Sarvan Kumar 13/04/2018
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Last Updated on 10/04/2020 by Sarvan Kumar

देश के कई इलाकों में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दिया है.राजस्थान और उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू के कई मामले सामने आयें हैं राजस्थान के उदयपुर संभाग में स्वाइन फ्लू के कहर से अब तक 13 मरीज दम तोड़ चुके हैं. वहीं उत्तराखंड में अभी तक स्वाइन फ्लू से 2 मौतें हो चुकी है. स्वाइन फ्लू से मरने वालों में थराली विधायक मगनलाल शाह भी शामिल हैं.जानिये क्या है स्वाइन फ्लू और कैसे करें इससे बचाव.

स्वाइन फ्लू क्या है?

स्‍वाइन फ्लू एक वायरल संक्रमण है. स्वाइन फ्लू का वायरस बहुत संक्रामक है. इंफ्लूएंजा ए स्‍वाइन फ्लू वायरस के एक प्रकार ‘एच-1-एन-1‘ द्वारा संक्रमित व्‍यक्ति द्वारा दूसरे व्‍यक्ति में फैलता है.यह एक इन्सान से दूसरे इन्सान के बीच बहुत तेजी से फैलता है.सामान्य फ्लू के वायरस की तरह ही स्वाइन फ्लू भी फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के छींकने , खांसने से दूसरे व्यक्ति तक ये वायरस पहुंचता है. ये वायरस 24 घंटे तक जिन्दा रहता है. स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए वैक्सीग्रिप के टीके लगाए जाते हैं. और संक्रमित व्यक्ति को टेमीफ्लू दवा दी जाती है.

स्वाइन फ्लू के लक्षण

स्वाइन फ्लू के प्रमुख लक्षण हैं-
बुखार-स्वाइन फ्लू में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आना आम बात है.
सर्दी जुकाम-नाक से पानी बहना
सूखी खांसी
थकावट
सिरदर्द
आंखों से पानी आना
सांस लेने में तकलीफ
भूख न लगना
गले में जलन और दर्द
जोड़ों में सूजन
उल्टी और डायरिया

स्‍वाइन फ्लू से बचने के घरेलूू नुस्खे

स्‍वाइन फ्लू लाइलाज बीमारी नहीं है, अत: इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. थोड़ी सी सावधानी बरतकर इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.फ्लू का असर कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) होने पर सबसे ज्‍यादा होता है. इसलिए इससे बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपाय आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं. आप डॉक्‍टर द्वारा बताए गए सलाह अपनाने के साथ यहां दिये कुछ घरेलू उपायों को भी अपना सकते हैं.

 तुलसी

भारतीय घरों में तुलसी आसानी से मिल जाता है. तुलसी में पाया जाने वाला एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरस तत्व इसे एक लाभकारी जड़ी-बूटी बनाता है. यह किसी की भी रोग प्रतिरोधक (Immunity) क्षमता बढ़ा सकती है. तुलसी का प्रयोग ‘एच1एन1’ वायरस से लड़ने में सहायक हो सकता है. हर रोज इसकी पांच अच्छी तरह से धुली हुई ताजी पत्तियों का इस्तेमाल करें.

गिलोय

गिलोय एक दिव्‍य औषधि है. यह औषधि रोग प्रतिरोधक शक्ति को चमत्कारिक ढंग से बढ़ा देती है. गिलोय हर तरह के बुखार में कारगर होता है. अगर यह पौधा आपको अपने आसपास नहीं मिलता है तो किसी आयुर्वेद की दुकान से खरीद सकते हैं. इसका काढ़ा बनाने के लिए इसकी एक फुट लंबी शाखा को लेकर तुलसी की पांच छह पत्तियों के साथ 10 से 15 मिनट तक उबालना चाहिए. ठंडा होने पर इसमें थोड़ी काली मिर्च, मिश्री, सेंधा नमक अथवा काला नमक मिलाएं और फिर सेवन करें.

लहसुन

लहसुन मे मौजूद एंटी-वॉयरल तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए.

एलोवेरा

एलोवेारा फ्लू से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है. एलोवेरा जेल की एक चम्मच पानी के साथ इस्तेमाल करने से न सिर्फ त्वचा को खूबसूरत बनाया जा सकता है, बल्कि यह स्वाइन फ्लू के असर को कम करने में भी कारगर साबित होता है.

विटामिन C

सर्दी से बचने का सबसे बेहतर तरीका विटामिन सी का इस्‍तेमाल, है.यह स्वाइन फ्लू के लिए भी कारगर साबित होता है. इसलिए अपने आहार में प्रचुर मात्रा में विटामिन C शामिल करें. विटामिन C सभी प्रकार के खट्टे फलों जैसे नींबू, आंवला, अंगूर, संतरा आदि में भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

 हल्‍दी

गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है. रोजाना एक गिलास दूध में थोड़ी सी पिसी हल्दी मिलाकर पीने से स्वाइन फ्लू का असर कम होने लगता है.

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