मध्य प्रदेश का राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. अभी तक कांग्रेस 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. ज्योतिराज सिंधिया के इस्तीफे के साथ यह साफ हो गया है की कमलनाथ की सरकार जाने वाली है. इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंधिया खेमे के 6 मंत्रियों को मंत्रिमंडल से निकालने की सिफारिश की है
इमरती देवी:
कमलनाथ सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री रहीं इमरती देवी को ज्योतिरादित्य सिंधिया का कट्टर समर्थक माना जाता है. वह ग्वालियर जिले के डाबरा विधानसभा क्षेत्र से 2008 के बाद लगातार विधायक रही हैं. यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित है. 2019 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंच से भाषण नहीं पढ़ पाने के कारण इमरती देवी को सोशल मीडिया पर काफी फजीहत का सामना करना पड़ा था.
तुलसीराम सिलावट
समर्थकों के बीच तुलसी भैया के नाम से जाने जाने वाले तुलसी सिलावट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अपने थे. वह इंदौर जिले के अंतर्गत आने वाले सांवेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित है. सिलावट 1985 में पहली बार विधायक बनें.
गोविंद सिंह राजपूत
ज्योतिरादित्य सिंधिया के विश्वासपात्र गोविंद सिंह राजपूत कमलनाथ सरकार में राजस्व एवं परिवहन मंत्री थे. वह सागर जिले के खुरखी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य तथा मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव रहे राजपूत पहली बार 2003 में विधायक बनें.
महेंद्र सिंह सिसोदिया
बमोरी (गुना) विधानसभा सीट से विधायक महेंद्र सिंह सिसोदिया कमलनाथ सरकार में श्रम मंत्री थे. सिसोदिया को ज्योतिराज सिंधिया का निष्ठावान सिपाही माना जाता है. कुछ दिन पहले मीडिया से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा था-‘अगर ज्योतिराज सिंधिया का अनादर हुआ तो कमलनाथ सरकार संकट में आ जाएगी’. इतना ही नहीं सिसोदिया ने यहां तक कहा था कि ‘मैं सिंधिया जी का चमचा हूं, राजनीति छोड़ दूंगा पर उनको नहीं.’
प्रद्युमन सिंह तोमर
प्रदुमन सिंह तोमर कमलनाथ सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री थे. 1984 में अपने राजनीतिक कैरियर का आगाज करने वाले तोमर 2008 में पहली बार विधायक बनें. वर्तमान में तोमर ग्वालियर विधानसभा सीट से विधायक हैं.
डॉ प्रभुराम चौधरी
प्रभु राम चौधरी कमलनाथ सरकार में स्कूली शिक्षा मंत्री थे. वर्तमान में वह रायसेन जिले के सांची विधानसभा सीट से विधायक हैं. डॉ चौधरी पहली बार 1985 में आठवीं विधानसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे. वह कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के सदस्य, मध्य प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति एवं जनजाति प्रभाव के संयोजक तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं.