Ranjeet Bhartiya 28/05/2023
Jankaritoday.com अब Google News पर। अपनेे जाति के ताजा अपडेट के लिए Subscribe करेेेेेेेेेेेें।
 

Last Updated on 28/05/2023 by Sarvan Kumar

धार्मिक विश्वास, सांस्कृतिक मान्यताएं और सामाजिक निषेध जैसे कई कारक हैं जो किसी समुदाय के भोजन की आदतों को निर्धारित करते हैं. हिंदुओं की बात करें तो वर्तमान में अधिकांश हिंदू गौ मांस खाने से परहेज करते हैं. हिन्दुओं का एक वर्ग गोहत्या को लेकर बहुत संवेदनशील है और गौ रक्षा के प्रति बहुत आक्रामक रवैया रखता है. लेकिन भोजन की आदतें समय और परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं. आइए इसी क्रम में जानते हैं कि क्या ब्राह्मण गाय खाते थे.

क्या ब्राह्मण गाय खाते थे?

सबसे पहले यह जान लेते हैं कि हिंदू गाय का मांस क्यों नहीं खाते हैं. गाय के प्रति सम्मान हिंदू धार्मिक विश्वास का हिस्सा रहा है. हिंदू संस्कृति में गाय को एक कल्याणकारी पशु माना गया है और इसे माता का दर्जा दिया गया है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार गौ माता के शरीर में 33 कोटि देवी देवताओं का वास है. गोहत्या को पाप माना जाता है और इसलिए धार्मिक कारणों से अधिकांश हिंदू गोमांस खाने से परहेज करते हैं. हिंदुओं में, जाति पदानुक्रम के अनुसार एक अनोखा आहार पदानुक्रम भी देखा जाता है. आमतौर पर शाकाहारी जातियों को मांसाहारी जातियों से बेहतर माना जाता है. चूंकि ब्राह्मण जाति पदानुक्रम में सबसे ऊपर आते हैं, इसलिए ब्राह्मण समुदाय में शाकाहार पर विशेष जोर दिया जाता है. ऐसा नहीं है कि सभी ब्राह्मण शाकाहारी होते हैं लेकिन ब्राह्मणों में भी शाकाहारी ब्राह्मणों को मांसाहारी ब्राह्मणों से बेहतर माना जाता है. जहाँ तक गोमांस खाने का प्रश्न है, वर्तमान में अधिकांश ब्राह्मण गोमांस खाने से परहेज करते हैं.

तो क्या ब्राह्मणों और अन्य हिंदुओं ने कभी गोमांस नहीं खाया और गाय को हमेशा पवित्र माना? इस विषय पर कई शोध किए गए हैं. शोध से पता चला है कि वैदिक साहित्य में ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि उस काल में भी गौमांस का सेवन किया जाता था. यज्ञ के समय भी गोवंश की बलि दी जाती थी. प्राचीन काल में ब्राह्मण पुजारी, यजमान और आम लोग गाय का मांस खाते थे. गाय का मांस स्वादिष्ट होता था, इसलिए अधिक संख्या में गायों का वध किया जाता था. इससे गायों की संख्या तेजी से घटने लगी. दूसरी तरफ, मृत्यु के बाद, पूर्वजों की आत्मा की शांति और स्वर्ग प्राप्ति के लिए ब्राह्मणों को गाय या बछिया दान करने की परंपरा थी. इसीलिए गौ हत्या पर रोक लगा दिया गया. संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर ने एक निबंध लिखा था, ‘क्या हिंदुओं ने कभी बीफ नहीं खाया? इस लेख में उन्होंने उल्लेख किया है कि गाय को पवित्र मानने से पहले गाय को मारा जाता था. वैदिक काल के आर्य खाने के लिए गाय को मारा करते थे, जो ऋग्वेद से ही स्पष्ट हो जाता है. ऋग्वेद (10. 86.14) में इंद्र कहते हैं, “उन्होंने एक बार में 5 से अधिक बैल पकाए”. ऋग्वेद (10. 91.14) में कहा गया है कि अग्नि को घोड़े, बैल, बैल, बांझ गाय और भेड़ की बलि दी जाती थी. ऋग्वेद (10. 72.6) से ऐसा प्रतीत होता है कि गाय को तलवार या कुल्हाड़ी से मारा गया था.


References:

•https://www.bbc.com/hindi/india/2015/04/150402_beef_ban_ambedkar_hindu_ate_cow_rd

•Manviya Chetna

By Shudra Shiv Shankar Singh Yadav · 2022

•https://timesofindia.indiatimes.com/litfest/litfest-delhi/news/brahmin-priests-have-historically-eaten-beef-in-india-kancha-ilaiah/articleshow/49985302.cms

Disclosure: Some of the links below are affiliate links, meaning that at no additional cost to you, I will receive a commission if you click through and make a purchase. For more information, read our full affiliate disclosure here.

Leave a Reply