
Last Updated on 06/09/2020 by Sarvan Kumar
मधेपुरा भारत के बिहार राज्य में स्थित एक जिला है. उतरी बिहार में आने वाला यह जिला कोसी प्रमंडल के अंतर्गत आता है. मधेपुरा जिला का इतिहास स्वर्णिम है.ऐसी मान्यता है ये जगह राजा विराट के रहने का स्थान था.
मधेपुरा जिला कब बना?
यह जिला पहले सहरसा जिले का हिस्सा था. सहरसा जिले के एक अनुमंडल के रूप में रहने के उपरांत, 9 मई 1981 को , उदाकिशुनगंज अनुमंडल को मिलाकर, इसे स्वतंत्र जिला बनाया गया.
मधेपुरा जिले की भौगोलिक स्थिति
क्षेत्रफल
मधेपुरा जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 1787 वर्ग किलोमीटर है.
बाउंड्री (चौहद्दी)
उत्तर में-सुपौल और अररिया जिला
दक्षिण में- खगड़िया और भागलपुर जिला
पूर्व में- पूर्णिया जिला
पश्चिम में-सहरसा जिला
प्रमुख नदियां -कोसी
अर्थव्यवस्था -कृषि और उत्पाद
मधेपुरा जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है. इस जिले को कोसी नदी के बाढ ,अकाल और सूखा के रूप में कई उतार-चढ़ाव झेलने पड़ते हैं.
प्रमुख फसल- यहां पर धान और जूट की खेती होती है.
उद्योग- जूट मिल
मधेपुरा जिला का प्रशासनिक सेटअप
मधेपुरा जिले के वर्तमान प्रशासनिकअधिकारी
प्रमंडल : कोसी
अनुमंडल: मधेपुरा जिले को 2 अनुमंडलों मेंबांटा गया है- मधेपुरा और उदाकिशुनगंज.
प्रखंड: मधेपुरा जिले को कुल 13 प्रखंडों में बांटा गया है.
मधेपुरा अनुमंडल में कुल 9 प्रखंड हैं: मधेपुरा, सिंघेश्वर, मुरलीगंज, गम्हरिया, घैलाढ, कुमारखंड, शंकरपुर, चौसा और पुरैनी.
उदाकिशुनगंज अनुमंडल में कुल 4 प्रखंड हैं: ग्वालपाड़ा, बिहारीगंज, उदाकिशुनगंज और आलमनगर.
ग्राम पंचायतों की संख्या : 170
गांवों की संख्या : 449
नगर पंचायत : 1
नगर पालिका : 1
थानों की संख्या : 15
भाषाएं : 3 हिंदी ,इंग्लिश और मैथिली
मधेपुरा जिले की डेमोग्राफी ( जनसांख्यिकी)
अधिकारी की जनगणना 2011 के अनुसार
कुल जनसंख्या : 20.02 लाख
पुरुष : 10.47 लाख
महिला : 9.54 लाख
जनसंख्या वृद्धि (दशकीय) : 31.12%
जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर) : 1120
बिहार की जनसंख्या में अनुपात : 1.92%
लिंग अनुपात (महिलाएं प्रति 1000 पुरुष) : 911
औसत साक्षरता : 52.25%
पुरुष साक्षरता : 61.77%
महिला साक्षरता : 41.74%
शहरी और ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या :4.42%
ग्रामीण जनसंख्या : 95.58%
धर्म
आधिकारिक जनगणना 2011 के अनुसार,
मधेपुरा एक हिंदू बहुसंख्यक जिला है. जिले में हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या 81.61% है. जिले में मुस्लिमों की आबादी 12.08% है.
अन्य धर्मों की बात करें तो जिले में ईसाई 0.07%, सिख 0.01 % और जैन 0.01% है.
मधेपुरा जिला के पर्यटन स्थल
सिंघेश्वर स्थान
भगवान शिव को समर्पित यह अति प्राचीन मंदिर जिले का प्रमुख आकर्षण केंद्र है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को स्वयं भगवान विष्णु ने बनाया था. एक पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि श्रृंग के आश्रम में एक प्राकृतिक शिवलिंग उत्पन्न हुई थी. यह शिवलिंग एक विशाल चट्टान पर स्थित है और इसकी ऊंचाई लगभग 15 से 16 फीट है. प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर यहां पर बिहार के विभिन्न इलाकों और नेपाल से भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं.
उदाकिशुनगंज सार्वजनिक दुर्गा मंदिर
धार्मिक , आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व का यह मंदिर मनोकामना शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है. प्रतिवर्ष दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर यहां पर श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ इकट्ठा होतें हैं.
बाबा बिशु राउत चपरासी धाम
मधेपुरा के चौसा प्रखंड के सबसे अंतिम छोर पर बाबा बिशु रावत चपरासी धाम स्थित है. लोक देव के रूप में चर्चित, पशुपालकों के लिए यह आस्था का एक प्रमुख केंद्र है. यहां पर पशुपालक बाबा बिशु की प्रतिमा का दुधाभिषेक करते हैं.
श्रीनगर
श्रीनगर मधेपुरा से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर पश्चिम में स्थित एक गांव है. इस गांव में 2 किले हैं. ऐसा माना जाता है यह किला राजा श्री देव का निवास स्थान था. किले में 2 विशाल कुंड हैं. किले के पश्चिम दिशा में स्थित कुंड को हरसैइर और दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थित कुंड को घोपा पोखर नाम से जाना जाता है. यहां पर भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर भी है. मंदिर में बने पत्थरों के स्तंभ इसकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं.
रामनगर
रामनगर मुरलीगंज रेलवे स्टेशन से लगभग 16 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस गांव में देवी काली का एक मंदिर है. प्रतिवर्ष यहां पर भारी संख्या में लोग पूजा अर्चना करने आते हैं.
महाभारत नगरी मधेपुरा
बसंतपुर
मधेपुरा के दक्षिण में 24 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है, जिसका नाम है-बसंतपुर. यहां पर एक किला है जो अब पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है. ऐसी मान्यता है किला राजा विराट के रहने का स्थान था. राजा विराट के साले कीचक ने द्रोपदी से यह किला छीनना चाहा जिसके कारण भीम ने इसी गांव में उसका वध कर दिया था.
बिराटपुर.
बिराटपुर गांव सोनबरसा रेलवे स्टेशन से 9 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस गांव में देवी चंडिका का एक प्रसिद्ध मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का संबंध महाभारत काल से है. अज्ञातवास के दौरान यहां पर पांडव रहे थे.
बाबा करू खिरहर
बाबा करू खिरहर मंदिर महर्षि खंड के झिटकिया पंचायत के महपुरा गांव में स्थित है. इस मंदिर का नाम एक प्रसिद्ध प्रसिद्ध संत के नाम पर रखा गया था. यहां पर बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, असम और नेपाल से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
मधेपुरा कैसे पहुंचे?
हवाई मार्ग
मधेपुरा में कोई हवाई अड्डा नहीं है. निकटतम हवाई अड्डा जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो मधेपुरा से 234 किलोमीटर दूरी पर पटना में स्थित है.
रेल मार्ग
मधेपुरा रेल मार्ग से बिहार और देश के तमाम बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है.
नजदीकी रेलवे स्टेशन : दौराम मधेपुरा स्टेशन.
सड़क मार्ग
मधेपुरा सड़क मार्ग से बिहार और देश के विभिन्न स्थानों से जुड़ा हुआ है. यहां से नियमित बसें चलती हैं. आप चाहे तो अपने निजी वाहन कार और बाइक से भी आ सकते हैं.

Disclosure: Some of the links below are affiliate links, meaning that at no additional cost to you, I will receive a commission if you click through and make a purchase. For more information, read our full affiliate disclosure here. |
See List of: |
Very good