Sarvan Kumar 25/09/2019

Last Updated on 25/09/2019 by Sarvan Kumar

सीबीएसई ने 12वीं परीक्षा के तरीकों में भारी बदलाव किया है। Objective questions( MCQ) को शामिल करने के साथ और भी दूसरे बदलाव किए हैं। कुल मिलाकर पांच बड़े बदलाव हुए हैं। आइए जानते हैं cbse class 12 exam pattern 2020 पूरी जानकारी।

20 मार्क्स का  Internal assessments

Hindi , English , Mathematics, political science, Sociology इत्यादि विषयों में 20 मार्क्स का इंटरनल एसेसमेंट रखा गया है। ये 20 मार्क्स स्कूल के तरफ से दिया जाएगा। यह इंटरनल एक्जाम, अटेंडेंस इत्यादि के आधार पर होगा। पहले ये पेपर्स 100 मार्क्स के हुआ करते थे , अब यह 80 मार्क्स के ही होंगे। जहां तक साइंस सब्जेक्ट्स की बात है इसमें 20 मार्क्स का इंटरनल एसेसमेंट नहीं होगा। पहले की ही तरह यह 30 मार्क्स का प्रैक्टिकल और 70 मार्क्स का थ्योरीटिकल होगा। ये विषय है Physics, Chemistry, Biology और Biotechnology.

मल्टीपल चॉइस क्वेश्चनस( Objective questions)

एक दूसरे बदलाव में सारे विषयों में ऑब्जेक्टिव क्वेश्चनस को शामिल किया जाएगा । ये क्वेश्चनस लगभग 25 % होंगे। मतलब यह की 80 मार्क्स में 60 descriptive और 20 मार्क्स के objective Questions होंगे। Biology में ऑब्जेक्टिव क्वेश्चंस की संख्या ज्यादा हो सकती है वहीं हिंदी में इसकी संख्या 25 % से कम भी हो सकती है।

कुल प्रश्नों के संख्या बदलाव

सीबीएसई के नए एग्जाम पैटर्न में कुल प्रश्नों के संख्या में भी बदलाव होने की संभावना है। सारे विषयों में 33 % के करीब इंटरनल ऑप्शंस भी रखा जाएगा यानी कि स्टूडेंट्स दो क्वेश्चंस में से एक क्वेश्चन का चयन कर सकते हैं।

एक्सटर्नल प्रैक्टिकल परीक्षा

अब तक प्रैक्टिकल परीक्षा इंटरनल होता था यानी कि जिस स्कूल में बच्चे पढ़ते थे प्रैक्टिकल एग्जाम वहीं होता था। 2020 से प्रैक्टिकल एग्जाम भी एक्सटर्नल सेंटर्स पर होंगे। प्रैक्टिकल परीक्षा में पूरी पारदर्शिता बरतने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

कॉपी जांच में बदलाव

cbse class 12 exam pattern 2020  में  Paper Evaluation के तरीकों में भी बदलाव किया गया है पहले 1 दिन में एग्जामिनर को 25 कॉपियां जांच करने को दी जाती थी अब सिर्फ 20 ही दी जाएगी। शिक्षकों के लिए यह अच्छी बात है वह अब वे समय देकर पेपर जांच कर पाएंगे और बच्चों का पेपर्स का सही मूल्यांकन हो पाएगा।

सीबीएसई ने ये बदलाव क्यों किए?

देखा जा रहा था कि बच्चों में रटने की प्रवृत्ति बढ़ रही थी। बार-बार एक ही तरह के क्वेश्चंस को देखकर बच्चे उसका उत्तर रट लेते थे। इससे उनमें कांसेप्चुअल और क्रिएटिव गुणों की कमी हो रही थी। नए पैटर्न में अच्छे मार्क्स के लिए विषयों का गहन अध्ययन करना होगा।

JEE Mains/ NEET इत्यादि Competitive papers में होगा फायदा।

Objective Questions को शामिल करने के बाद स्टूडेंट्स को Competitive examinations में फायदा होगा। पूरे साल स्टूडेंट्स डिस्क्रिप्टिव क्वेश्चंस की प्रैक्टिस करते थे और इंजीनियरिंग और मेडिकल Entrance Examinations में ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन पूछे जाते थे। इससे स्टूडेंट्स सही तालमेल नहीं बिठा पाते थे। नए पैटर्न में अच्छे मार्क्स के लिए उन्हें ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन की भी प्रैक्टिस करनी पड़ेगी।

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