Ranjeet Bhartiya 02/04/2023
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Last Updated on 02/04/2023 by Sarvan Kumar

हिन्दू धर्म ग्रंथों में 16 संस्कारों का वर्णन किया गया है. इन 16 संस्कारों में विवाह भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण संस्कार है. हिंदू धर्म में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है. भारतीय हिन्दू दर्शन में विवाह दो व्यक्तियों के बीच एक अनुबंध नहीं है बल्कि एक ऐसी संस्था है जिसके माध्यम से पति-पत्नी के स्थाई संबंध का निर्माण होता है. भारत में शादी के लिए कई जरूरी बातों का ध्यान रखा जाता है. यहां हम जानेंगे कि सेन समुदाय के लोग अपनी लड़कियों की शादी के लिए किन बातों का ध्यान रखते हैं.

इस लेख के मुख्य विषयवस्तु पर आने से पहले आइए सेन समाज के बारे में जान देते हैं. सेन समाज/ सैन समाज पूरे भारत में फैला हुआ है विभिन्न भागों में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे कि नाई, सविता समाज, नाई-ब्राह्मण, नापित, बरिका और भंडारी आदि. इस समुदाय के अधिकांश लोग अभी भी आजीविका के लिए अपने पारंपरिक व्यवसाय पर अत्यधिक निर्भर हैं. इनमें से अधिकांश के पास खेती के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है और स्वरोजगार की ओर बढ़ने के लिए पूंजी की कमी है. परिणामतः यह समुदाय अपनी वर्तमान परिस्थितियों में बड़े पैमाने पर आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक एवं राजनीतिक पिछड़ेपन का शिकार है.

अन्य हिंदू जातियों की तरह सेन समुदाय के लोग भी विवाह को अनिवार्य मानते हैं. इनमें से अधिकांश शादियां माता-पिता द्वारा तय की जाती हैं, जिसे हम अरेंज्ड मैरिज के नाम से जानते हैं. इनके विवाह के रीति-रिवाज भी अन्य हिंदू जातियों के समान हैं. आमतौर पर लड़के और लड़कियों की शादी जल्दी कर दी जाती है और इनमें से अधिकांश अपनी शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाते. सेन समाज में आमतौर पर लड़कियों की शादी लड़कों से पहले कर दी जाती है और इनमें से ज्यादातर तो अपनी स्कूली शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या और भी विकराल है.

लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है और इस समुदाय के लोग अब शिक्षा के प्रति जागरूक होने लगे हैं. देश के कई भागों जैसे कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के नीमच, मंदसौर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़ और बूंदी जिले में सेन समाज में युवक-युवती के विवाह तभी होते हैं, जब वे हायर सेकंडरी की परीक्षा पास कर लेते हैं.
वैवाहिक संबंधित तय करने से पहले सेन समाज के लोग लड़का-लड़की के शिक्षा से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करते हैं. विवाह के लिए बकायदा 12वीं पास का सर्टिफिकेट देखा जाता है. उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में स्थिति और बदलेगी और सेन समुदाय के लोग अपनी लड़कियों को पूरी तरह शिक्षित करके और सशक्त बनाने के बाद ही उनकी शादी कराएंगे.


References:

•https://www.bhaskar.com/news/MP-IND-HMU-12th-pass-for-marriage-in-sens-society-is-important-5609230-NOR.html

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