्र जिला बनाया गया.
औरंगाबाद जिला की भौगोलिक स्थिति
बाउंड्री (चौहद्दी)
औरंगाबाद जिला झारखंड और बिहार के सीमा पर स्थित है.
उत्तर में – अरवल जिला
दक्षिण में – झारखंड का पलामू जिला
पूरब में- गया जिला
पश्चिम में – रोहतास जिला
क्षेत्रफल
इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 3305 वर्ग किलोमीटर है.
प्रमुख नदियां :
जिले की प्रमुख नदियां हैं: सोन नदी, आदिरी नदी, पुनपुन नदी, औरंगा, बटाणे, मोहर और मदर. ये जिला आदिरी नदी के तट पर जलोढ़ मैदान पर स्थित है. सोन नदी जिले के पश्चिम में 20 किलोमीटर दूरी पर बहती है. पुनपुन नदी जिले के मध्य से बहती है.
अर्थव्यवस्था- कृषि ,उद्योग और उत्पाद
इस जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन और छोटे-मोटे उद्योग पर आधारित है.
कृषि
इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान गेहूं चना मसूर और रेपसीड.
पशुपालन
पशुपालन जिले के लोगों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण जरिया है. यहां गाय ,भैंस और बकरियों को पाला जाता है.
उद्योग
नबीनगर थर्मल पावर प्रोजेक्ट औरंगाबाद जिले के नबीनगर तालुक ( एनटीपीसी,नबीनगर) में स्थित है.औरंगाबाद जिले में सीमेंट का उत्पादन होता है.यहां कारपेट और कंबल बनाए जाते हैं. यहां ब्रास का काम भी होता है.
प्रशासनिक सेटअप
प्रमंडल: मगध
प्रशासनिक सहूलियत के लिए औरंगाबाद जिले को 2 अनुमंडलों और 11 प्रखंडों में बांटा गया है.
अनुमंडल: औरंगाबाद जिले के अंतर्गत कुल 2 अनुमंडल हैं: औरंगाबाद और दाऊदनगर
प्रखंड: औरंगाबाद जिले के अंतर्गत कुल 11 प्रखंड हैं.
औरंगाबाद अनुमंडल में कुल 7 प्रखंड हैं: औरंगाबाद, बारून, नबीनगर, कुटुंबा, मदनपुर, देव और ओबरा
दाऊदनगर अनुमंडल के अंतर्गत कुल 4 प्रखंड हैं:
दाउदनगर, गोह, हसपुरा और रफीगंज.
पुलिस थानों की संख्या : 32
ग्राम पंचायतों की संख्या: 202
कुल गांवों की संख्या: 1884
निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा
इस जिले के अंतर्गत 2 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं : औरंगाबाद और काराकाट (पार्ट)
विधानसभा
इस जिले के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं: गोह, ओबरा, नबीनगर , कुटुंबा , औरंगाबाद और रफीगंज
औरंगाबाद जिले की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी)
2011 की आधिकारिक जनगणना के अनुसार,
कुल जनसंख्या : 25.40 लाख
पुरुष : 13.18 लाख
महिला: 12.21 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 26.18%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 769
बिहार की जनसंख्या में अनुपात: 2.44%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) : 926
औसत साक्षरता: 70.32%
पुरुष साक्षरता : 80.11%
महिला साक्षरता: 59.71%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 9.32%
ग्रामीण जनसंख्या: 90.68%
धर्म
अधिकारीक जनगणना 2011 के अनुसार, औरंगाबाद एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 90.20% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 9.34% है.अन्य धर्मो की बात करें तो जिले में ईसाई 0.09%, सिख 0.01%, बौद्ध 0.01% और जैन 0.03% हैं.
औरंगाबाद जिले में पर्यटन स्थल
सूर्य मंदिर, देव
यह प्रसिद्ध सूर्य मंदिर औरंगाबाद जिले के दक्षिण-पूर्व में, 10 किलोमीटर दूरी पर देव में स्थित है. इस प्राचीन मंदिर का निर्माण 15 वीं शताब्दी में चंद्रवंशी राजा भैरेंद्र सिंह ने करवाया था.महापर्व छठ के अवसर पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते हैं.
देव कुंड
भगवान शिव को समर्पित यह अत्यंत प्राचीन मंदिर औरंगाबाद-जहानाबाद की सीमा के दक्षिण-पूर्व में 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में च्यवन ऋषि ने शरण लिया था.शिवरात्रि के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करने आते हैं.
उगमा मंदिर
उगना मंदिर औरंगाबाद शहर का प्रसिद्ध पर्यटन आकर्षण है जो शहर से लगभग 24 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. भगवान शिव, सूर्य और गणेश इस मंदिर के प्रमुख देवता हैं. इस मंदिर में स्क्वायर ग्रेनाइट ब्लैक पत्थरों का उपयोग किया गया है और इसकी वास्तु-कला बहुत सुंदर है.
अमझर शरीफ
अमझर शरीफ औरंगाबाद जिले का एक महत्वपूर्ण इस्लामिक तीर्थ स्थल है. मुस्लिम समुदाय का यह पवित्र तीर्थ स्थल हजरत सैयादाना मोहम्मद जिलानी अमझरी क़ादरी नामक एक मुस्लिम संत के मज़ार (कब्र) पर बना है. जून के पहले सप्ताह के दौरान आयोजित महान संत के उर्स पर यहां हजारों की संख्या में मुसलमान इकट्ठा होते हैं.
पीरु
इस जगह का ऐतिहासिक महत्व है. इसे प्राचीन काल में प्रीतिकुता के नाम से जाना जाता था. कहा जाता है यह स्थान महान कवि और राजा हर्षवर्धन के लेखक बाणभट्ट का जन्म स्थान है.
सिरिस
औरंगाबाद स्थित यह स्थान शेरशाह और मुगल साम्राज्य के दौरान ,परगना था. 1857 के विद्रोह के दौरान यह स्थान नारायण सिंह और कई अन्य गुमनाम नायकों का कार्यस्थल रहा. यहां औरंगजेब के शासनकाल के द्वारा निर्मित एक मस्जिद भी है.
औरंगाबाद कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
औरंगाबाद जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है.नजदीकी हवाई अड्डा गया और पटना में स्थित है.नजदीकी हवाई अड्डा: गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (बोधगया एयरपोर्ट, Code: GAY). यह औरंगाबाद जिले से 80 किलोमीटर दूर गया जिले में स्थित है.इसके अतिरिक्त दूसरा नजदीकी हवाई अड्डा जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट (Code: PAT) औरंगाबाद जिले से लगभग 140 किलोमीटर दूर पटना में स्थित है.
रेल मार्ग
आप रेल मार्ग से यहां आ सकते हैं. नजदीकी रेलवे स्टेशन: अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन (AUBR).
सड़क मार्ग
औरंगाबाद, राज्य और देश के प्रमुख नगरों से शहरों से सड़क मार्ग से अच्छे से जुड़ा हुआ है. औरंगाबाद शहर नेशनल हाईवे 02 और नेशनल हाईवे 98 के क्रॉसिंग पर स्थित है.
आप चाहे तो अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी यहां आ सकते हैं.

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