गोपालगंज भारत के बिहार राज्य में स्थित एक जिला है. उत्तर बिहार में आने वाला यह जिला सारण प्रमंडल के अंतर्गत आता है.यहाँ की थावे दुर्गा मंदिर काफी प्रसिद्ध है. गोपालगंज जिला में कितने अनुमंडल हैं? कितनी जनसंख्या है ? आइए जानते हैं गोपालगंज जिले की पूरी जानकारी.
गठन
पहले गोपालगंज सारण जिला का एक छोटा शहर हुआ करता था. 1875 में इसे अनुमंडल बनाया गया.2 अक्टूबर, 1973 को गोपालगंज को एक स्वतंत्र जिला बनाया गया.
गोपालगंज जिले की भौगोलिक स्थिति
क्षेत्रफल
गोपालगंज जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 2033 वर्ग किलोमीटर है.
बाउंड्री (चौहद्दी)
गोपालगंज उत्तर बिहार का अंतिम जिला है. जिले की सीमा उत्तर प्रदेश से लगती है.
इसकी चौहद्दी इस प्रकार है:
उत्तर में –पश्चिम चंपारण और उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला
दक्षिण में- सिवान और सारण जिला
पूरब में –पूर्वी चंपारण जिला
पश्चिम में- उत्तर प्रदेश का देवरिया जिला
प्रमुख नदियां
गंडक नदी, झरही, दाहा, खनुआ और सारन.
अर्थव्यवस्था -कृषि और उत्पाद
जिले की अर्थव्यवस्था कृषि और कृषि आधारित उद्योगों पर निर्भर है. गोपालगंज जिले की भूमि समतल और उपजाऊ है. यहां गंडक नहर और इससे निकलने वाली वितरिकाऐं सिंचाई के प्रमुख स्रोत हैं.
जिले में उपजाये जाने वाले प्रमुख फसल हैं- चावल, गेहूं, मकई और मूंगफली.
उद्योग
जिले में कृषि पर आधारित उद्योग विकसित किए गए हैं. जिले में चीनी उद्योग हैं वनस्पति तेल उद्योग हैं. वर्तमान में जिले में पांच बड़े और तीस लघु उद्योग इकाइयां कार्यरत हैं.
जिले के प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं- गोपालगंज, सासामुसा, सिधवलिया और हथुआ.
गोपालगंज जिला का शासनिक सेटअप
प्रशासनिक सहूलियत के लिए गोपालगंज जिले को 2 अनुमंडलों ,14 प्रखंडों में बांटा गया है.
प्रमंडल : सारण
अनुमंडल: गोपालगंज जिले को 2 अनुमंडलों में बांटा गया है- गोपालगंज और हथुआ.
प्रखंड: गोपालगंज जिले को 14 प्रखंडों में बांटा गया है.
गोपालगंज अनुमंडल में कुल 7 प्रखंड हैं: बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, मांझा, थावे और सिधवलिया.
हथुआ अनुमंडल में कुल 7 प्रखंड हैं: भोरे, हथुआ, कटेया, पंचदेवरी, फुलवरिया, उचकागांव और विजयपुर.
शहरी क्षेत्रों की संख्या : 4
नगर परिषद की संख्या: 1 ,गोपालगंज
ग्राम पंचायतों की संख्या : 234
राजस्व गांव की संख्या : 1566
इसमें से 1397 गांव बसे हुए हैं जबकि 169 गांव निर्जन हैं.
पुलिस थानों की संख्या : 22
निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा
जिले में एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है – गोपालगंज.
विधानसभा
जिले में कुल 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं: बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे और हथुआ.
गोपालगंज जिले की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी)
अधिकारी की जनगणना 2011 के अनुसार,
कुल जनसंख्या : 25.62 लाख
पुरुष : 12.47 लाख
महिला : 12.94 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय) : 19.02 %
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर) : 1260
बिहार की जनसंख्या में अनुपात : 2.46%
लिंग अनुपात (प्रति 1000 पुरुष) : 1021
औसत साक्षरता : 65.47%
पुरुष साक्षरता : 76.51%
महिला साक्षरता : 54.81%
ग्रामीण और शहरी जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 6.35%
ग्रामीण जनसंख्या : 93.65%
धर्म
अधिकारी की जनगणना 2011 के अनुसार, गोपालगंज एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 82.72% है, जबकि मुसलमानों की आबादी 17.02% है.अन्य धर्मों की बात करें तो जिले में ईसाई 0.10%, सिख 0.01%, बौद्ध 0.01% और जैन 0.01% हैं.
गोपालगंज जिले के पर्यटन स्थल
थावे मंदिर
माता दुर्गा का यह प्रसिद्ध मंदिर जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूरी पर, दक्षिण दिशा में थावे में स्थित है. यहां एक पुराना किला है. इस किले के बारे में कहा जाता है यह हथुआ महाराज का महल था. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को हथुआ महाराज ने बनवाया था. मंदिर के नजदीक एक क्रॉस के आकर का विशाल पेड़ है. इस पेड़ का अभी तक वानस्पतिक वर्गीकरण नहीं किया जा सका है.
माता दुर्गा के इस मंदिर और पेड़ के बारे में विभिन्न तरह की कहानियां प्रचलित हैं.
श्री पीतांबरा पीठ (मां बंगालमुखी)
प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक श्री पीतांबरा पीठ ,जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी पर, कुचायकोट में स्थित है.
दिघवा- दुबौली
दिघवा – दुबौली , गोपालगंज अनुमंडल के पूर्वी छोर पर, जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूरी पर, पूर्व में स्थित एक गांव है. यहां पर दो प्राचीन और असाधारण पिरामिडनुमा ढांचे हैं.
हुस्सेपुर
हुस्सेपुर , जिला मुख्यालय से लगभग 24 किलोमीटर दूरी पर, उत्तर-पश्चिम में स्थित एक गांव है. कहा जाता है कि यह हथुआ महाराजाओं का कार्यक्षेत्र हुआ करता था. यहां पर झरनी नदी के किनारे, हथुआ महाराज द्वारा बनवाया हुआ किला है, जो अब खंडहर की अवस्था में है. किले के पूर्वी भाग में 14 छोटे टीलें हैं. कहा जाता है यहां पर राजा बसंत शाही की पत्नी ने अपने 13 दसियों के साथ अपने मृतक पति का सर गोद में रखकर आहुति दे दी थी.
लकड़ी दरगाह
यह सिवान से उत्तर दिशा में 24 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यहां पर पटना के मुस्लिम संत अर्जन के दरगाह पर लकड़ी की बहुत अच्छी कारीगरी की गई है.
गोपालगंज जिला का महाभारत संबंध
भोरे
भोरे गोपालगंज जिले का एक प्रखंड है. लगभग 2 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में शिवाला और रामगढ़वा स्थित है.शिवाला में भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर है.रामगढ़वा के बारे में यह कहा जाता है कि यहां महाभारत काल में राजा भूरिश्वा की राजधानी थी. राजा भूरिश्वा महाभारत के युद्ध में कौरवों के 14 वें में सेनापति थे.इस स्थान पर खुदाई करने पर आज भी महलों के प्राचीन भग्नावशेष और वस्तुएं मिलती हैं.ऐसी मान्यता है कि राजा भूरिश्वा के नाम पर ही इस स्थान का नाम भोरे पड़ा.
गोपालगंज कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
वर्तमान में गोपालगंज जिले का में कोई एयरपोर्ट नहीं है .
जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूरी पर सबेया हवाई अड्डा स्थित है. लेकिन यह बंद पड़ा है.नजदीकी हवाई अड्डा गोरखपुर एयरपोर्ट है जो गोपालगंज से 109 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. दूसरा नजदीकी हवाई अड्डा, जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट, गोपालगंज से 125 किलोमीटर की दूरी पर पटना में स्थित है.
रेल मार्ग
गोपालगंज रेल मार्ग से बिहार और देश के विभिन्न जगहों से जुड़ा हुआ है.नजदीकी रेलवे स्टेशन: थावे जंक्शन
सड़क मार्ग
गोपालगंज सड़क मार्ग से बिहार और देश के विभिन्न जगहों से जुड़ा हुआ है. राष्ट्रीय राजमार्ग 28 गोपालगंज से होकर गुजरती है. यहां सरकारी और निजी बसों की सुविधा भी है. आप चाहे तो अपने निजी वाहनों कार या बाइक से भी यहां आ सकते हैं.
Bahat aachha Laga sunke ye sab bahat aachha jagah hai Gopalganj bahat bahat dhnyabad ye lekhne ke liye