Ranjeet Bhartiya 23/03/2023
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Last Updated on 23/03/2023 by Sarvan Kumar

नाई पारंपरिक रूप से बाल काटने के व्यवसाय में लगी एक हिंदू जाति है, जो भारत में व्यापक रूप से वितरित है. बाल काटने के अलावा जन्म, विवाह, मृत्यु और धार्मिक संस्कारों में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसलिए नाई समाज के लोगों का सभी समुदायों और विभिन्न जातियों के साथ बेहद करीबी रिश्ता रहा है. इस समुदाय के अंदर कई तरह के विभाजन देखे गए हैं, जिनमें से गोत्र भी एक है. यहां हम नाई जाति के गोत्र के बारे में जानेंगे.

नाई जाति के गोत्र

नाई जाति के गोत्र (Gotras of Nai caste) के बारे में जानने से पहले इस समुदाय की सामाजिक संरचना के बारे में जानना आवश्यक है. कहा जाता है कि नाई शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के “नापिता” शब्द से हुई है. इस समुदाय को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. बुंदेलखंड में इन्हें खवास के नाम से भी जाना जाता है. उड़िया भाषी क्षेत्रों में इन्हें भंडारी या बारिका के नाम से जाना जाता है. तेलुगु भाषी क्षेत्रों में इन्हें मंगला के नाम से जाना जाता है. तमिलनाडु में इन्हें अंबट्टन जाति के रूप में जाना जाता है.

इस समुदाय में बड़ी संख्या में विभाजन हैं. उदाहरण के लिए- मरू, मालपुरिया, पुरबिया, बैद, पुरबिया, भोजपुरिया, कनौजिया आदि. इन विभाजनों के आगे यह समुदाय कई बहिर्विवाही कुलों में विभाजित हैं. नाई जाति में अनेक गोत्र होते हैं. इन गोत्रों के नाम ब्राह्मण संतों, राजपूत गोत्रों और व्यावसायिक पेशे के नाम पर आधारित हैं. नाई जाति में पाये जाने वाले प्रमुख गोत्रों के बारे में हम नीचे बता रहे हैं-

• नाई समाज कई बहिर्विवाही समूहों या गोत्रों में विभाजित हैं, उनमें से कुछ का नाम ब्राह्मण ऋषियों के नाम पर रखा गया है, जैसे कि गौतम, कश्यप, कोसिल, शांडिल्य और भारद्वाज आदि.

• इनके कई गोत्र राजपूत कुलों के नाम पर आधारित है जैसे कि के बाद सूरजवंशी, जदुवंशी, सोलंकी, चौहान , परिहार, गहलोत, टांक, राठौर और पंवार आदि.

• इनके अलावा इनके कई गोत्र नाममात्र या कुलदेवतावादी हैं, जैसे नाइक, सेठ, रावत, नागेश, नाग, बाघ, भाद्रव, आदि.

• विभिन्न स्रोतों में नाई जाति के गोत्र के रूप में निम्नलिखित गोत्रों का उल्लेख मिलता है, जिसे हम वर्णानुक्रम के अनुसार नीचे बता रहे हैं-

A
अजमेरा, अजमेरिया, अजाड़ीवाल, अनछेरवाल,
आमेरिया, आमेरी, आसीयांन, आसोदिया, ओजणा निर्वाण

B
भैमानिया

C
छालीवाल, छिछोलिया, छोकर, छोछलेण, छलेछरिया, चांगल, चायल, चितोरिया, चितौसिया, चित्तोड़ीया, चौहान, छापरवाल.

D
ददेरिया, दरवारिया, दादरे विया, दायमा, दिनोंदिया, दीवाना, डकोरिया, डुकवाल, डूंखवाल, डेरावरिया, डोलिया, ढोकवाल

G
गंगवाल गणगोरियां, गदाईवाल, गहलोत, गिल, गुजराती, गुथेनिया, गोगाणी चौहान, गोरडिया, गोमला, गोयल, घरोडीया, घोड़ीयाल.

I
इंदोरिया, इकुवार, इसर्गोला, इनणीया.

J
जयकिया, जरीवाल, जलवानिया, जसकल्याण, जसरिया, जसाईवाल, जाखड़, जाखड़, जाखोरीया, जाजम, जाजाया, जादू, जादम, जामड़ीवाल, जायलवाल, जायसवाल, जालवा जेवरिया, जैसा भाटी, जोलानिया, जगाभाटी, जगी योटिया, जटराणा,. झांझीरिया, झाकड़ा, झागड़ा, झारोटिया, झिझ भाटी झीनझा भाटी.

K
कचरा, कच्छप, कछवाया, कटकरीया, कश्यप, कैलोदिया, कैला, कौशल, कौशिक, करोरीवाल, कलोया, कांकरवाल, काकरान, काकेरवाल, कामेवार, कारोलिया, कालीधाड़, कालीया तंवर कालोरिया, किरोड़ीवाल, खंडवाल, खटोर, खण्डेलवाल, खारवाल, खासपुरिया, खिची, खुरदरा, खुवाल, खेड़िया.

R
रिवरिया

T
तमोली, तस्सीवार, तामबोली, तिगाला, तिमोली, तिराडिया, तुन्द्वाल, तेनोरिया तोण गरिया, तोनगरिया, तोमर, टांक, टोकसिया, टोकसिया, तंवर

U
उखनानियाँ, उदातिन, उसरेते, उणवाल

References:
•The Tribes and Castes of the Central Provinces of India, Vol. IV.
By R.V. Russell

•फ़ैज़ाबाद सांस्कृतिक गज़ेटियर
By नीतू सिंह · 2016

•उपेक्षित समुदायों का आत्म इतिहास
200

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