
Last Updated on 07/09/2020 by Sarvan Kumar
साहिबगंज भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक जिला है. पहाड़ियों, नदियों और जंगलों से आच्छादित यह सुंदर जिला झारखंड राज्य के उत्तर-पूर्वी छोड़ पर स्थित है. यह जिला संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आता है. साहिबगंज शहर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है. साहिबगंज जिले में कितने प्रखंड है? कितनी जनसंख्या है? आईये जानते हैं साहिबगंज जिले की पूरी जानकारी.
नामकरण
साहिबगंज जिले का नाम “साहेब+गंज” पर पड़ा है. “साहिब” का अर्थ होता है -“स्वामी या मालिक”. “गंज” का अर्थ होता है “स्थान”. इस तरह से साहिबगंज का अर्थ हुआ “मालिकों का या स्वामियों का स्थान”.कहा जाता है कि अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान में यहां यूरोपियन लोग रहा करते थे. उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम साहिबगंज पड़ा.
साहिबगंज जिला कब बना
एक स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आने से पहले ये जिला, भूतपूर्व संथाल परगना जिले का अनुमंडल हुआ करता था. 17 मई 1983 को इसे संथाल परगना जिले से अलग करके स्वतंत्र जिला बनाया गया.
साहिबगंज जिले की भौगोलिक स्थिति
बाउंड्री (चौहद्दी)
इस जिले की सीमा पश्चिम बंगाल और बिहार से लगती है.
उत्तर में – बिहार का भागलपुर और कटिहार जिला
दक्षिण में – पाकुड़ जिला
पूरब में- पश्चिम बंगाल का मालदा जिला
पश्चिम में – गोड्डा जिला
समुद्र तल से ऊंचाई :
ये जिला समुद्र तल से लगभग 37.185 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
क्षेत्रफल
इस जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 2063 वर्ग किलोमीटर है.
प्रमुख नदियां : गंगा, गुमानी और मुरल
अर्थव्यवस्था- कृषि ,उद्योग और उत्पाद
जिले की अर्थव्यवस्था कृषि, वन, मछली पालन; खनिज, उद्योग और व्यवसाय पर आधारित है.
कृषि
इस जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं: धान, मक्का, अरहर, उड़द, मूंग, सोयाबीन, तिल, ज्वार, बाजरा, महुआ, गेहूं, राई, तीसी, चना और सूर्यमुखी.
वन
जिले का एक बड़ा हिस्सा वनों से आच्छादित है. जिले के प्रमुख वन उत्पाद हैं: साल, सीमल, बांस और कटहल.
मछली पालन
गंगा नदी साहिबगंज जिले से होकर गुजरती है. राजमहल और साहिबगंज की गिनती झारखंड राज्य के मछली पकड़ने के सबसे उत्तम क्षेत्रों में होती है. यहां रोहू, कटला, कैटफिश और हिलसा का उत्पादन होता है.
खनिज
इस जिले में पए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं: पत्थर (भवन, सड़क और पूल इत्यादि में इस्तेमाल किए जाने वाले), पाकुर चिप्स, काओलिन, बेंटोनाइट और
मुस्लिमानी मिट्टी
उद्योग
साहिबगंज जिले में कई पारंपरिक कुटीर और ग्रामीण उद्योग हैं. जिले में स्थित प्रमुख उद्योग हैं : हैंडलूम उद्योग, बीड़ी उद्योग, मिट्टी के बर्तन बनाने का कार्य, पत्थरों से सामान बनाने का कार्य, बढ़ई का काम, रस्सी बनाने का कार्य, इत्यादि
व्यवसाय
इस जिले में सरसों, तंबाकू, कॉटन, तेल, कोयला, गेहूं ,मक्का ,इत्यादि का आयात होता है. यहां से चावल, ज्वार, स्टोन चिप्स, काओलिन, बेंटोनाइट इत्यादि, का निर्यात होता है.
प्रशासनिक सेटअप
प्रशासनिक सहूलियत के लिए इस जिले को 2 अनुमंडल और 9 प्रखंडों में बांटा गया है.
प्रमंडल: संथाल परगना
अनुमंडल: साहिबगंज जिले के अंतर्गत 2 अनुमंडल हैं- साहेबगंज और राजमहल.
प्रखंड:
साहिबगंज अनुमंडल के अंतर्गत कुल चार प्रखंड हैं: साहिबगंज, मंडरो, बोरियो और बेरहेट.
राजमहल अनुमंडल के अंतर्गत कुल पांच प्रखंड हैं: तालझारी, राजमहल, उधवा, पथना और बरहरवा.
पुलिस थानों की संख्या :12
शहरी निकायों की संख्या : 3, साहिबगंज राजमहल और बरहरवा.
ग्राम पंचायतों की संख्या: 166
कुल गांवों की संख्या: 1819
निर्वाचन क्षेत्र
लोक सभा : राज महल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र.
इस लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत पूरा साहिबगंज जिला तथा पाकुड़ जिला आता है.
विधानसभा
साहिबगंज जिले के अंतर्गत कुल 3 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं: राजमहल, बेरहेट और बोरियो.
साहिबगंज जिले की डेमोग्राफीक्स (जनसांख्यिकी)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार साहिबगंज जिले की जनसांख्यिकी इस प्रकार है-
कुल जनसंख्या : 11.51 लाख
पुरुष : 5.89 लाख
महिला: 5.61 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय): 24.01%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर): 558
झारखंड की जनसंख्या में अनुपात: 3.49%
लिंगानुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) : 952
औसत साक्षरता: 52.04%
पुरुष साक्षरता : 60.34%
महिला साक्षरता: 43.31%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 13.88%
ग्रामीण जनसंख्या: 86.12%
प्रमुख भाषाएं : हिंदी और संथाली
साहिबगंज जिले की रिलिजन (धर्म)
2011 के आधिकारिक जनगणना के अनुसार, साहिबगंज एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदुओं की जनसंख्या 54.59% है, जबकि मुस्लिमों की आबादी 34.61% है. दूसरे धर्मो की बात करें तो जिले में ईसाई 7.23%, सिख 0.02%, बौद्ध 0.02%, जैन 0.01% और अन्य 3.34% हैं.
साहिबगंज जिले में आकर्षक स्थल
उधवा झील
यह खूबसूरत झील राजमहल अनुमंडल मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह झारखंड राज्य का इकलौता पक्षी अभयारण्य है. हर साल सर्दी के मौसम में यहां पर भारी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं. एक बड़े भूभाग में फैला यह सुंदर झील साहिबगंज जिले का एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है.
मोती जलप्रपात
प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह मनोरम जलप्रपात तालझाड़ी प्रखंड में स्थित है.
राजमहल फॉसिल पार्क
68 से 145 मिलियन साल पुराने जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध राजमहल पहाड़ी दुनिया भर के जीवाश्म विज्ञानियों और भूगर्भशास्त्रीयोंओं को आकर्षित करता है.
कन्हैया स्थान
यह गांव राजमहल शहर के उत्तर-पश्चिम में गंगा नदी के तट पर स्थित है. यहां भगवान कृष्ण का एक मंदिर है. ऐसा कहा जाता है कि चैतन्य महाप्रभु महाप्रभु को भगवान कृष्ण ने यहां पर दर्शन दिया था.
शिवगादी
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर बरहेट प्रखंड में स्थित है.
साहिबगंज कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग
इस जिले का अपना हवाई अड्डा नहीं है. यहाँ के लिए हवाई सुविधाएं उपलब्ध नहीं है.
निकटतम हवाई अड्डा: जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट, पटना (Code: PAT)- यह हवाई अड्डा साहिबगंज जिले से लगभग 317 किलोमीटर की दूरी पर बिहार की राजधानी पटना में स्थित है.
दूसरा नदी की हवाई अड्डा : बिरसा मुंडा एयरपोर्ट ,रांची (Code: IXR) – यह हवाई अड्डा साहिबगंज जिले से लगभग 430 किलोमीटर की दूरी पर झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है.
रेल मार्ग
ये जिला रेल मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों से अच्छे से जुड़ा हुआ है.
नजदीकी रेलवे स्टेशन: साहिबगंज जंक्शन रेलवे स्टेशन (Station Code: SBG)
सड़क मार्ग
सड़कों के नेटवर्क के माध्यम से ये जिला राज्य और देश के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. आप यहां अपने निजी वाहन कार या बाइक से भी आ सकते हैं.
साहिबगंज जिले के बारे में कुछ रोचक बातें:
1. जनसंख्या की दृष्टि से झारखंड का 13वां बड़ा जिला है.
2. क्षेत्रफल की दृष्टि से झारखंड का 19वां बड़ा जिला है.
3. जनसंख्या घनत्व के मामले में झारखंड में 8वां स्थान है.
4. लैंगिक अनुपात के मामले में झारखंड में 12वां स्थान है.
5. साहिबगंज प्रखंड के अंतर्गत आने वाला गंगा प्रसाद साहिबगंज जिले का सबसे बड़ी आबादी वाला गांव है.
6. सबसे ज्यादा गांव वाला प्रखंड: बोरियो (343)
7. सबसे कम गांव वाला प्रखंड : साहिबगंज (32)
8. क्षेत्रफल की दृष्टि से जिले का सबसे बड़ा गांव:
उधवा प्रखंड के अंतर्गत आने वाला गांव ककड़ी बंध बोना ( क्षेत्रफल -लगभग 2739 हेक्टेयर).
9. क्षेत्रफल की दृष्टि से जिले का सबसे छोटा गांव:
उधवा प्रखंड के अंतर्गत आने वाले गांव लालचंदपुर
(क्षेत्रफल-1.13 हेक्टेयर)
