
Last Updated on 03/10/2022 by Sarvan Kumar
प्राचीन ग्रंथों में किसी को वश में करने और अपना काम कराने के लिए कई प्रकार के उपायों का वर्णन किया गया है. इसी क्रम में आइए जानते हैं कि पासवान (दुसाध) को कैसे नियंत्रित करते हैं, यानी पासवान को काबू में करने के उपायों के बारे में जानते हैं.
पासवान को काबू में कैसे करें?
राजनीति शास्त्र के महान ज्ञाता आचर्य चाणक्य ने किसी को अपने नियंत्रण में रखने के 4 उपाय बताए हैं- साम, दाम, दंड और भेद. कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अतिरिक्त शुक्राचार्य के शुक्रनीति, मत्स्यपुराण, अग्निपुराण, वृहस्पतिसूत्र, कामन्दक के नीतिसार आदि प्राचीन ग्रंथों में भी कई प्रकार के युक्तियों का वर्णन मिलता है जिसके द्वारा किसी को नियंत्रित किया जा सकता है. आइए संक्षेप में जानते हैं कि साम, दाम, दंड और भेद का क्या अर्थ है. साम का अर्थ है, स्तुति, चाटुकारिता या धूर्तता. दाम का अर्थ है कीमत या रिश्वत. दण्ड का अर्थ है शक्ति या भय का प्रयोग कर किसी को वश में करना. भेद का अर्थ है शुभचिंतकों और दोस्तों के बीच दुश्मनी या असंतोष पैदा करके व्यक्ति को कमजोर करके उसे नियंत्रित करने की कोशिश करना. आइए अब हम पासवान समुदाय के रवैये, प्रवृत्ति और व्यवहार पैटर्न के बारे में समझते हैं, जिससे हमें मुख्य विषय को समझने में मदद मिलेगी. पासवान क्षत्रिय पृष्ठभूमि से आते हैं..इनका इतिहास वीर गाथाओं से भरा है. इस समुदाय के लोग प्राचीन काल में सैन्य सेवाएं प्रदान करते थे और गांव में चौकीदार के रूप में भी काम करते थे. भले ही जाति व्यवस्था के कारण उनकी सामाजिक स्थिति में गिरावट आई हो, लेकिन उनकी बहादुरी से प्रभावित होकर अंग्रेजों ने उन्हें अपनी सेना में शामिल किया था. दुसाध शब्द का शाब्दिक अर्थ है जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है या जो “अजेय” है. इससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि जोर जबरदस्ती से या शक्ति के बल पर इस जाति को काबू में नहीं किया जा सकता. रामविलास पासवान इस जाति के एक बड़े नेता हुए. उन्होंने भारत के छह प्रधानमंत्रियों के साथ कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया. पासवान जाति के लोगों ने एकजुट होकर रामविलास पासवान के पक्ष में वोट किया और उन्हें सत्ता के शिखर तक पहुंचाया. इससे सिद्ध होता है कि पासवान जाति के लोगों को लोभ से, प्रलोभन से नहीं खरीदा जा सकता और न ही उनमें भेद किया जा सकता है. पासवान जाति के लोग बुद्धिमान होते हैं और वे अपने हितों को जानते हैं. इसलिए आप चाटुकारिता और झूठी प्रशंसा की मदद से उन्हें नियंत्रित नहीं कर सकते. प्रशंसा, सम्मान और प्रेम किसे पसंद नहीं होता, आप इसकी मदद से हीं पासवान को काबू में कर सकते हैं.
Who are the Paswans? ‘Upwardly mobile, powerful’ Dalit group at centre of Bihar polls buzz

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