Ranjeet Bhartiya 20/02/2023

Last Updated on 13/03/2023 by Sarvan Kumar

कायस्थ भारत में पाई जाने वाला एक महत्वपूर्ण समुदाय है जिसे परंपरागत रूप से लेखक जाति  (writing castes) के रूप में जाना जाता है. उत्तर भारत में इस समुदाय की अच्छी खासी संख्या है. लेकिन यह समुदाय केवल उत्तर भारत में ही सीमित नहीं है. यह समुदाय भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मौजूद है. यहां हम जानेंगे कि कायस्थ को काबू में कैसे करें.

कायस्थ को कैसे काबू में कैसे करें?

इससे पहले कि हम कायस्थों को नियंत्रित करने के तरीकों पर चर्चा करें, इस समुदाय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों, गुणों और प्रवृत्तियों के बारे में जानना जरूरी है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है-

•इस समुदाय के लोग यमलोक में मनुष्य के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाले लेखपाल के रूप में वर्णित हिन्दू देवता भगवान चित्रगुप्त को अपना मूल पुरुष मानते हैं. कायस्थों को ऐतिहासिक रूप से प्रशासकों, मंत्रियों और रिकॉर्ड रखने वालों की जाति के रूप में मान्यता प्राप्त है.

•इस समुदाय के लोग हमेशा सत्ता के करीब रहे हैं. राजाओं के यहां मुनीमगिरी का कार्य प्राचीन काल से ही इस कौम के लोग करते रहे हैं. मुगल काल के दौरान और बाद में ब्रिटिश शासन के दौरान, इस समुदाय के लोग विश्वसनीय प्रशासक के रूप में उभरे. मुगल बादशाह अकबर के मंत्री टोडरमल इसी समाज के थे.

•इस समाज ने देश को अनेक क्रांतिकारी, राजनेता, लेखक, कवि, पत्रकार, संपादक, दार्शनिक, इतिहासकार, वैज्ञानिक, प्रशासक दिए हैं. स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, श्री अरबिंदो, राजेंद्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, मुंशी प्रेमचंद, हरिवंश राय बच्चन, महादेवी वर्मा,, जगदीश चंद्र बोस, बीजू पटनायक आदि कायस्थ समाज के हैं.

•कायस्थों में भी बड़ी संख्या में नौकरीपेशा लोग हैं. कायस्थों के स्वभाव में व्यापार या खेती बहुत कम रही है. वर्तमान समय में कायस्थ जाति को बहुत ही शिक्षित, अनुशासित, बौद्धिक और संस्कारी माना जाता है, जो अपने प्रशासनिक कौशल के लिए प्रसिद्ध है. इस समुदाय के लोगों की हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपस्थिति है.उपरोक्त विश्लेषण से स्पष्ट है कि यह समुदाय हर मामले में मजबूत है. एक शिक्षित, समझदार और सशक्त समुदाय होने के  कारण इन्हें आमतौर पर साम-दाम-दंड-भेद आदि सामान्य तरीकों से काबू नहीं किया जा सकता है. लेकिन फिर भी सम्मान और प्रशंसा किसे पसंद नहीं है. कायस्थ समाज के लोग आमतौर पर सज्जन माने जाते हैं. इसलिए प्रेम, प्रशंसा, आदर और सम्मान देकर इनका दिल जीता जा सकता है.

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