Ranjeet Bhartiya 15/05/2023
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Last Updated on 18/05/2023 by Sarvan Kumar

भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है कि ब्राह्मण कुल में जन्म लेने से कोई ब्राह्मण नहीं हो जाता. ब्राह्मण होने के लिए ब्राह्मणत्व के गुण होना जरूरी है और ब्राह्मणत्व के गुणों के विकास के लिए मन, बुद्धि और आत्मा की पवित्रता आवश्यक है. इसलिए आपने देखा होगा कि ब्राह्मण आमतौर पर एक अनुशासित जीवन जीते हैं और कई सख्त नियमों का पालन करते हैं जिनमें भोजन संबंधी नियम भी शामिल है. आइए इसी क्रम में जानते हैं कि क्या साउथ इंडियन ब्राह्मण नॉन वेज खाते हैं.

क्या साउथ इंडियन ब्राह्मण नॉन वेज खाते हैं.

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सनातन हिन्दू धर्म में वर्णित 16 संस्कारों में से उपनयन संस्कार एक महत्वपूर्ण संस्कार है. उपनयन संस्कार के तहत जनेऊ धारण किया जाता है, जिसे ‘यज्ञोपवीत संस्कार’ भी कहा जाता है. धर्म की दृष्टि से ऐसा माना जाता है कि जनेऊ धारण करने से तन, मन और अंतःकरण की शुद्धि होती है. ब्राह्मणों में उपनयन संस्कार का अपना एक अलग महत्व है. ब्राह्मणों के लिए कहा जाता है कि ब्राह्मण कुल में जन्म लेकर भी जो जनेऊ धारण नहीं करता वह ब्राह्मण कहलाने का अधिकारी नहीं है. उपनयन (जनेऊ) संस्कार वेदपाठ का अधिकारी बनने के लिए अति आवश्यक है. जनेऊ को पवित्र माना जाता है. जनेऊ धारण करने वाले के लिए मांस-मछली, प्याज, लहसुन, शराब, तंबाकू आदि तामसिक पदार्थ वर्जित हैं. दक्षिण भारतीय ब्राह्मणों के भोजन की बात करें तो दक्षिण भारत के अधिकांश ब्राह्मण शाकाहार को मांसाहार से बेहतर मानते हैं. इनमें ज्यादातर शाकाहारी हैं जो नॉनवेज नहीं खाते हैं. लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि दक्षिण भारतीय ब्राह्मणों में भी मांसाहारी भोजन की स्वीकार्यता बढ़ी है. दक्षिण भारत में कुल 5 राज्य आते हैं- आंध्र प्रदेश तेलंगना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के सर्वे के अनुसार भारत में सबसे अधिक मांसाहारी लोग तेलंगाना में रहते हैं, इस मामले में आंध्र प्रदेश का नंबर तीसरा है. इस सर्वे के मुताबिक तेलंगाना में करीब 99 फीसदी लोग जबकि आंध्र प्रदेश में 98 प्रतिशत से अधिक लोग नॉन वेजिटेरियन है. 2003 में आउटलुक इंडिया द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में, तेलुगु राज्यों (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) में ब्राह्मणों की जनसंख्या 5% बताई गई थी. उपरोक्त आँकड़ों से स्पष्ट है कि तेलुगु ब्राह्मणों का एक वर्ग मांसाहारी भोजन करता है. दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में 97.65% लोग मांसाहारी हैं, जबकि राज्य में ब्राह्मणों की जनसंख्या लगभग 3% है. इससे स्पष्ट है कि यहां भी कुछ ब्राह्मण मांसाहारी भोजन करते हैं. केरल और कर्नाटक में रहने वाले अधिकांश कोंकणी सारस्वत ब्राह्मण शाकाहारी होते हुए भी अपने भोजन में मछली का उपयोग करते हैं.


References:

•https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/amp/list-of-top-non-vegetarian-states-in-india-in-hindi-1490620666-2

•https://www.deccanherald.com/content/664936/a-konkani-touch.html

•”Distribution Of Brahmin Population”. Outlook India. Retrieved 16 June 2003.

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