Ranjeet Bhartiya 26/06/2023
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Last Updated on 26/06/2023 by Sarvan Kumar

भारत एक जटिल सामाजिक संरचना वाला एक विविध देश है, और विभिन्न सामाजिक समूहों के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव और प्रभुत्व के विभिन्न स्तर हैं. ऐतिहासिक रूप से, ब्राह्मण सहित कुछ उच्च जातियों ने राजनीति, नौकरशाही, शिक्षा और व्यवसाय जैसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली पदों पर कार्य किया है. इसी क्रम में हम यहां जानेंगे कि क्या ब्राह्मण भारत पर शासन करते हैं.

ब्राह्मण भारत पर शासन करते हैं?

सबसे पहले यहां हमें “शासन” शब्द के व्यापक अर्थ को समझना चाहिए. “शासन” शब्द का प्रयोग कई संदर्भों में किया जाता है, जैसे कि राजनीतिक शासन, सामाजिक नियम, व्यापार नियम, धार्मिक और आध्यात्मिक शासन और विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक प्रभुत्व.

राजनीतिक शासन

राजनीतिक शासन की बात करें तो ब्राह्मण भारत पर शासन नहीं करते हैं. क्योंकि भारत बहुदलीय राजनीतिक व्यवस्था वाला एक लोकतांत्रिक देश है जहां विभिन्न जातियों, वर्गों और समुदायों के नेता सत्ता के पदों पर आसीन हैं. एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं जो विविध पृष्ठभूमि से आते हैं. फिर भी, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि ब्राह्मण ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर रहे हैं और कम आबादी होने के बावजूद, ब्राह्मण समुदाय को राजनीतिक रूप से अत्यंत ही प्रभावशाली माना जाता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत में सभी ब्राह्मण शासन करते हैं. भारत में सत्ता और शासन विभिन्न सामाजिक समूहों और समुदायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच वितरित किया जाता है.

धार्मिक और आध्यात्मिक शासन

भारत में हिंदुओं की बहुसंख्यक आबादी है. हिंदुओं के धार्मिक और आध्यात्मिक शासन की बागडोर परंपरागत रूप से पंडितों, पुरोहितों, आध्यात्मिक गुरुओं, महंतों और धार्मिक संगठनों के प्रमुखों के रूप में ब्राह्मणों के पास रही है.

सामाजिक शासन

ऐतिहासिक रूप से, ब्राह्मण समुदाय के नेताओं और विचारकों ने भारतीय समाज में सामाजिक और आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस समुदाय के लोग उच्च पदों पर आसीन रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इस वजह से आज भी भारतीय समाज में ब्राह्मणों का जबरदस्त प्रभाव है.

निष्कर्ष:

भारत में लोकतान्त्रिक व्यवस्था होते हुए भी राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव के कारण ऐसा प्रतीत होता है कि ब्राह्मण अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर शासन करते हैं.

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