
Last Updated on 08/01/2022 by Sarvan Kumar
चूड़ीहार या चुरिहार (Churihar) भारत में पाई जाने वाली एक मुस्लिम जाति समुदाय है. पारंपरिक रूप से इनका मुख्य पेशा चूड़ियां बनाना और बेचना रहा है. समय के साथ कई बदलाव हुए और चूड़ियों का निर्माण बड़े-बड़े कारखानों में किया जाने लगा. फलस्वरूप, अन्य व्यावसायिक और कारीगर जातियों के भांति चूड़ीहारो के पारंपरिक व्यवसाय में भी गिरावट दर्ज की गई. जीवन निर्वाह के लिए यह अपने परंपरागत व्यवसाय को छोड़कर दूसरे काम करने लगे. इनमें से कुछ किसान और व्यापारी बन गए. वर्तमान में शिक्षा, जागरूकता और तत्परता के अभाव में इस समुदाय की विकास की रफ्तार बहुत धीमी हैं. आइए जानते हैं चूड़ीहार समाज का इतिहास, चूड़ीहार शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?
चूड़ीहार समाज एक परिचय
भारत सरकार की सकारात्मक भेदभाव के प्रणाली आरक्षण के तहत इन्हें बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Class, OBC) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. यह मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में पाए जाते हैं. बिहार में मुख्य रूप से भागलपुर, गया, मुंगेर और पटना जिलों में पाए जाते हैं. उत्तर प्रदेश में यह मुख्य रूप से आगरा, मथुरा, प्रयागराज, ललितपुर और झांसी जिलों में निवास करते हैं. झारखंड के दुमका जिले में इनकी आबादी है. धर्म से यह मुसलमान होते हैं और सुन्नी इस्लाम का पालन करते हैं. चूड़ीहार समुदाय अनेक कुलों में विभाजित है, जिसे बिरादरी के नाम से जाना जाता है. आमतौर पर इनमें बिरादरी के अंदर ही शादियां करने की परंपरा है.यह हिंदी, उर्दू और हिंदी की स्थानीय बोलियाँ बोलते हैं, जैसे- खड़ी बोली, अंगिका आदि.
चूड़ीहार की उत्पत्ति कैसे हुई?
चूड़ीहार शब्द की उत्पत्ति हिंदी के शब्द “चूड़ी+हारा” से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ है-“चूड़ियां बनाने वाले या चूड़ियों के निर्माता”.अधिकांश चूड़ीहार शेख होने का दावा करते हैं. इनकी उत्पत्ति के बारे में किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं है. चूड़ियां बनाने के उनके पारंपरिक कार्य से जुड़े होने के कारण ही इनका नाम चूड़ीहार पड़ा. इस बात की प्रबल संभावना है कि चूड़ीहार समुदाय विभिन्न समूहों का सम्मिश्रण है, जिन्होंने चूड़ियां बनाने के कार्य को पारंपरिक पेशे के रूप में अपना लिया था. कालांतर में यह सजातीय विवाह (endogamy) के नियमों के बंधन में बंध गए, इस तरह से यह एक जाति के रूप में जाने जाने लगे. एक अन्य सिद्धांत के मुताबिक, यह चूड़ी निर्माताओं के एक अन्य जाति समुदाय से भी संबंधित हो सकते हैं, जिन्हें मनिहार के नाम से जाना जाता है.

Disclosure: Some of the links below are affiliate links, meaning that at no additional cost to you, I will receive a commission if you click through and make a purchase. For more information, read our full affiliate disclosure here. |