
Last Updated on 06/09/2020 by Sarvan Kumar
भागलपुर जिला विक्रमशिला विश्वविद्यालय , तिलका मांझी के लिए जाना जाता है . ये जिला भारत के बिहार राज्य में स्थित है. यह बिहार के दक्षिणी क्षेत्र में है. इसकी गिनती बिहार के सबसे पुराने जिलों में की जाती है.यह जिला भागलपुर प्रमंडल का हिस्सा है जिसका मुख्यालय भागलपुर है. इस प्रमंडल के अंतर्गत 2 जिले आते हैं: भागलपुर और बांका. भागलपुर जिले में कितने प्रखंड हैं ?कितनी जनसंख्या है? आइए जानते हैं भागलपुर जिले की पूरी जानकारी.
भागलपुर का इतिहास
इस जिले के संक्षिप्त इतिहास से आप इसके वर्तमान स्वरूप को समझ सकते हैं.
1.भागलपुर जिला मुगल काल में दक्षिण- पूर्वी सूबे का हिस्सा हुआ करता था.
2 जब 1765 में बिहार, बंगाल और उड़ीसा की दीवानी ईस्ट इंडिया कंपनी को दी गई थी ,उस समय यह मुंगेर सरकार के बड़े क्षेत्र का हिस्सा था.
3 वर्तमान मुंगेर जिला भागलपुर जिले का ही हिस्सा था जिसे 1832 में अलग किया गया.
4.1855 -56 में भागलपुर से अलग करके संथाल परगना जिला बनाया गया है जो वर्तमान समय में झारखंड राज्य का हिस्सा है.
5.1954 में गंगा के उत्तर में बिहपुर , नवगछिया और गोपालपुर पुलिस स्टेशन को को छोड़कर सहरसा जिले का गठन किया गया.
6.वर्ष 1991 में भागलपुर को पुनः विभाजित करके बांका जिला बनाया गया.
भागलपुर जिले की भौगोलिक स्थिति
इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 2569 वर्ग किलोमीटर है.
बाउंड्री चौहद्दी
ये जिला बिहार के पूर्वी भाग में गंगा नदी के दक्षिणी तट पर स्थित है.
उत्तर में – कटिहार , पूर्णिया और मधेपुरा जिला
दक्षिण में – बांका जिला
पूर्व में – झारखंड का साहिबगंज और गोड्डा जिला
पश्चिम में- खगड़िया और मुंगेर जिला
प्रमुख नदियां -गंगा
अर्थव्यवस्था – कृषि और उत्पाद
इस जिले की अर्थव्यवस्था कृषि और छोटे व्यवसाय पर निर्भर है. गंगा के मैदानी क्षेत्र होने के कारण जिले की मिट्टी बहुत उपजाऊ है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसलें हैं: गेहूं, धान, मक्का, जौ दलहन और तिलहन.
उद्योग
इस जिले को बिहार का रेशम नगरी या सिल्क सिटी ऑफ बिहार कहा जाता है. ये जिला रेशम उद्योग के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध है. यहां रेशम के कीड़े द्वारा प्रसिद्ध तसर रेशम का उत्पादन होता है. तसर रेशम से बनी सारी और भागलपुरी साड़ी विश्व भर में प्रसिद्ध है.
भागलपुर जिला का प्रशासनिक सेटअप
प्रमंडल : भागलपुर
अनुमंडल : इस जिला को 3 अनुमंडलों में बांटा गया है. भागलपुर सदर, कहलगांव और नवगछिया
प्रखंड : इस जिला को 16 प्रखंडों में बांटा गया है.
भागलपुर सदर अनुमंडल में कुल 6 प्रखंड हैं: गोरडीह, जगदीशपुर, नाथनगर, सबौर , शाहकुंड और सुलतानगंज.
कहलगांव अनुमंडल में कुल 3 प्रखंड हैं : कहलगांव, पीरपैंती और सनहोला.
नवगछिया अनुमंडल में कुल 7 प्रखंड हैं : बिहपुर, गोपालपुर, इसमाइलपुर, खरीक, नारायणपुर, नवगछिया और रंगर चौक.
पुलिस थानों की संख्या : 41
नगर निगम : 1
नगर परिषद /नगर पंचायत : 3
ग्राम पंचायतों की संख्या : 242
गांवों की संख्या : 1515
निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा
इस जिले के अंतर्गत 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है – भागलपुर.
विधानसभा
इस जिले के अंतर्गत कुल 7 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं: बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती, कहलगांव, भागलपुर, सुल्तानगंज और नाथनगर.
भागलपुर जिले की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी)
अधिकारिक क जनगणना 2011 के अनुसार
कुल जनसंख्या : 30.38 लाख
पुरुष : 16.15 लाख
महिला : 14.22 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय) : 25.36%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर) : 1182
बिहार की जनसंख्या में अनुपात : 2.92%
लिंग अनुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) : 880
औसत साक्षरता : 63.14%
पुरुष साक्षरता : 70.30%
महिला साक्षरता : 54.89%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 19.83%
ग्रामीण जनसंख्या : 80.17%
भाषाएं
इस जिले में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाएं हैं – अंगिका, हिंदी, उर्दू और बंगाली.
भागलपुर जिले के रिलीजन
आधिकारिक जनगणना 2011 के अनुसार ये एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 81.90% है और मुस्लिमों की आबादी 17.68% है. अन्य धर्मों की बात करें तो जिले में ईसाई 0.12%, सिख 0.01%, बौद्ध 0.01% और जैन 0.03% हैं. .
भागलपुर जिले के दर्शनीय स्थल
मंदार पहाड़ी
यह पहाड़ी भागलपुर से 48 किलोमीटर की दूरी पर बांका जिले में स्थित है. मान्यताओं के अनुसार इसी पहाड़ी का प्रयोग समुद्र मंथन में किया गया था.
कहलगांव
कहलगांव भागलपुर से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां पर तीन छोटे-छोटे टापू हैं. ऐसी मान्यता है गंगा नदी के तीव्र प्रवाह के कारण जाह्नु ऋषि के तप में विघ्न पड़ा. क्रोधित होकर ऋषि ने गंगा को अपनी जांघ में कर लिया. बाद में राजा भागीरथ की प्रार्थना पर उन्होंने गंगा को छोड़ दिया. इसके उपरांत गंगा की धाराएं बदल गई और यह दक्षिण से उत्तर की ओर गमन करने लगी. यहां पर मात्र एक पत्थर पर बना हुआ मंदिर है जो अत्यंत ही दर्शनीय है.
विक्रमशिला विश्वविद्यालय
प्राचीन काल में तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक विक्रमशिला विश्वविद्यालय भागलपुर से 38 किलोमीटर दूरी पर अंतीचक गांव में स्थित है. इस विश्वविद्यालय का निर्माण पाल वंश के शासक धर्मपाल (770 -810 ईसा पूर्व) ने करवाया था. कहा जाता है कि धर्मपाल ने यहां की दो चीजों से प्रभावित होकर इस विश्वविद्यालय का निर्माण करवाया था. पहला, यह एक लोकप्रिय तांत्रिक केंद्र था जो कोसी और गंगा नदी से घिरा हुआ था. दूसरा, यह स्थान उत्तरवाहिनी गंगा के समीप होने के कारण श्रद्धालुओं का केंद्र बना रहता था. यहां मां काली और भगवान शिव, दोनों के मंदिर हैं.
श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र
श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक तीर्थ स्थल है जो एक मुक्ति स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. यह पवित्र तीर्थस्थल भागलपुर शहर के पश्चिमी किनारे पर , रेलवे स्टेशन से साढे 3 किलोमीटर दूरी पर, नाथ नगर में स्थित है.
ये स्थल जन धर्म के अनुयायियों के लिए एकमात्र पंच कल्याणक क्षेत्र है.
पंचकल्याणक 12 वें जैन तीर्थंकर भगवान भगवान वासुपूज्य (प्रथम सन्यासी संत) के 1.गर्भधारण 2. 2.जन्म 3. तप ४. ज्ञान प्राप्ति और ५. मोक्ष से संबंधित है
तिलका मांझी चौक
तिलका मांझी आदिवासी समुदाय के नेता थे. अंग्रेज शासन के खिलाफ इन्होने 1780 में सशस्त्र विरोध किया था. अंग्रेजी फौज इन्हें पकड़ने के लिए कई सप्ताह तक तिलपुर जंगल को चारे और से घेरे रखा. अंततः तिलका मांझी को सन 1784 में पकड़ लिया गया. इन्हें घोड़े से बांधकर घसीटता हुए कलेक्टर आवास लाया गया, और बाद में इन्हें चौराहे पर बरगद के पेड़ में फांसी से लटका दिया गया. वह चौराहा आज तिलका मांझी चौक के नाम से विख्यात है. इस चौराहे पर तिलका मांझी प्रतिमा स्थापित की गई है. तिलका मांझी के नाम पर ही भागलपुर विश्वविद्यालय को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है.
महर्षि मेंही आश्रम
यह आश्रम गंगा तट पर भागलपुर शहर के पूर्वी छोर पर स्थित है. इस आश्रम के संस्थापक सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज थे. महर्षि मेंही परमहंस जी की गिनती कबीर और नानक जैसे सिद्ध संतों में की जाती है . ऐसी मान्यता है कि श्री परमहंस जी महाराज को ईश्वर का साक्षात्कार प्राप्त था और इन्हें दिव्य शक्तियां भी प्राप्त थी. आश्रम के प्रांगण में एक प्राचीन गुफा है जिसे महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है.
भागलपुर कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा : जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट. यह यहां से 183 किलोमीटर की दूरी पर है. ये बिहार की राजधानी पटना में है.दूसरा नजदीकी एयरपोर्ट: बागडोगरा एयरपोर्ट . यह 217 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम बंगाल में स्थित है.
रेल मार्ग
ये जिला रेल मार्ग से देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. नजदीकी रेलवे स्टेशन : भागलपुर (BGP) और नाथनगर (NAT)
सड़क मार्ग
भागलपुर जिला सड़क मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. आप चाहे तो अपने निजी वाहन कार कार्य बाइक से भी यहाँ आ सकते हैं.

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