
Last Updated on 12/11/2022 by Sarvan Kumar
एक स्थायी नौकरशाही के रूप में, सिविल सेवा को देश की प्रशासनिक मशीनरी का रीढ़ माना जाता है. सिविल सेवा परीक्षा भारत में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) सहित भारत सरकार की उच्च सिविल सेवाओं में भर्ती के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षा है. सिविल सेवा परीक्षा में हर साल सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग और एससी-एसटी वर्ग के लाखों छात्र भाग लेते हैं. लेकिन उनमें से कुछ ही इस कठिन परीक्षा को पास कर पाते हैं. आइए इसी क्रम में जानते हैं एससी-एसटी आईएएस अधिकारियों के बारे में.
SC/ST IAS officers
संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक और अपेक्षा दृष्टि से वंचित समूह को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया गया है. आजादी के बाद इन उपेक्षित समुदायों के कल्याण, जीवन स्तर में सुधार और आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक उत्थान हेतु सरकार द्वारा योजनाएं संचालित की जा रही हैं. साथ ही इन वर्गों के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान है ताकि इन क्षेत्रों में उनका प्रतिनिधित्व बढ़े. इन समुदायों में शिक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता और सरकार के प्रणालीगत सकारात्मक प्रयासों के कारण प्रशासनिक सेवाओं में अनुसूचित जाति समुदाय के प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इसी क्रम में हम यहां एस/एसटी समुदाय के उल्लेखनीय अधिकारियों के बारे में बता रहे हैं-
अचूतानंद दास
आपके मन में यह जिज्ञासा जरूर होगी कि देश के पहले एससी-एसटी आईएएस अधिकारी अधिकारी कौन थे? तो इसका जवाब है- अचूतानंद दास. साल 1950 में पहली बार यूपीएससी ने सिविल सर्विस की परीक्षा करायी थी. अचूतानंद दास देश के पहले SC आईएएस अधिकारी बने थे. उनके सफलता की कहानी दिलचस्प है. उन्होंने लिखित परीक्षा में टॉप किया था.
माता प्रसाद
माता प्रसाद एक सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं. वह आईएएस अधिकारी बनने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पहले लोगों में से एक थे. उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया. वह अनुसूचित जाति के पहले अधिकारी थे जिन्होंने राज्य की नौकरशाही का नेतृत्व किया था.
बृज लाल
1977 बैच के IPS अधिकारी मायावती सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक थे. वह उत्तर कोली समुदाय से आते हैं. कई वीरता पुरस्कारों से सम्मानित बृजलाल को एक सख्त प्रशासनिक अधिकारी माना जाता था. उन्होंने उत्तर प्रदेश में माफियाओं और डकैतों के खिलाफ कई सफल अभियानो का नेतृत्व किया था, जिसके कारण अपराधी उनके नाम से खौफ खाते थे.
टीना डाबी
यहां पर टीना डाबी के नाम का उल्लेख करना अत्यंत ही जरूरी है. डाबी यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाली पहली दलित महिला हैं. उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा-2015 में टॉप किया था.

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