Ranjeet Bhartiya 29/04/2023
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Last Updated on 29/04/2023 by Sarvan Kumar

भारत पर ब्रिटिश शासन हिंसा, क्रूरता, रंगभेद और शोषण की कहानियों से भरा पड़ा है. अंग्रेजों ने लगभग 200 वर्षों तक भारत पर शासन किया. इस दौरान अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों और अत्याचारों के कारण करोड़ों भारतीयों को अपनी जान गंवानी पड़ी. एक लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार 1947 में भारत गुलामी की जंजीरों से मुक्त हुआ. भारत को आजादी दिलाने में सभी समुदायों के स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी. यहां हम प्रमुख ब्राह्मण क्रांतिकारियों के नाम के बारे में जानेंगे.

ब्राह्मण क्रांतिकारी के नाम

इस लेख के मुख्य विषय पर बात करने से पहले यह बताना जरूरी है कि ब्रिटिश शासन के दौरान आजादी की बात करना अपराध समझा जाता था. आजादी की बात करने वालों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता था. लोगों के मन में डर पैदा करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को सरेआम फांसी पर लटका दिया जाता था. लेकिन देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत क्रांतिकारियों की कोई कमी नहीं थी, जिन्हें न तो अंग्रेजों की प्रताड़ना की परवाह थी और न ही अपनी जान की चिंता. वह देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने को तैयार रहते थे. इसमें ब्राह्मण समाज के लोग भी शामिल थे.

ब्राह्मणों को आध्यात्मिक ज्ञान का अग्रदूत माना जाता है. लेकिन इतिहास गवाह है कि जब भी देश पर संकट आया ब्राह्मण समाज के लोग देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से पीछे नहीं हटे. स्वतंत्रता आंदोलन में ब्राह्मण क्रांतिकारियों का भी अहम योगदान था.
देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ने वाले मंगल पांडे और तात्या टोपे जैसे वीरों के योगदान को कौन भूल सकता है. ब्राह्मण क्रांतिकारियों की सूची बहुत लंबी है. यहां हम कुछ चुनिंदा ब्राह्मण क्रांतिकारियों के नाम दे रहे हैं-

•तात्या टोपे (16 फरवरी 1814 – 18 अप्रैल 1859)

•रानी लक्ष्मीबाई (19 नवंबर 1828 – 18 जून 1858)

•मंगल पांडे (मृत्यु- 8 अप्रैल 1857)

•चन्द्रशेखर आज़ाद/चंद्रशेखर तिवारी (23 जुलाई 1906 — 27 फ़रवरी 1931)

•वासुदेव बलवंत फडके (4 नवम्बर 1845 – 17 फ़रवरी 1883)

•वासुदेव गणेश जोशी (28 अप्रैल 1856 – 12 जनवरी 1944)

•प्रद्युत कुमार भट्टाचार्य (3 नवम्बर 1913 – 12 जनवरी 1933)

•जतीन्द्रनाथ मुखर्जी/बाघा जतीन (7 दिसम्बर 1879 – 10 सितम्बर 1915)

•योगेन्द्र शुक्ल (1896 – 19 नवम्बर 1960)

•पं॰ गेंदालाल दीक्षित (30 नवम्बर 1888 – 21 दिसम्बर 1920)

•चापेकर ब्रदर्स: दामोदर हरि चापेकर (25 जून 1869 – 18 अप्रैल 1898), बालकृष्ण हरि चापेकर (1873 – 12 मई 1899, जिन्हें बापूराव भी कहा जाता है) और वासुदेव हरि चापेकर (1880 – 8 मई 1899)

•पंडित कांशीराम (13 अक्टूबर 1883 – 27 मार्च 1915)

•राजनारायण मिश्र (मृत्यु- 9 दिसंबर 1944)

•भाई बालमुकुंद (1889 – 8 मई 1915)

•पंडित राम राखा (1884-1919)

•दुर्गावती देवी (7 अक्टूबर 1907 – 15 अक्टूबर 1999)

•गोपाल कृष्ण गोखले (9 मई 1866 – 19 फरवरी 1915)

•इंदुलाल याग्निक (22 फरवरी 1892 – 17 जुलाई 1972)

•कमलादेवी चट्टोपाध्याय (3 अप्रैल 1903 – 29 अक्टूबर 1988)

•कृष्ण नाथ सरमाह (1887-1947)

•अनंत लक्ष्मण कान्हेरे (7 जनवरी 1892, आयानी, भारत – 19 अप्रैल 1910)

•नारायण सुब्बाराव हार्दिकर (7 मई 1889 – 26 अगस्त 1975)

•वपिंगली वेंकय्या (2 अगस्त 1876/8- 4 जुलाई 1963)

•जीबन घोषाल उर्फ ​​माखनलाल (26 जून 1912 – 1 सितंबर 1930)

•राजेंद्र नाथ लाहिड़ी (29 जून 1901 – 17 दिसंबर 1927)

•शिवराम हरि राजगुरु (24 अगस्त 1908 – 23 मार्च 1931)

•वनचिनाथ अय्यर (1886 – 17 जून 1911)

•सुब्रमण्य शिवा (4 अक्टूबर 1884 – 23 जुलाई 1925)

•बापू गोखले (1777 – 19 फरवरी, 1818)

•तगादुरु रामचंद्र राव (1898 – 1989)

•जयकृष्ण राजगुरु महापात्र/ जय राजगुरु
(29 अक्टूबर 1739 – 6 दिसंबर 1806)

•चंदन हजूरी (20 जनवरी 1827 – 1870)

•भोगीलाल पंड्या (1904-1981)


References:

•Pal, Dharm (1955). Tatya Tope, the Hero of India’s First War of Independence, 1857–1859. Hindustan Times. p. 10.

•Harper, Tim (12 January 2021). Underground Asia: Global Revolutionaries and the Assault on Empire. Harvard University Press. ISBN 978-0-674-72461-7.

•”Chapekar Brothers”. map.sahapedia.org.

•”Haileybury Roll of Honour: India 1920s”. Haileybury School website.

•”Who was Kamaladevi Chattopadhyay?”. The Indian Express. 3 April 2018.

•”This Forgotten Assam Freedom Fighter Opened Schools for Dalits, Marched in Dandi!”. The Better India. 15 October 2019.

•”Remembering the Legendary Heroes of Chittagong”. pib.nic.in.

•”Remembering Rajendranath Lahiri, the Revolutionary Who Threw Away His ‘Sacred’ Thread”. The Wire. Retrieved 11 July 2021.

•Grewal, Kairvy (23 July 2019). “Subramaniya Siva, Tamil nationalist who fought for purity in the language”.

•”Remembering Tagadur Ramachandra Rao: ‘Father of political unrest in Princely Mysore'”. Star of Mysore. 30 December 2020.

•Prafulla Kumar Pattanaik (1 January 2005). The First Indian War of Independence: Freedom Movement in Orissa, 1804–1825. APH Publishing. pp. 23–. ISBN 978-81-7648-911-9

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