आरएसएस पर हमेशा ये इल्जाम लगाया जाता है कि इसने कभी स्वंत्रता आंदोलन में भाग नहीं लिया और हमेशा हिंदुत्व की बात करते रहे. आरएसएस पर ये भी इल्जाम लगाया जाता है कि वो समाज में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ते हैं. कुछ तथ्य जिससे आप ये जान पाएंगे की आरएसएस का स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान था.
1.1925 में संघ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ही था देश को आजाद कराना था।
2.डा० हेडगेवार जी जो संघ के संस्थापक थे, सच्चे देशभक्त थे. 1921-1930 तक अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन में कांग्रेस के साथ थे. इसके कारण वो कई बार जेल भी गए.
3.डा० हेडगेवार प्रमुख आंदोलनकारी जैसे श्री अरविन्द, वारीन्द्र घोष, त्रैलोक्यनाथ चक्रवर्ती आदि के सहयोगी रहे.
4.क्रन्तिकारी राजगुरु को कौन नहीं जानता. वे भी 1 संघ वेदशाला में पढ़ते-पढ़ते स्वयंसेवक बन गए थे.
5.हेडगेवार ने राजगुरु को उमरेड में भैया जी दाणी हाउस पर छिपने की व्यवस्था की थी.
6.कांग्रेस के सत्याग्रह आंदोलन में आरएसएस का महत्वपूर्ण योगदान था. आरएसएस के कई सदस्यों ने इसमें भाग लिया था . डा० हेडगेवार के अलावे आप्पा जी जोशी,दादाराव परमार्थ और अन्य 12 प्रमुख स्वयंसेवक थे. आरएसएस के सदस्य सत्याग्रह के समय उपस्थित रहते थे. इस आंदोलन में ये लोग जेल भी गए थे .
7.श्री बाला जी हुद्दार जो स्वयंसेवक थे उनको अंग्रेज सरकार ने 1932 में हुए मशहूर खजाना लूट कांड में बंदी बनाया गया था. इस कांड में क्रन्तिकारी जतीन्द्र नाथ दास शहीद हो गए थे.
8.स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रियता के ही कारण अंग्रेज सरकार ने 5 अगस्त 1940 को संघ पर प्रतिबन्ध लगा दिया था.
9.1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में आरएसएस का बड़ा योगदान था कई सदस्य इसमें शहीद हो गए थे .इनमे से 1 प्रमुख नाम था. श्री रमाकान्त केशव देशपाण्डे ,जिनको फांसी की सजा सुनायी गयी थी.
10 .संघ के प्रमुख नेता बाबा साहब आप्टे ने 12 दिसंबर 1943 को जबलपुर में कहा था- “अंग्रेजों का अत्याचार असहनीय है, देश को आजादी के लिए तैयार हो जाना चाहिए.”
11.आजाद हिन्द फ़ौज के संस्थापना में आरएसएस का योगदान रहा था 20 सितम्बर
1943 में नागपुर में हुई संघ की गुप्त बैठक में संभावित योजना पर विचार हुआ.