
Last Updated on 04/08/2019 by Sarvan Kumar
धीरे-धीरे अब लगने लगा है कि कांग्रेस छाप धर्मनिरपेक्षता (सेक्यूलरिज्म) के बुरे दिन आ गए हैं। कांग्रेस के लिए यह भले ही बुरी खबर होगी, पर भारत के लिए यह बहुत ही शुभ है। यहां यह स्पष्ट कर देना ज़रूरी है की सच्चा सेक्यूलरिज्म विविधताओं से भरे इस देश के लिए बहोत अच्छा है।
सच्चे सेक्यूलरिज्म से कोसों दूर!
राजनेताओं और सरकारी संस्थाओं को धर्म-मजहब से दूर रहना चाहिए, ताकि कभी किसी समुदाय को ऐसा न लगे कि सरकारी नीतियों में पक्षपात है और सभी के साथ न्याय हो सके। यही सच्चा सेक्यूलरिज्म है। कांग्रेस ने भारत के नागरिको को जिस सेक्यूलरिज्म को आज़ादी के बाद से थोपा है, उसमें पक्षपात और भेदभाव साफ दिखाई देता है
क्या कहतें हैं का कांग्रेस नेता?
मनमोहन सिंह
कांग्रेस के सेक्यूलरिज्म को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस शर्मनाक कथन से समझा जा सकता है जिसमे उन्हें यह कहते हुए रत्ती भर भी लज्जा नहीं आयी -“भारत के धन-साधन पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।”
राजीव गांधी
राजीव गांधी को कोई भेदभाव नहीं दिखा, जब उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के शाह बानो वाले फैसले को संसद में कानून पास करके रद्द करवा दिया।
राहुल गांधी
राजीव गांधी के सुपुत्र राहुल गांधी को ज़रा भी तकलीफ और शर्म नही आयी, जब उन्होंने अमेरिकी राजदूत को कहा कि ‘जेहादी आतंकवाद’ से ज्यादा खतरा भारत को ‘भगवा आतंकवाद’ से है।
दिग्विजय सिंह
राहुल गांधी के सलाहकार श्रीमान दिग्विजय सिंह ने एक कदम आगे बढ़कर एक ऐसी किताब का समर्थन किया, जिसका शीर्षक था 26/11: आरएसएस की साजिश। जबकि उस आतंकवादी हमले के पीछे कौन था दुनिया जानती है।
कांग्रेस ब्रांड छद्म धर्मनिरपेक्षता के अब बुरे दिन
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को किया बैन
पिछले दिनों दो अलग-अलग घटनाएं घटीं, जिससे से ये पता चलता कांग्रेस ब्रांड छद्म धर्मनिरपेक्षता के अब बुरे दिन आ गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की तलवार को मुस्लिम महिलाओं के सिर के ऊपर से हटा दिया। अगर कांग्रेस के ‘सेक्यूलर’ दौर में यह फैसला आया होता, तो यह संभव नहीं हो पाता. यह दिल्ली में इन दिनों हिंदुत्ववादियों की सत्ता का ही कमाल है की मुस्लिम महिलायें तीन तलाक जैसे कुप्रथा के खिलाफ लड़ने का हिम्मत जुटा पायीं और इस गलत प्रथा को समाप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के दरवाजे खटका कर सफलता पायीं।
कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जमानत
छद्म धर्मनिरपेक्षता की आड़ में वोटबैंक की लिए कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की पटकथा लिख कर लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को फसाया | आप सोच सकते हैं की कॉग्रेस की सोच कितनी गिरी हुयी और देश के लिए कितनी खतरनाक है| आज हमें खुद को खुशनसीब मानना चाहिए की कांग्रेस का दौर समाप्त न हो गया और कर्नल श्रीकांत पुरोहित को जमानतमिल गयी।
कांग्रेस करें अपना आत्म-मंथन
इसके बावजूद कांग्रेस के कई नेता सेक्यूलरिज्म की दुहाई देकर यह कहते फिर रहे हैं कि कर्नल पुरोहित को जमानत देना गलत था। लेकिन समय आ गया है कि कांग्रेस के नेता आत्ममंथन करें और सोचें कि कांग्रेस छाप सेक्यूलरिज्म ने देश को कितना नुकसान पहुंचाया है | अगर कि कांग्रेस के नेता तर्कसंगत समीक्षा करेंगे तो उन्हें समझ में आ जाएगा कि क्यों 2014 में देश के मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी को पूर्ण बहुमत से जिताया।
कांग्रेस का ये कैसा सेक्यूलरिज्म?
- कांग्रेस का यह कैसा सेक्यूलरिज्म है, जो जेहादी आतंकवाद के दौर में भगवा आतंकवाद का भय फैला रहा है?
- भगवा आतंकवादीयों ने दुनिया भर में कितने जगह बम फोड़े और हमले करके मासूमों का कत्लेआम किया?
- ये बात दुनिया जानती है कि हिंदू कट्टरपंथी गोरक्षा के नाम पर थोड़ा-बहुत हिंसा फैला सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। इसके बावजूद कांग्रेस के सेक्यूलर दौर में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने इस झूठ को ऐसा बना दिया था कि पाकिस्तान वैश्विक मंचों पर कहने लगा था कि इस उपम-महाद्वीप में असली आतंकवाद भारत फैला रहा है, न कि पाकिस्तानी जेहादी संस्थाएं। सो यह भारत के हित में है कि इस किस्म की झूठी सेक्यूलरिज्म का जल्दी सर्वनाश हो जाए। ऐसा होने के बाद ही शायद कांग्रेस को पुनर्जीवन मिलेगा; नहीं तो कांग्रेस का विनाश सुनिश्चित है |

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