
Last Updated on 25/09/2019 by Sarvan Kumar
दुमका जिले में स्थित बाबा बासुकीनाथ धाम मंदिर इस जिले का नाम पूरे झारखण्ड और बिहार में फैलाता है.जो भी तीर्थयात्री देवघर आते हैंं वो यहाँ एक बार जरूर आते हैं.ये जिला भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक जिला है. पहाड़ो, नदियों और जंगलों से आच्छादित प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस जिले की गिनती झारखंड के सबसे पुराने जिलों में की जाती है. दुमका जिला संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आता है. यह संथाल परगना प्रमंडल का मुख्यालय भी है.संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत कुल 6 जिले आते हैं: देवघर, जामताड़ा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज. दुमका जिले में कितने पंचायत है? कितनी जनसंख्या है? आईये जानते हैं दुमका जिले की पूरी जानकारी.

नामकरण
इस जिले के नामकरण के बारे में 2 बातें कही जाती हैं. अंग्रेजों के शासन काल में यह क्षेत्र रामपुरहाट और भागलपुर की तुलना में एक छोटा सा शहर था. पहली परिकल्पना यह है कि दुमका जिले का नाम एक संथाली शब्द “सुम्क” पर पड़ा है, जिसका अर्थ होता है “छोटा”.दूसरी परिकल्पना यह है कि दुमका जिले का नाम फारसी के शब्द “दामिन-ए- कोह” पर पड़ा है जिसका अर्थ होता है “पहाड़ियों का किनारा” या “सीमा”।
दुमका जिला कब बना
एक स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आने से पहले ये जिला भूतपूर्व संथाल परगना जिले का हिस्सा हुआ करता था. 1 जून 1983 को इसे संथाल परगना जिले से अलग करके स्वतंत्र जिला बनाया गया.
दुमका जिले की भौगोलिक स्थिति
बाउंड्री (चौहद्दी)
उत्तर में – गोड्डा जिला और बिहार का बांका जिला
दक्षिण में – जामताड़ा जिला और पश्चिम बंगाल का बीरभूम जिला
पूरब में- पाकुड़ जिला
पश्चिम में – देवघर जिला
समुद्र तल से ऊंचाई :
दुमका जिला समुद्र तल से लगभग 472 फीट (लगभग 144 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है.
क्षेत्रफल
दुमका जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 3761 वर्ग किलोमीटर है.
प्रमुख नदियां : मयूराक्षी नदी
अर्थव्यवस्था- कृषि ,उद्योग और उत्पाद
इस जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, खनिज, उद्योग और पर्यटन पर आधारित है.
कृषि
इस जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान, मक्का , दलहन, तिलहन, गेहूं और मटर, इत्यादि. यहां पर सब्जियों की भी खेती होती है. जिले में टमाटर, आलू, कटहल, पालक, बैंगन, फूलगोभी इत्यादि उगाए जाते हैं. इस जिले के 30% से अधिक भूमि वन क्षेत्र है. जिले के वन औषधीय वनस्पति और पेड़ों से भरे हैं. घने जंगलों में सिल्क का प्लांटेशन किया जाता है.
खनिज
इस जिले में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं: कोयला, चाइना क्ले, ग्रेनाइट और पत्थर (भवन, सड़क और पूल इत्यादि में इस्तेमाल किए जाने वाले)
उद्योग
उद्योग की बात करें तो यहां भवन निर्माण के लिए बिल्डिंग मैटेरियल प्रचुर मात्रा में मिलते हैं. तुसार सिल्क उत्पादन में झारखंड का भारत में पहला स्थान है. दुमका जिले को भविष्य का सिल्क सिटी कहा जाता है. दुमका भारत का सबसे बड़ा तुसार सिल्क उत्पादक जिला है. जिले के लगभग सभी प्रखंडों में कोकून का उत्पादन किया जाता है. मसलिया, रानीश्वर, शिकारीपाड़ा, सरैयाहाट ,काठीकुंड और गोपीकंदर सिल्क के 6 प्रमुख उत्पादक प्रखंड हैं.
पर्यटन
ये जिला पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. विभिन्न राज्यों के लोग यहां पर धार्मिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों को देखने आते हैं.
दुमका जिले का प्रशासनिक सेटअप
प्रमंडल: संथाल परगना
प्रशासनिक सहूलियत के लिए इस जिले को 1 अनुमंडल और 10 प्रखंडों में बांटा गया है.
अनुमंडल: इस जिले के अंतर्गत केवल 1 अनुमंडल है- दुमका.
प्रखंड:
इस जिले को को 10 प्रखंडों में बांटा गया है: दुमका, जामा, जरमुंडी, सरैयाहाट, रामगढ़, गोपीकांदर, काठीकुंड, शिकारीपाड़ा, रानीश्वर और मसलिया.
शहरी निकायों की संख्या : 2, बासुकीनाथ और दुमका
पुलिस थानों की संख्या :14
ग्राम पंचायतों की संख्या: 206
कुल गांवों की संख्या: 2925
निर्वाचन क्षेत्र
इस जिले के अंतर्गत 1 लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र और 4 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं.
लोक सभा
इस जिले के अंतर्गत केवल एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है: दुमका.
विधानसभा
इस जिले के अंतर्गत कुल 4 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं: दुमका, शिकारीपाड़ा, जरमुंडी और जामा.
दुमका जिले की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार दुमका जिले की जनसांख्यिकी इस प्रकार है-
कुल जनसंख्या : 13.21 लाख
पुरुष : 6.68 लाख
महिला: 6.52 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 19.42%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 351
झारखंड की जनसंख्या में अनुपात: 4.01%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) : 977
औसत साक्षरता: 61.02%
पुरुष साक्षरता : 72.96%
महिला साक्षरता: 48.82%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 6.82%
ग्रामीण जनसंख्या: 93.18%
प्रमुख भाषाएं : हिंदी और संथाली
दुमका जिला रिलिजन
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, ये एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 79.06% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 8.09% है. दूसरे धर्मो की बात करें तो जिले में ईसाई 6.54%, सिख 0.02%, बौद्ध 0.02%, जैन 0.01% और अन्य 5.95% हैं.
दुमका जिले में दर्शनीय स्थल
बाबा बासुकीनाथ धाम
भगवान शिव को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर जिला मुख्यालय से लगभग 24 किलोमीटर दूरी पर उत्तर-पश्चिम में जरमुंडी प्रखंड में स्थित है. हिंदुओं का यह पवित्र तीर्थ स्थल इस जिले का प्रमुख आकर्षण है. प्रतिवर्ष विशेष रूप से सावन के महीने में लाखों की संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु यहां भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने आते हैं. बाबा बासुकीनाथ नाथ धाम मंदिर देवघर स्थित वैधनाथ धाम ज्योतिर्लिंग से लगभग 44 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि बाबा बासुकीनाथ के दर्शन के बिना बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा अधूरी है.
बाबा सुमेश्वर नाथ
भगवान शिव को समर्पित यह विशाल और प्राचीन मंदिर दुमका जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर सरैयाहाट प्रखंड में स्थित है. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु यहां भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने आते हैं.
सुखजोरा नाग मंदिर
यह प्रसिद्ध मंदिर बाबा बासुकीनाथ धाम से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर नोनीहाट के करीब सुखजोरा गांव में स्थित है. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर का नीर पिला देने से सर्पदंश के शिकार लोगों का विष उतर जाता है.
मयूराक्षी नदी
लगभग 250 किलोमीटर लंबी यह नदी दुमका जिले की प्रमुख नदी है. इस नदी का उद्गम त्रिकूट हिल है जो देवघर से लगभग 16 किलोमीटर दूरी पर स्थित है.
तातलोई
तातलोई जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित गर्म पानी का एक प्राकृतिक झरना है. पहाड़ियों से घिरा, प्रकृति की गोद में बसा यह सुंदर स्थल एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है.
मलूटी
मलूटी झारखंड के इस जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है. यह मंदिरों के गांव के नाम से विख्यात है. ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण यह स्थान दुमका जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूरी पर शिकारीपाड़ा प्रखंड में स्थित है. यहां 72 पुराने मंदिर है. मंदिरों की दीवारों पर हिंदू पौराणिक कथाओं , रामायण और महाभारत के दृश्यों को चित्रित किया गया है. कहा जाता है कि इन मंदिरों का निर्माण बाज बसंत वंश के शासन काल के दौरान किया गया था.
मसानजोर डैम
कनाडा के मदद से मयूराक्षी नदी के ऊपर बनाया गया मसानजोर डैम दुमका से लगभग 31 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में स्थित है. चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ यहअत्यंत सुंदर स्थल दुमका जिले का एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है.
दुमका कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
दुमका जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है. यहाँ के लिए हवाई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है.
निकटतम हवाई अड्डा:
नजदीकी हवाई अड्डा कोलकाता, रांची और पटना में स्थित है.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस बोस एयरपोर्ट, कोलकाता (Code: CCU)-
यह हवाई अड्डा दुमका जिले से लगभग 275 किलोमीटर दूरी पर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित है
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट ,रांची (Code: IXR) –
यह हवाई अड्डा दुमका जिले से लगभग 310 किलोमीटर की दूरी पर झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है.
जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट, पटना (Code: PAT)-
ये हवाई अड्डा दुमका जिले से लगभग 341 किलोमीटर की दूरी पर बिहार की राजधानी पटना में स्थित है.
रेल मार्ग
रेल मार्ग से आप आसानी से यहाँ आ सकते हैं. दुमका रेल मार्ग से झारखंड के शहरों के साथ-साथ देश के अन्य भागों से जुड़ा हुआ है. यह झारखंड की राजधानी रांची से रेल के माध्यम से सीधे जुड़ा हुआ है. देश के अन्य प्रमुख शहरों से गया के लिए नियमित ट्रेन चलती है.
नजदीकी रेलवे स्टेशन: दुमका रेलवे स्टेशन (Station Code: DUMK).
सड़क मार्ग
सड़कों के नेटवर्क के माध्यम से दुमका राज्य और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. दुमका के लिए सरकारी और प्राइवेट बस सुविधाएं उपलब्ध है. झारखंड की राजधानी रांची और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के लिए लग्जरी रात्रि व सुविधाएं भी उपलब्ध हैं.
दुमका जिले के बारे में कुछ रोचक बातें:
1.जनसंख्या की दृष्टि से झारखंड का 11वां बड़ा जिला है.
2.क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखंड का 9वां बड़ा जिला है.
3.जनसंख्या घनत्व के मामले में झारखंड में 15वां स्थान है.
4.लैंगिक अनुपात के मामले में झारखंड में 7 वां स्थान है.
5.मसलिया प्रखंड के अंतर्गत आने वाला नोनीहाट इस जिले का सबसे बड़ी आबादी वाला गांव है.
6.सबसे ज्यादा गांव वाला प्रखंड: जरमुंडी (512)
7.सबसे कम गांव वाला प्रखंड : सरैयाहाट (129)
8.क्षेत्रफल की दृष्टि से जिले का सबसे बड़ा गांव:
मसलिया प्रखंड के अंतर्गत आने वाला गांव अमगाछी पहाड़ ( क्षेत्रफल -लगभग 1375 हेक्टेयर).
9. क्षेत्रफल की दृष्टि से जिले का सबसे छोटा गांव:
सरैयाहाट प्रखंड के अंतर्गत आने वाला गांव अराजी सुगी (क्षेत्रफल-0.5 हेक्टेयर)

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