
Last Updated on 20/04/2020 by Sarvan Kumar
17 जून 2019 झारखंड का सरायकेला खरसावां जगह, एक मॉब लिंचिंग होती है। इसमें एक आदमी मारा जाता है इसके मरने के बाद चारों ओर हाहाकार मच जाता है। बुद्धिजीवियों को डर सताने लगता है सेलिब्रिटी सोशल मीडिया पर बाल्टी भर -भर के रोना शुरू कर देते हैं। कुछ मीडिया हाउस जोर -जोर से चीख चिल्ला सरकार के विरुद्ध आग उगलना शुरू कर देते हैं।
एक दूसरी घटना 16 अप्रैल 2020 को होती है जिसमे तीन लोगों को पीट- पीट कर मार दिया जाता है। यह घटना महाराष्ट्र के पालघर के पास होता है। इस घटना पर कोई कुछ नही बोलता, मीडिया इसे एक आम घटना की तरह 10 लाइन की आर्टिकल छापकर अपना कर्तव्य पूरा कर लेती है। किसी को डर नहीं सताता कोई भी देश छोड़ने की बात नहीं करता।
आखिर ऐसा क्यों हुआ इसको समझने के लिए इन दोनों घटनाओं में मारे गए लोगों के बस नाम जान लीजिए आपको खुद-ब-खुद समझ में आ जाएगा। सरायकेला खरसावां में मारा गया आदमी का नाम था तबरेज अंसारी और पालघर में मारे गए लोगों के नाम है सुशीलगिरी महाराज, निलेश तेलगड़े और जयेश तेलगड़े। इनमें दो साधू और एक ड्राइवर है।
एक वर्ग के लोगों के साथ जब कोई छोटी या बड़ी घटना होती है मुद्दा बना दिया जाता है वहीं दूसरे वर्ग पर हुआ बड़े से बड़े हमला को भी एक आम घटना मान लिया जाता है।
क्या है पालघर मॉब लिंचिंग?
इको वैन में तीन लोग मुंबई से नासिक जा रहे थे, इसमें दो साधू और उनका ड्राइवर था। पालघर जिले में दाभडी खानवेल रोड स्थित एक आदिवासी गांव में 200 लोगों ने इन तीनों को लुटेरा समझकर पीट -पीट कर मार दिया ।
तबरेज अंसारी लिंचिंग
तबरेज को बाइक चोरी के आरोप में भीड़ ने पीट -पीट कर मार डाला था। उसकी हत्या पर शोर मचाया गया कि उसे हिन्दू भीड़़ ने जय श्री राम के नारे लगाते हुए बस मुस्लिम होने के कारण मार डाला। इस घटना को पूरा साम्प्रदायिक रंग दियाा गया।
पालघर लिंचिंग पर अगर कोई सवाल खड़ा करता है तो उसे BJP का IT cell बता दिया जाता है। उन्हे सलाह दी जाती है कि वे इस घटना को हिन्दू-मुस्लिम रंग ना दे। जैसा कि पत्रकारों के महाराजाधिराज रवीश कुमार लिखते हैं
पालघर के बारे में मैं चुप नहीं था, सांप्रदायिकों का गिरोह कुछ ज़्यादा सक्रिय था
अब वे बतायेंगे कि तबरेज मामले को साम्प्रदायिक रंग क्यों दिया गया। दोनों हीं घटनाएं एक आपराधिक घटना थी और किसी भी को साम्प्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए।

Disclosure: Some of the links below are affiliate links, meaning that at no additional cost to you, I will receive a commission if you click through and make a purchase. For more information, read our full affiliate disclosure here. |