
Last Updated on 06/09/2020 by Sarvan Kumar
शिवहर भारत के बिहार राज्य में स्थित एक जिला है. उत्तर बिहार में आने वाला यह जिला तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत आता है. शिवहर जिला तिरुपति प्रमंडल का सबसे छोटा जिला है.यहाँ एक मंदिर है जिसका नाम है देकुली धाम मंदिर ये बहुत प्राचीन मंदिर है.
कैसे हुआ गठन?
6 अक्टूबर 1994 को स्वतंत्र जिला बनने से पहले यह सीतामढ़ी जिले का अनुमंडल था.पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुनाथ झा के प्रयासों के कारण ही शिवहर एक स्वतंत्र जिला बन पाया. डॉ भगवती शरण मिश्रा जिले के पहले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट थे.
शिवहर जिला की भौगोलिक स्थिति
क्षेत्रफल
शिवहर जिले का क्षेत्रफल केवल 443 वर्ग किलोमीटर है. क्षेत्रफल की दृष्टि से ये बिहार का सबसे छोटा जिला है.
बाउंड्री (चौहद्दी)
शिवहर 3 जिलों से घिरा हुआ है:
उत्तर और पूर्व में– सीतामढ़ी
पश्चिम में- पूर्वी चंपारण
दक्षिण में- मुजफ्फरपुर
प्रमुख नदियां: बागमती
अर्थव्यवस्था -कृषि और उत्पाद
जिले का मुख्य व्यवसाय कृषि है. यहां पर सभी प्रकार के फसलों की खेती होती है. यहां के प्रमुख फसल हैं- चावल, गेहूं, धान, मक्का, दलहन, तिलहन, गन्ना और तम्बाकू.
उद्योग: चीनी उद्योग, चावल तथा तेल मिल
प्रशासनिक सेटअप
डिवीजन: तिरहुत
अनुमंडल: जिले में केवल एक अनुमंडल है जिसका नाम है शिवहर जिसे 5 ब्लॉकों में बांटा गया है.
ब्लॉक की संख्या :5 , शिवहर तरियानी डुमरी कटसरी पिपराही पुरनहिया
थानों की संख्या: 9
नगर पंचायतों की संख्या: 1
ग्राम पंचायतों की संख्या : 53
गांव की संख्या : 207
चुनाव क्षेत्र
संसद क्षेत्र: 1 , शिवहर
विधानसभा क्षेत्र: 2 , शिवहर बेलसंड और बेलसंड
शिवहर जिला की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी)
2011 की जनगणना के अनुसार-
कुल जनसंख्या : 5.56 लाख
पुरुष: 3.467 लाख
महिला: 3. 09 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 27.19%
जनसंख्या घनत्व: 1880 प्रति वर्ग किलोमीटर
बिहार की जनसंख्या में अनुपात: 0.63%
लिंग अनुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष ) : 893
औसत साक्षरता : 53.78 परसेंट
पुरुष साक्षरता : 61.31%
महिला साक्षरता: 45.26%
शिवहर की 9 5.72% आबादी गांव में रहती है जबकि 4.28 % लोग शहर में रहते हैं.
धर्म
2011 की जनसंख्या के अनुसार, शिवहर जिले में 84.19% लोग हिंदू हैं जबकि 15.14 % मुस्लिम हैं.जिले में क्रिश्चियन (0.08%), सिख (0.03%) , बौद्ध (.01% ) , जैन (0.01%) और दूसरे धर्म (0.53%) के लोग रहते हैं.
शिवहर जिला के पर्यटन स्थल
देकुली धाम मंदिर
इस मंदिर को बाबा भुवनेश्वर नाथ मंदिर या देकुली शिव मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर का ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक महत्व है.यह मंदिर अति प्राचीन है. इसका निर्माण द्वापर काल में किया गया था. कई पंडितों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण सतयुग काल में हुआ था.मंदिर के पश्चिम भाग में एक तालाब है जिस की खुदाई सन 1962 के में छतौनी गांव निवासी संत प्रेम भिछु ने करवाया था. इस खुदाई में द्वापर काल के कई अति दुर्लभ धातुओं की मूर्तियां प्राप्त हुई थी. इन मूर्तियों को अति प्राचीन मौल वृक्ष के पास स्थापित किया गया है . स्थानीय लोग बताते हैं कि करीब 12 फीट खुदाई के बाद यहाँ पर ग्रेनाइट पत्थर प्राप्त होते हैं.
देवघर के बाबा बैजनाथ धाम मंदिर और शिवहर के देकुली धाम मंदिर में समानता
पूरे भारत में केवल 2 मंदिरों में ही श्री यंत्र लगा हुआ है- देवघर के बाबा बैजनाथ धाम मंदिर और शिवहर के बाबा भुनेश्वर नाथ मंदिर यानि देकुली धाम मंदिर में. ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस मंदिर में पूरे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
आपदा में भी मंदिर रहा सही सलामत
मुगल काल में औरंगजेब ने इस मंदिर को तोड़ने का प्रयास किया था. लेकिन जमीन से बाबा भुवनेश्वर नाथ के विकराल शिवलिंग निकलने के कारण वह डर के मारे भाग गया.
1934 में नेपाल और बिहार में बहुत भीषण भूकंप आया. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप को 8 मापा गया. भूकंप के कारण बहुत बड़ी तबाही हुई. जमीन में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई. जमीन से बालू और पानी निकलने लगे. ज्यादातर घर -मकान गिर गए. 11000 -12000 लोग मारे गए. जिसमें से लगभग 7300 लोग केवल बिहार में ही मारे गए . लेकिन देकुली धाम मंदिर पर इस भूकंप का कोई असर नहीं पड़ा.
शिवहर कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
हवाई मार्ग से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पटना है. पटना से आप बस या कार ले सकते हैं.
रेल मार्ग
रेल मार्ग से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मुजफ्फरपुर या सीतामढ़ी से यहां पहुंचा जा सकता है.
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग से मोटरसाइकिल , बस या कार द्वारा देकुली शिवमंदिर पहुंचा जा सकता है.

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