
Last Updated on 09/07/2023 by Sarvan Kumar
ब्राह्मण समुदाय एक अखंड समूह (monolithic group) नहीं है. ब्राह्मण जाति के भीतर, विभिन्न क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय समूह हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है. कान्यकुब्ज ब्राह्मण एक ऐसा क्षेत्रीय समूह है जो मुख्य रूप से भारत के उत्तरी क्षेत्रों में केंद्रित है. इसी क्रम में यहां हम कान्यकुब्ज ब्राह्मण वंशावली के बारे में जानेंगे.
कान्यकुब्ज ब्राह्मण वंशावली
कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की वंशावली (Kanyakubja Brahmin Genealogy) जानने से पहले आइए इस सम्प्रदाय की पृष्ठभूमि के बारे में संक्षेप में जान लेते हैं. भूगोल के आधार पर ब्राह्मण समुदाय को दो प्रमुख समूहों में विभाजित किया जा सकता है: पंच गौड़ यानी उत्तर भारतीय ब्राह्मण और पंच द्रविण यानी दक्षिण भारतीय ब्राह्मण. पंच गौड़ ब्राह्मण समूह में पाँच ब्राह्मण समुदाय शामिल हैं: सारस्वत, गौड़, उत्कल, मैथिल और कान्यकुब्ज. इस तरह हम देखते हैं कि कान्यकुब्ज ब्राह्मणों को पंच गौड़ ब्राह्मण समुदायों में से एक के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
कान्यकुब्ज ब्राह्मणों को उत्तर भारत के प्रमुख ब्राह्मण समूहों में से एक माना जाता है. उनकी महत्वपूर्ण आबादी वाले क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, असम और त्रिपुरा शामिल हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में उन्हें ब्राह्मणों का सर्वोच्च वर्ग माना जाता है. ब्राह्मणों के इस उपसमूह में कई प्रसिद्ध व्यक्तियों ने जन्म लिया है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे.
आइए अब इस लेख के मुख्य विषय पर आते हैं और कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की वंशावली के बारे में जानते हैं.
कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की वंशावली मुख्य रूप से “गोत्र” की अवधारणा पर आधारित है, जो वंश या कुल संबद्धता को संदर्भित करता है. प्रत्येक व्यक्ति एक विशिष्ट गोत्र से संबंध रखता है, जिसे एक सामान्य पूर्वज से उत्पन्न माना जाता है. गोत्र प्रणाली ब्राह्मण पहचान का एक महत्वपूर्ण पहलू है और वैवाहिक गठबंधन और सामाजिक संबंधों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
कान्यकुब्ज ब्राह्मणों के कुछ प्रसिद्ध गोत्र इस प्रकार हैं:
1. कश्यप
2. शांडिल्य
3. कात्यायन
4. भरद्वाज
5. उपमन्यु
6. संस्कृत
7. गर्ग
8. गौतम
9. धनंजय
10. वत्स
11. वशिष्ठ
12. कौशिक
13. कविस्त
14. पाराशर.
References:
•Upinder Singh (2008). A History of Ancient and Early Medieval India. Pearson Education India. p. 575. ISBN 9788131711200.
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•Kumar Suresh Singh (2008). People of India: Bihar (2 pts.). Anthropological Survey of India. p. 447. ISBN 9788170463023.
•N.K Singh (31 May 1996). “Atal Bihari Vajpayee: A private person with strong dislikes and few close friends”. India Today.
•Braham Rishi Angira Aur Jangid Brahman
By P. Jai Bhagwan Jangid

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