
Last Updated on 26/02/2022 by Sarvan Kumar
डोगरा (Dogra) भारत और पाकिस्तान में पाया जाने वाला एक इंडो-आर्यन जातीय-भाषाई समूह (Indo-Aryan ethno-linguistic group) है, जिसमें डोगरी भाषा (Dogri language) बोलने वाले लोग शामिल हैं. यहां यह स्पष्ट कर देना जरूरी है, आधुनिक समय में, डोगरा शब्द एक जातीय पहचान में बदल गया है, जिसका दावा उन सभी लोगों द्वारा किया जाता है जो डोगरी भाषा बोलते हैं, चाहे वह किसी भी धर्म के हों.आइए जानते हैं डोगरा जाति का इतिहास, डोगरा शब्द की उत्पति कैसे हुई?
डोगरा जाति परिचय
यह मुख्य रूप से भारत के जम्मू क्षेत्र में निवास करते हैं.
जम्मू के अलावे पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा में भी इनकी उपस्थिति है. साल 2011 में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भारत में इनकी जनसंख्या 25 लाख के करीब बताई गई थी. 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू संभाग की कुल जनसंख्या 53,78,538 थी. इस जनगणना में डोगरा को प्रमुख समूह बताया गया था, जिनकी आबादी 62.55 थी.पाकिस्तान में यह मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी पाकिस्तान में निवास करते हैं.
धर्म
अधिकांश डोगरा हिंदू धर्म को मानते हैं. इनमें से कुछ इस्लाम और सिख धर्म के भी अनुयाई हैं. बता दें कि सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी में कुछ डोगराओं ने इस्लाम धर्म को अपना लिया था.
भाषा
यह डोगरी भाषा बोलते हैं. डोगरी; संस्कृत, पंजाबी और फारसी का मिश्रण है, जिसका मूल संस्कृत की इंडो-आर्यन शाखा में वापस जाता है.
डोगरा शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?
ऐसी मान्यता है कि डोगरा शब्द की उत्पत्ति दुर्गारा
(Durgara) से हुई है. दुर्गारा चंबा (Chamba) में ग्यारहवीं शताब्दी के तांबे-प्लेट शिलालेख में वर्णित एक राज्य (Kingdom) का नाम है. माना जाता है कि मध्ययुगीन काल में “दुर्गारा” शब्द “दुगर” में बदल गया था, जो अंततः “डोगरा” में परिवर्तित हो गया.
डोगरा जाति का इतिहास
इनका इतिहास स्वर्णिम और गौरवशाली रहा है. पराक्रमी डोगरा राजपूतों ने 19 वीं शताब्दी से जम्मू पर शासन किया था, जब गुलाब सिंह को रणजीत सिंह द्वारा जम्मू का वंशानुगत राजा बनाया गया था. राजपूत महाराजा गुलाब सिंह के एक योद्धा के रूप में उभरने के बाद डोगरा राजवंश (Dogra dynasty) एक क्षत्रिय शक्ति के रूप में उभरा. महाराजा गुलाब सिंह का राज पूरे जम्मू क्षेत्र, लद्दाख के एक बड़े हिस्से और भारतीय पंजाब (वर्तमान में हिमाचल प्रदेश) के एक बड़े हिस्से तक पर फैला हुआ था. गुलाब सिंह की प्रजा को ब्रिटिश राज्य के दौरान विशेष मार्शल के रूप में मान्यता दी गई थी. गुलाब सिंह के भाई ध्यान सिंह अक्टूबर 1947 तक पंजाब रियासत के प्रधान मंत्री थे. अमृतसर की संधि (1846) के माध्यम से उन्होंने कश्मीर भी हासिल कर लिया था. विद्वान ओमचंद हांडा (Omachanda Handa) का मानना है कि दुर्गरा लोग मूल रूप से राजस्थान के प्रवासी थे. उनके नाम में दुर्ग (किला) का संकेत इंगित करता है कि ये लोग योद्धा बने रहे और अंततः इन्होंने चिनाब और रावी के बीच शक्तिशाली राज्यों की स्थापना की थी. यह संभवतः सतलुज नदी तक प्रभावशाली रहे. मध्य एशिया में अपने अन्वेषण और पुरातात्विक खोजों के लिए जाने जाने वाले हंगरी में जन्मे ब्रिटिश पुरातत्वविद् सर मार्क ऑरेल स्टीन (Sir Marc Aurel Stein) के अनुसार, इस क्षेत्र में कुछ 11 डोगरा राज्य थे, जिनमें से सभी अंततः जम्मू राज्य में समाहित हो गए, जो उनमें से सबसे शक्तिशाली के रूप में उभरा. जम्मू राज्य के उदय से पहले, बब्बापुरा को डोगरा का प्रमुख राज्य माना जाता था. इनके नाम पर भारतीय सेना में डोगरा रेजिमेंट (Dogra Regiment) भी है, जिसमें मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश और जम्मू क्षेत्र के डोगरा शामिल हैं. डोगरा रेजिमेंट ब्रिटिश भारतीय सेना की उन प्रतिष्ठित रेजिमेंटों में से थी जिसने पूर्वी एशिया से लेकर यूरोप और उत्तरी अफ्रीका तक सभी मोर्चों पर दोनों विश्व युद्धों में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.
डोगरा जाति के प्रमुख व्यक्ति
बंदा सिंह बहादुर – सिख योद्धा
जोरावर सिंह कहलूरिया – खालसा या सिख साम्राज्य के सैन्य जनरल
प्रताप सिंह – जम्मू और कश्मीर के राजा
रणबीर सिंह – जम्मू और कश्मीर के राजा
हरि सिंह (1895-1961) – जम्मू और कश्मीर राज्य के अंतिम शासक
महाराजा गुलाब सिंह – महाराजा रणजीत सिंह के जनरल और जम्मू और कश्मीर के डोगरा राज्य के महाराजा
कर्ण सिंह – कांग्रेस नेता और महाराजा हरि सिंह के पुत्र
भीम सिंह – JKNPP के नेता
मेजर सोमनाथ शर्मा – परमवीर चक्र के पहले प्राप्तकर्ता
कैप्टन सौरभ कालिया- कारगिल युद्ध के नायक
रिद्धि डोगरा – अभिनेत्री
विद्युत जामवाल – अभिनेता
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“Abstract of Speakers’ Strength of Languages and Mother Tongues – 2011” (PDF). censusindia.gov.in. Retrieved 4 January 2021
https://www.webindia123.com/jammu/People/Peoplejammu.htm
John Pike. “Punjab Regiment”. Globalsecurity.org.
Handa, Textiles, Costumes, and Ornaments of the Western Himalaya 1998
Stein, Kalhana’s Rajatarangini 1900


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