Sarvan Kumar 01/05/2018
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Last Updated on 14/04/2020 by Sarvan Kumar

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के परिणाम आ गए हैं. टॉपर्स का कहना है कि सोशल मीडिया, मोबाइल फोन और टीवी से दूरी, नियमित और एकाग्रचित होकर पढ़ाई और रिवीजन है उनके सफलता का राज. यूपी बोर्ड में अंजलि वर्मा 10वीं की टॉपर बनीं. वहीं 12वीं में आकाश मौर्य और रजनीश शुक्ला संयुक्त रूप से टॉप रहे.

इंटरमीडिएट में टॉप करने वाले बाराबंकी के आकाश मौर्य का कहना है कि, ‘मेरे कई साथियों के पास अच्छे मोबाइल फोन हैं लेकिन मैंने इस शौक को कभी अपने आस पास नहीं फटकने दिया. मैं जानता था कि इससे सिर्फ समय की बर्बादी होगी। सोशल मीडिया से भी दूरी बनाए रखी. इससे मेरा मन कभी भटका नहीं. मैंने नियमित और एकाग्रचित होकर पढ़ाई की.

वहीं, हाईस्कूल की टॉपर अंजलि वर्मा ने बताया, ‘अगर मेरा मन किसी किताब को पढ़ने का है और वह मुझे नहीं मिलती तो मैं बेचैन हो जाती हूं. मैं सोशल मीडिया और टीवी से दूर ही रहती हूं.’

मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट आज हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है. मोबाइल, इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के हम इतने आदी हो चुके हैं की अगर कुछ दिन य़ा कुछ घंटे इनसे दूर रहें तो एक कमी से महसूस होने लगती है.

अगर किशोर और युवा वर्ग की बात करें तो छात्र-छात्राएं 24 घंटे में 12-16 घंटो तक या तो इन साइट्स पर ऑनलाइन रहते हैं या फिर दिन रात मोबाइल फ़ोन पर लगे रहते हैं.

लेकिन अगर हम अपने अंदर झांककर देखें, खुद के बारे में थोड़ा विश्लेषण करें तो हम पाएंगे की मोबाइल, सोशल साइट्स, इंटरनेट से घिरे होने के बाद भी हमारे जीवन में एक अकेलापन है, जो धीरे धीरे हमारे अंदर डिप्रेशन को पैदा कर देता है।

मोबाइल फ़ोन, सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप आदि से दिन भर घिरे रहना हमारे लिए हानिकारक है. इसके कुछ दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं-

सोशल मीडिया का बुरा प्रभाव 

1. समय की बर्बादी

समय बहुत महत्वपूर्ण है, हमें अपने सारे कार्यों को एक दिये गए समय सीमा के अंदर करने होते हैं.ऐसे में दिन – रात मोबाइल फ़ोन, सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप उपयोग करने से समय की बर्बादी होती है, हमारे जरूरी काम अधूरे रह जाते हैं.

2. तनाव 

जब जरूरी काम अधूरे रह जाते हैं तो धीरे -धीरे काम का बोझ बढ़ने लगता है. अगर हम फिर भी ना संभले तो काम का बोझ इतना बढ़ जाता है की हम उसे तय समय सीमा के अंदर नही कर पाते और तनाव में आ जाते हैं.

3. एकाग्रता पर बुरा प्रभाव

फ़ोन, सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप के उपयोग से हम एकाग्रता खोने लगते हैं. ये भी देखा गया है की किशोर और युवा रात रात भर फ़ोन, सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप का प्रयोग करते हैं ज़िसके कारण वो ठीक से सो भी नही पाते. इन सबका प्रतिकुल प्रभाव हमारे मेमोरी पावर पर पड़ता है.

4. डिप्रेशन

फेसबुक पर कई लोग ऐसे होते हैं जो कुछ भी बोल देते हैं जो हमको पसंद नहीं होता है. फिर हम तनाव में आ जाते हैं, हमारा मूड ख़राब हो जाता है ज़िससे जरूरी कामों पर भी इसका असर पड़ता है. देखा गया है की बार -बार मूड खराब होने से य़ा दूसरो के प्रति ईर्ष्या भाव होने से हम डिप्रेशन तक के शिकार हो सकते हैं .

 

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