Ranjeet Bhartiya 02/08/2023
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Last Updated on 02/08/2023 by Sarvan Kumar

मौर्य कौन थे? (Who were the Mauryas?)

मौर्य एक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण राजवंश थे जिन्होंने लगभग 322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक प्राचीन भारत पर शासन किया था। राजवंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य थे, जिन्होंने साम्राज्य की नींव रखी थी, और राजवंश के सबसे प्रसिद्ध शासक सम्राट अशोक थे, जिन्होंने अपने क्षेत्रों का बहुत विस्तार किया और बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मौर्य साम्राज्य के पतन के कारण:

1. कमजोर उत्तराधिकारी (Weak Successors):
सम्राट अशोक की मृत्यु के बाद, मौर्य साम्राज्य को कमजोर और अप्रभावी शासकों की एक श्रृंखला का सामना करना पड़ा। अशोक के उत्तराधिकारी विशाल साम्राज्य को बनाए रखने में असमर्थ थे और इसे एकजुट रखने के लिए आवश्यक प्रशासनिक कौशल और सैन्य कौशल का अभाव था।

2. आर्थिक पतन (Economic Decline):
मौर्य साम्राज्य अपने समृद्ध व्यापार और वाणिज्य के लिए जाना जाता था। हालाँकि, समय के साथ, आर्थिक कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और उच्च करों के कारण व्यापार और आर्थिक समृद्धि में गिरावट आई। इससे साम्राज्य की समग्र आर्थिक शक्ति कमजोर हो गई।

3. प्रशासनिक मुद्दे (Administrative Issues):
मौर्य साम्राज्य की विशालता ने महत्वपूर्ण प्रशासनिक चुनौतियाँ प्रस्तुत कीं। प्रशासन को सुदूर प्रांतों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा, जिससे शासन में गिरावट आई और क्षेत्रीय शक्तियों का उदय हुआ।

4. बाहरी आक्रमण (External Invasions):
मौर्य साम्राज्य को बाहरी शक्तियों के आक्रमणों का सामना करना पड़ा, विशेष रूप से यूनानी आक्रमणकारी डेमेट्रियस ने, जिसने साम्राज्य के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों पर हमला किया और उन्हें कमजोर कर दिया। इन आक्रमणों ने पहले से ही पतनशील साम्राज्य पर और दबाव डाला।

5. असंतोष और विद्रोह (Dissatisfaction and Revolts):
सामान्य जनता के बीच व्यापक असंतोष और स्थानीय शासकों और क्षेत्रों के विद्रोहों ने साम्राज्य को और अधिक अस्थिर कर दिया। मौर्यों की केंद्रीय सत्ता कमजोर हो गई और विभिन्न क्षेत्र अपनी स्वतंत्रता का दावा करने लगे।

6. क्षेत्रीय शक्तियों का उदय (Rise of Regional Powers):
जैसे-जैसे मौर्य साम्राज्य का पतन हुआ, क्षेत्रीय शक्तियाँ और साम्राज्य उभरे, जिन्होंने केंद्रीय सत्ता के अधिकार को चुनौती दी। इस विखंडन ने साम्राज्य की एकता को कमजोर कर दिया।

7. बौद्ध धर्म का पतन (Decline of Buddhism):
सम्राट अशोक का बौद्ध धर्म के प्रति समर्थन साम्राज्य के भीतर एक एकीकृत शक्ति थी। हालाँकि, जैसे-जैसे बाद के शासकों और क्षेत्रों ने अलग-अलग धार्मिक मान्यताओं को अपनाना शुरू किया, बौद्ध धर्म की एकीकृत शक्ति में गिरावट आई, जिससे साम्राज्य के विघटन में और योगदान हुआ।

मौर्य साम्राज्य अंततः विघटित हो गया, और 185 ईसा पूर्व के आसपास, इसे शुंग राजवंश ने उखाड़ फेंका, जिसने उत्तरी और मध्य भारत के कुछ हिस्सों पर शासन किया। अपने पतन के बावजूद, मौर्य साम्राज्य ने भारतीय इतिहास और संस्कृति पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा, और बौद्ध धर्म के प्रोत्साहक के रूप में सम्राट अशोक की विरासत आज भी प्रभावशाली है।

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