
Last Updated on 04/09/2022 by Sarvan Kumar
“बनिया” शब्द का एक लाक्षणिक अर्थ होता है- “स्वार्थी व्यक्ति”. तो क्या सच में वैश्य/बनिया समुदाय के लोग स्वार्थी होते हैं? आइए विस्तार से जानते हैं.
क्या बनिया स्वार्थी होते हैं?
इस आर्टिकल के मूल विषय को समझने के लिए हमें दो बातों के बारे में विस्तार से जानना होगा- शब्दों के लाक्षणिक अर्थ तथा स्वार्थी शब्द का मतलब.
शब्दों के लाक्षणिक अर्थ
एक शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं, जैसे कि शाब्दिक अर्थ और लाक्षणिक अर्थ. शाब्दिक अर्थ (Literal meaning) किसी शब्द के पारंपरिक रूप से स्वीकृत अर्थ बताता है. वहीं, लाक्षणिक अर्थ (Figurative) या गैर-शाब्दिक अर्थ (non-literal) किसी शब्द के जटिल अर्थ को बताता है जो उस शब्द के पारंपरिक रूप से स्वीकृत परिभाषाओं से अलग होता है. लाक्षणिक/अलंकारिक अर्थ शाब्दिक अर्थ की तुलना में किसी शब्द को अधिक अमूर्त या कल्पनाशील अर्थ देता है.
स्वार्थी शब्द का अर्थ
स्वार्थी शब्द का अर्थ है केवल अपनी जरूरतों या इच्छाओं के बारे में सोचना और दूसरों के बारे में नहीं सोचना यानी कि खुदगर्ज या मतलबी. अपने स्वयं के कल्याण, लाभ, सुख या हितों पर ध्यान देना या ध्यान केंद्रित करना और दूसरों के लिए बहुत कम या कोई चिंता नहीं करना; यानी कि आत्म केन्द्रित (self-centered) व्यक्ति. स्वार्थ (Selfishness) के विपरीत अर्थ वाले शब्द हैं -परोपकार या निस्वार्थता (altruism or selflessness). बीसवीं शताब्दी के बौद्धिक दिग्गजों और अपने दौर के सबसे प्रभावशाली लेखकों में से एक C. S. Lewis (1898-1963)ने भी स्वार्थी शब्द की तुलना आत्म-केंद्रितता (self-centeredness) के साथ की है. मनोवैज्ञानिक दृष्टि से, सहानुभूति की कमी को स्वार्थ की जड़ों में से एक के रूप में देखा गया है. अब प्रश्न यह उठता है कि क्या स्वार्थी होना एक नकारात्मक गुण है? क्या स्वार्थी होना दूसरों को नुकसान पहुँचाना है? तो इसका स्पष्ट उत्तर है- नहीं. उपरोक्त विश्लेषण से स्पष्ट है कि स्वार्थी होने का मतलब है अपनी जरूरतों या इच्छाओं के बारे में सोचना. स्वार्थी होने का अर्थ है आत्म केंद्रित होना या आत्म जागरूक
(self conscious) होना. लोग अपनी सुविधा के अनुसार एक शब्द के कई अर्थ निकाल सकते हैं लेकिन इस बात का कहीं उल्लेख नहीं किया गया है कि स्वार्थी होने का मतलब दूसरों को नुकसान पहुंचाना है. इसीलिए स्वार्थी कहे जाने पर ना ही हमें आहत होना (offend) चाहिए, ना रक्षात्मक (defensive) होना चाहिए. सत्य है कि पृथ्वी पर निवास करने वाला व्यक्ति स्वार्थी है. हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां किसी बात के लिए ना कहने को स्वार्थी माना जाता है. खुद की देखभाल करने, आत्म केंद्रित होने, लोगों की अपेक्षाओं को तोड़ने, अपनी रक्षा करने, खुद से प्रेम करने और किसी को नुकसान पहुंचाए बिना अपने भले के लिए काम करने को भी स्वार्थी समझा जाता है. हमें सिद्धांतिक रूप से स्वार्थी नहीं होना सिखाया जाता है जो समाज के पाखंड को उजागर करता है. आपकी खुशी और भलाई की जिम्मेदारी केवल आपके कंधों पर है और इस तरह स्वार्थी होना अपने आप में एक तारीफ है. अगर कोई आपको स्वार्थी कहता है तो इसका मतलब है कि आप आत्मकेंद्रित हैं और अपनी भलाई के लिए काम कर रहे हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है स्वार्थी होना एक सहज प्रवृत्ति है.
बनिया समुदाय की बात करें तो इस समुदाय के लोग अपने व्यवसाय के मामले में बहुत समर्पित होते हैं. वे अपने व्यवसाय में इतने आत्मकेंद्रित और लीन रहते हैं कि आम तौर पर उन सभी चीजों को नजरअंदाज करते हैं जो उन्हें अनावश्यक और अनुत्पादक लगती हैं. यह अपने समय की कीमत को पहचानते हैं तथा जो चीज इन्हें फायदेमंद नहीं लगती हैं, उसे ना बोलने से नहीं कतराते हैं. अपने मेहनत, लगन और व्यवसाय के प्रति समर्पण के कारण बनिया समुदाय के लोग आर्थिक रूप से समृद्ध रहे हैं और इस समुदाय की गिनती देश के समृद्ध समुदायों में की जाती है. अपने व्यवसाय पर अत्यधिक आत्मकेंद्रित होने के कारण इस समुदाय के लोग गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं. लोग इन्हें स्वार्थी मानने लगते हैं जो कि सच नहीं है. इतना ही नहीं, बनिया समुदाय के लोग अपने परोपकारिता के लिए भी जाने जाते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जहां इस समुदाय के लोगों ने गरीबों के कल्याण के लिए अपनी करोड़ों की संपत्ति दान कर दी है. स्पष्ट है कि अपने जीवन भर की कमाई दान कर देने वाला समुदाय स्वार्थी नहीं हो सकता!
References;
•https://www.merriam-webster.com/dictionary/selfish
•C.S. Lewis, Surprised by Joy (1988) pp. 116–17
•D. Goleman, Emotional Intelligence (1996) pp. 104–10
•https://www.aajtak.in/india/uttar-pradesh/story/doctor-arvind-kumar-goyal-donated-600rs-crore-wealth-moradabad-uttar-pradesh-lcl-1502871-2022-07-20


Shopping With us and Get Heavy Discount Click Here |
Disclaimer: Is content में दी गई जानकारी Internet sources, Digital News papers, Books और विभिन्न धर्म ग्रंथो के आधार पर ली गई है. Content को अपने बुद्धी विवेक से समझे। jankaritoday.com, content में लिखी सत्यता को प्रमाणित नही करता। अगर आपको कोई आपत्ति है तो हमें लिखें , ताकि हम सुधार कर सके। हमारा Mail ID है jankaritoday@gmail.com. अगर आपको हमारा कंटेंट पसंद आता है तो कमेंट करें, लाइक करें और शेयर करें। धन्यवाद Read Legal Disclaimer |