Last Updated on 06/09/2020 by Sarvan Kumar
सिवान भारत के बिहार राज्य में स्थित एक जिला है. उत्तरी बिहार में आने वाले यह जिला सारण प्रमंडल के अंतर्गत आता है.यह जिला भारत के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है.
नामकरण और गठन
सिवान के नामकरण के बारे में दो परिकल्पना है. मध्यकाल में बाबर के आगमन से पूर्व यहां पर शिवमान नाम के राजा के वंशजों का शासन था. जिसके नाम पर इस भूभाग का नाम सिवान पड़ा.दूसरी परिकल्पना यह है कि भोजपुरी भाषा में सिवान का अर्थ होता है किसी स्थान की सीमा. यह नेपाल के दक्षिणी सीमा का निर्माण करता है, इसीलिए इसका नाम सिवान पड़ा.
गठन
सिवान पहले सारण जिले का एक अनुमंडल हुआ करता था. 1972 में सिवान को एक स्वतंत्र जिला घोषित किया गया.
सिवान जिले की भौगोलिक स्थिति
क्षेत्रफल
सिवान जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 2219 वर्ग किलोमीटर है.
बाउंड्री( चौहद्दी)
उत्तर में- गोपालगंज
दक्षिण में- सारण और बलिया
पूर्व में – गोपालगंज और सारण
पश्चिम में – उत्तर प्रदेश का बलिया और देवरिया जिला
प्रमुख नदियां
गंडकी, घाघरा नदी, गहरी, दाहा, धमकी, सिआही, निकारी और सोना.
अर्थव्यवस्था – कृषि और उत्पाद
कृषि
सिवान जिले की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. जिले की 72.6% भूमि उपजाऊ और कृषि योग्य है. सकल घरेलू उत्पाद के दृष्टि से सिवान का बिहार में दसवां स्थान है. जिले में उगाए जाने वाले प्रमुख फसल हैं-गेहूं, चावल, मक्का, गन्ना , आलू ,अरहर, इत्यादि. इसके अलावा जिले के कुछ स्थानों पर फूलों और सब्जियों की भी खेती होती है.
उद्योग
जिले में छोटे-मोटे लघु उद्योग , कुटीर उद्योग, गन्ना मिल्स, चीनी मिल, प्लास्टिक फैक्ट्री और सूत फैक्ट्री हैं.चादर, लूंगी ,तोलिया, मछरदानी बनाने की इकाइयां भी थीं जिनमें से अधिकांश अब बंद हो चुकी हैं.
प्रशासनिक सेटअप
सिवान जिले के वर्तमान पदाधिकारी
प्रशासनिक सुविधा के लिए सिवान जिले को 2 अनुमंडलों ,19 ब्लॉको और 19 अंचलों में बांटा गया है.
प्रमंडल: सारण
अनुमंडल: सिवान जिले को 2 अनुमंडलों में बांटा गया है- महाराजगंज और सिवान सदर.
महाराजगंज अनुमंडल में कुल 6 ब्लॉक हैं: लकरी नबीगंज, गोरेयाकोठी, बसंतपुर, भगवानपुर हाट, महाराजगंज और दरौंधा.
सिवान सदर में कुल 13 प्रखंड है: बरहरिया, गुठनी, हसनपुरा, हुसैनगंज, आंदर, दारौली, मैरवा, नौतन, पचरुखी, रघुनाथपुर, सिसवन, सिवान सदर और जिरादई.
नगर पालिका की संख्या : 3
ग्राम पंचायतों की संख्या : 293
गांवों की संख्या : 1528
थानों की संख्या : सिवान जिले के अंतर्गत कुल 28 पुलिस थाने हैं.
निर्वाचन क्षेत्र
लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र
जिले के अंतर्गत 2 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है :सिवान और महाराजगंज.
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
जिले के अंतर्गत कुल 8 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं:सिवान, जिरदेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंधा, बडहरिया, गोरेयाकोठी और महाराजगंज.
सिवान जिला की डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी)
अधिकारीक जनगणना 2011 के अनुसार,
कुल जनसंख्या : 33.30 लाख
पुरुष : 16. 75 लाख
महिला : 16.55 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय) : 22.70%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर) : 1501
बिहार की जनसंख्या में अनुपात : 3.20%
लिंगानुपात महिलाएं (प्रति 1000 पुरुष) : 988
औसत साक्षरता : 69.45%
पुरुष साक्षरता : 80.23%
महिला साक्षरता : 58.66%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या : 5.49%
ग्रामीण जनसंख्या : 94.51%
धर्म
अधिकारीक जनगणना 2011 के अनुसार सिवान जिला एक हिंदू बाहुल्य जिला है. जिले में 81.45% हिंदू हैं. मुस्लिमों की आबादी 18.26% है.अन्य धर्म की बात करें तो जिले में ईसाई 0.0 8%, सिख 0.01%, बौद्ध 0.01% और जैन 0.01% हैं.
सिवान जिला के पर्यटन स्थल
जिरदेई
जिला मुख्यालय से लगभग 13 किलोमीटर दूरी पर जिरदेई गांव है . यह गावं भारत के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध है.
आशियाना
यह स्थान महान स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक मौलाना मजहरुल हक के मूल निवास के रूप में जाना जाता है.
महेंद्र नाथ मंदिर
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर, जिला मुख्यालय से लगभग 32 किलोमीटर दूरी पर, दक्षिण में सिसवन प्रखंड के अंतर्गत मेहदार गांव में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से निसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति होती है और चर्म रोगियों का चर्म रोग दूर हो जाता है.यहां बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल सहित दूसरे दूरदराज क्षेत्रों से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
रघुनाथपुर
रघुनाथपुर जिला मुख्यालय से लगभग 27 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने बक्सर के नजदीक राक्षसी ताड़का का वध करने के बाद यहां पर विश्राम किया था.
भीखबंधभाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक यह स्थान महाराजगंज ब्लॉक के भीखबंध गांव में स्थित है. यहां एक विशाल वृक्ष के नीचे एक मंदिर है जिसे भाई-बहिना मंदिर कहते हैं. लोक कथाओं के अनुसार चौदहवीं शताब्दी में मुगलों से लड़ते-लड़ते एक भाई-बहन यहां मारे गए थे.
पंचमुखी शिवलिंग
यह सिवान शहर के महादेव इलाके में एक पुराना मंदिर है. स्थानीय लोगों का कहना है इस मंदिर का शिवलिंग पृथ्वी से बाहर आता है. शिवलिंग पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश के चेहरे भी देखे जा सकते हैं.
बुढ़िया माई मंदिर
सिवान शहर के गांधी मैदान के उत्तर पूर्वी भाग में यह मंदिर स्थित है. यहां पर भारी संख्या में श्रद्धालु शनिवार के दिन इकट्ठा होते हैं.
दोन
दरौली ब्लॉक में स्थित गांव में एक किले का अवशेष है. ऐसी मान्यता है कि यह स्थान महाभारत के प्रसिद्ध नायक गुरु द्रोणाचार्य से जुड़ा हुआ है. द्रोणाचार्य कौरवों और पांडवों के गुरु थे.
मेहन्दार
यहां पर भगवान शिव और विश्वकर्मा का मंदिर है. शिवरात्रि के दिन और विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं.
सोहगरा धाम
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर सिवान जिले के गुठनी प्रखंड में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने से मनचाही मुरादे पूरी होती हैं, सुयोग्य वर और संतान की प्राप्ति होती है.
शिवरात्रि और सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है.
सिवान कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
सिवान जिले का अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है.सबसे नजदीकी हवाई अड्डा: लोकनायक जयप्रकाश हवाई अड्डा सिवान से 144 किलोमीटर दूर पटना में स्थित है.
रेल मार्ग
सिवान रेल मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा हुआ है.
नजदीकी रेलवे स्टेशन: सिवान जंक्शन
सड़क मार्ग
सिवान जिला सड़क मार्ग से बिहार और देश के प्रमुख जगहों से जुड़ा हुआ है. आप बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा चलाए गए स्थानीय बसों के माध्यम से यहां आ सकते हैं. आप अगर चाहे तो अपने निजी वाहन कार, बाइक से भी यहां आ सकते हैं.