
Last Updated on 14/07/2023 by Sarvan Kumar
भारत में विभिन्न जातियों की वंशावली देश की सामाजिक संरचना और जाति व्यवस्था को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वंशावली जातियों के बीच ऐतिहासिक उत्पत्ति और पदानुक्रमित संबंधों का पता लगाने, उनकी सामाजिक स्थिति और विशेषाधिकारों के बारे में जानकारी देने में मदद करती है. वंशावली का अध्ययन से हम सामाजिक रिश्तों के जटिल जाल और भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं पर जाति के प्रभाव का विश्लेषण कर सकते हैं. आइये इसी क्रम में सोमवंशी राजपूतों की वंशावली के बारे में जानते हैं.
सोमवंशी राजपूतों की वंशावली
राजपूतों को पारंपरिक रूप से तीन वंशों में वर्गीकृत किया गया है: सूर्यवंशी, चंद्रवंशी और अग्निवंशी. सूर्यवंशी सूर्य देवता (Sun) से, चंद्रवंशी चंद्र देवता (Moon) से, और अग्निवंशी अग्नि देवता (Fire God) से अपनी उत्पत्ति का दावा करता है. इन वंशों को राजपूतों के बीच मूलभूत वंश माना जाता है, जो उनके महान वंश और प्रतिष्ठित विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं. सोमवंशी राजपूतों का संबंध चंद्रवंश से है क्योंकि हिंदी में चंद्रमा को सोम भी कहा जाता है.
सोमवंशी राजपूत, जिन्हें चंद्रवंशी राजपूत के नाम से भी जाना जाता है, अपने वंश को प्राचीन भारत के चंद्र राजवंश से जोड़ते हैं. चंद्रवंश आगे राजा यदु के वंशज यदुवंश और राजा पुरु के वंशज पुरुवंश में विभाजित किया गया है. सोमवंशी राजपूत मुख्य रूप से 2 कुलों में विभाजित हैं: चंद्रवंशी कुल और यदुवंशी कुल.
चंद्रवंशी कुल (Chandravanshi Clans):
चंद्रवंशी कुल के अंतर्गत राजपूतों के कई कुल शामिल हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं: तोमर या तंवर (Tomar or Tanwar), चंदेल (Chandel), चावड़ा (Chavda), बैस (Bais), झाला (Jhala), कटोच
(Katoch), बनाफर (Banaphar), सेंगर (Sengar), डोर (Dor) और पठानिया (Pathania), आदि.
यदुवंशी कुल (Yaduvanshi Clans):
यदुवंशी कुल के अंतर्गत आने वाले कुछ प्रमुख राजपूत कोणों के नाम इस प्रकार हैं: भाटी (Bhati), जडेजा (Jadeja), जादौन (Jadaun), करचुल हैहय (Karchul Haihay), चूड़ास्मा (Chudasama) और
सम्मा (Samma).
अन्य राजपूत कुलों की तरह, सोमवंशी राजपूतों की भी कई शाखाएँ और उपविभाग हैं, जिनमें से प्रत्येक की वंशावली विभिन्न पौराणिक और ऐतिहासिक शख्सियतों से मिलती है. सोमवंशी या चंद्रवंशी राजपूत अपनी वंशावली हिंदू धर्म के प्रमुख देवता श्री कृष्ण से जोड़ते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म चंद्रवंश की यदुवंश शाखा में हुआ था.
References:
•Barbara N. Ramusack (2003). The Indian Princes and their States, The New Cambridge History of India. Cambridge University Press. p. 14. ISBN 9781139449083.

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