Sarvan Kumar 27/10/2019
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Last Updated on 20/12/2021 by Sarvan Kumar

पटना में बाढ़ अपना कहर बरपा रहा था। गली, घर, अस्पताल चारों तरफ पानी ही पानी था। आम लोगों का जीवन मुश्किलों से भर गया था। खाने-पीने और जरूरत की चीजें उनके पास नहीं पहुंच रही थी। बिहार सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए हर तरह से मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही थी। ऐसे में एक नेता पटना के लोगों के लिए मसीहा बन गया था। कभी नाव पर, कभी ट्रैक्टर पर और कभी पानी में चलकर वह लोगों तक जरूरत की चीजें पहुंचाने में जी जान से लगा हुआ था ।अपने भारी भरकम शरीर से राहत कार्य करते हुये उनके फोटों और वीडियो सोशल साइट पर काफी शेयर किये जा रहे हैं । इस नेता का नाम है पप्पू यादव। पप्पू यादव कौन है? उनका जन्म कहां हुआ था? आइए संक्षिप्त में जानते हैं पप्पू यादव की जीवनी।

पप्पू यादव की जीवनी

कब और कहाँ हुआ था जन्म?

पप्पू यादव का जन्म बिहार के पूर्णिया जिले में खुर्दा करवेली गांव में 24 दिसंबर 1967 को एक अमीर परिवार में हुआ था। उनका असली नाम राजेश रंजन है। उनके पिता का नाम श्री चंद्र नारायण प्रसाद यादव और माता का नाम शांति प्रिया है।

शिक्षा

पप्पू यादव ने अपनी स्कूली शिक्षा आनंद मार्ग स्कूल, आनंद पल्ली, सुपौल से किया। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन पॉलिटिकल साइंस से बी एन मंडल यूनिवर्सिटी, मधेपुरा से किया।  इग्नू (IGNOU) से डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट ह्यूमन राइट कोर्स भी किया है।

पप्पू यादव का इतिहास

जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले पप्पू यादव का नाम सुर्खियों में तब आया जब उन्हे सिंघेश्वर स्थान मधेपुरा से, 1990 में, बिहार विधानसभा के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुने गए। 1991 में (10वीं लोकसभा, पूर्णिया ) राष्ट्रीय जनता दल उन्हे  लोकसभा का प्रत्याशी बनाया और वह चुन भी लिए गए। 1996 और 1999 में क्रमशः 11वीं और 13वीं लोकसभा( पूर्णिया) के लिए वे फिर से चुने गए। 2004 (उपचुनाव) में 14वीं लोकसभा (मधेपुरा) के लिए चौथी बार और 2014 में 16वीं लोकसभा (मधेपुरा) के लिए पांचवी बार चुने गए। 2019 में पप्पू यादव को हार का मुंह देखना पड़ा, 17वीं लोकसभा चुनाव में वे तीसरे नंबर पर रहे।

कई दलों में रहे

1990 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बिहार विधानसभा में चुने जाने के बाद वे कई दल में रहे।1991में वे राष्ट्रीय जनता दल में थे। 1996 में वे समाजवादी पार्टी से लोकसभा में पहुंचे। 1999 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा गए। 2004 और 2014 में फिर से राष्ट्रीय जनता दल में आ गए और लोकसभा में चुने गए। 2004 में वे लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) से पूर्णिया से चुनाव लड़ा था पर उन्हे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार उदय सिंह से हार का मुंह देखना पड़ा।

अपनी पार्टी बनाई

पार्टी विरोधी गतिविधि‍यों के कारण लालू प्रसाद यादव ने पप्पू यादव को राष्ट्रीय जनता दल से निकाल दिया। पार्टी से निकाले जाने के बाद उन्होंने 9 मई 2015 को अपनी नई पार्टी जन अधिकार पार्टी बनाई।

हत्या का आरोप

बात 14 जून 1998 की है। दिन-दहाड़े पूर्णिया के सड़को पर
CPI(M) नेता को गोलियों से भून दिया जाता है। उस नेता का नाम था अजित सरकार। अजित सरकार 1980 से लेकर 1998 तक चार बार पूर्णिया से विधायक रहे। CBI ने अपने जांच में हत्या का एक आरोपी पप्पू यादव को भी बनाया। मार्च 2004 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 2008 में पटना लोवर कोर्ट ने भी हत्या का दोषी मानकर उन्हे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पप्पू यादव ने पटना हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील की। मई 2013 में पटना हाईकोर्ट ने उन्हें सबूत नही मिलने के वजह से सभी आरोपों से बरी कर दिया। इस दरम्यान उन्हे लगभग 12 साल जेल में रहना पड़ा।

पप्पू यादव फैमिली

उनके परिवार में उनके अलावे उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं।
पत्नी का नाम रंजीत रंजन है। बच्चों के नाम सार्थक रंजन (लड़का) और प्रकृति रंजन (लड़की) है। सार्थक एक क्रिकेटर हैं।

पत्नी रंजीत रंजन भी हैं सांसद

2014 में सुपौल से कांग्रेस की टिकट पर रंजीत रंजन संसद पहुंची। मजे की बात यह थी की इस साल उनके पति पप्पू यादव भी मधेपुरा से सांसद रहे।

दिलचस्प लव स्टोरी

दबंग नेता पप्पू यादव की लव स्टोरी पूरी फिल्मी है। टेनिस खेलते हुए रंजीत की तस्वीर पप्पू ने एक फैमिली एलबम में देखी। कहते हैं तस्वीर देखकर फिदा हो गये पप्पू यादव और उसी समय रंजीत को जीवन-संगिनी बनाने का फैसला किया। काफी जद्दोजहद के बात आखिर उन्होंनें ये कर दिखाया और उन दोनों की शादी हो गई।

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