Ranjeet Bhartiya 18/06/2023
Jankaritoday.com अब Google News पर। अपनेे जाति के ताजा अपडेट के लिए Subscribe करेेेेेेेेेेेें।
 

Last Updated on 19/06/2023 by Sarvan Kumar

वंशावली एक परंपरागत जीवनवृत्तांत होती है जो किसी व्यक्ति या परिवार के इतिहास, उनके पूर्वजों और वंशजों के बारे में जानकारी प्रदान करती है. इसके माध्यम से परिवार/जाति या समुदाय के सदस्य अपने मूल्यों, संस्कृति, धार्मिक और आध्यात्मिक पहलुओं को समझते हैं और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाते हैं. इसके अलावा, हिंदू धर्म में वंशावली के माध्यम से वंशजों के लिए उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा की प्राप्ति भी होती है. भारत में विभिन्न जातियों और समुदायों के लोग निवास करते हैं जो वंशावली के मामले में एक दूसरे से भिन्न हैं. हमें अलग-अलग स्रोतों से विभिन्न जातियों की वंशावली के बारे में पता चलता है जिसमें पुस्तक भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है. आइए इसी क्रम में जानते हैं ब्राह्मण वंशावली पुस्तकों के बारे में.

ब्राह्मण वंशावली

भारतीय परंपरा में ब्राह्मण वंशावली पुस्तकों को बहुत उपयोगी माना जाता है और इन पुस्तकों से ब्राह्मण समुदाय की वंशावली, वंश परंपरा, वंश, गोत्र, प्रवर, सामाजिक संरचना और संस्कारों की जानकारी मिलती है. ये पुस्तकें वंश के सदस्यों की पीढ़ियों और संबंधों का वर्णन करते हुए एक वंशावली वृक्ष (genealogical tree) को एक संगठित रूप में प्रस्तुत करती हैं.

यहाँ कुछ प्रमुख ब्राह्मण वंशावली पुस्तकों के नाम दिए गए हैं:

•”ब्राह्मण वंशावली संग्रहब्राह्मण वंशावली संग्रह” – यह पुस्तक भारतीय ब्राह्मण समुदाय के विभिन्न उप-समुदायों और उनकी वंशपरम्पराओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है.

•”ब्राह्मण वंशावली ग्रंथावली” – इस ग्रंथावली में विभिन्न प्रकार की ब्राह्मण वंशावली पुस्तकें संग्रहित की गई हैं ये पुस्तकें भारत के विभिन्न क्षेत्रों के ब्राह्मणों के वंशपरम्पराओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती हैं.

•”ब्राह्मण गोत्रावली” – इस ग्रंथ में ब्राह्मण गोत्रों का विवरण संकलित है. इसमें विभिन्न ब्राह्मण समुदायों के गोत्रों की वंशावली, गोत्रप्रवरों का विवरण और गोत्रों के संबंधित नियमों और विनियमों के बारे में जानकारी शामिल है. इस ग्रन्थ में गौड़, सारस्वत, मैथिल, कान्यकुब्ज, सरयूपारिन और उत्कल ब्राह्मणों जैसे विध्योत्तर ब्राह्मणों के गोत्र, प्रवर, शाखा, सूत्र, शिखा, चंदस, उपवेद, असपद (उपाधि) और मूल गाँवों का वर्णन किया गया है.

“द्विजति वंशावली” – यह पुस्तक अपने अपडेटेड संस्करण में ब्राह्मण वंशावली को एकत्रित करती है। यह पुस्तक भारतीय वंशावली के साथ-साथ नेपाली ब्राह्मणों की वंशावली पर प्रकाश डालती है.

•”सर्यूपारीण ब्राह्मण वंशावली” – इस पुस्तक में सर्यूपारीण ब्राह्मणों के कुल और गोत्र के बारे में विस्तृत परिचय दिया गया है.

•”ब्रह्म ऋषि अंगिरा और जांगिड़ ब्राह्मण” –

इस पुस्तक में ब्रह्म ऋषि अंगिरा, ब्रह्म ऋर्षि अंगिरा वंश विस्तार, वेद-वर्णित ब्राह्मण और उनके कर्त्तव्य, देव शिल्पी भगवान् विश्वकर्मा द्वारा रचित शिल्प कर्म, भारतीय वैदिक वर्ण-व्यवस्था तथा प्राचीन काल में ब्राह्मणों की सामाजिक स्थिति के बारे में बताने का प्रयास किया गया हैं.

•”ब्रह्मर्षि वंश विस्तार“- इस पुस्तक के लेखक स्वामी सहजानंद सरस्वती हैं.

•”वृहत्तर ब्राह्मण समाज”

इस पुस्तक के लेखक राघव शरण शर्मा हैं.

The Bhumihars- Caste of Eastern India“- इस पुस्तक के लेखक सुशील कुमार सिन्हा हैं.

•”Brahmins Who Refused to Beg” –

अनुराग शर्मा द्वारा लिखी गई इस पुस्तक में ‘अयाचक’ भूमिहार ब्राह्मणों के इतिहास के बारे में बताया गया है.

ये कुछ प्रमुख ब्राह्मण वंशावली पुस्तकों के उदाहरण हैं। हालाँकि, इस विषय पर कई पुस्तकें उपलब्ध हो सकती हैं और अधिक संशोधित और विस्तृत सूची स्थानीय पुस्तकालय, धार्मिक पुस्तकालय, विश्वविद्यालय पुस्तकालय और ऑनलाइन संस्करण या आधिकारिक ब्राह्मण संगठनों से प्राप्त की जा सकती है.

Disclosure: Some of the links below are affiliate links, meaning that at no additional cost to you, I will receive a commission if you click through and make a purchase. For more information, read our full affiliate disclosure here.
 

Leave a Reply

Discover more from Jankari Today

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

See List of: